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अर्थशास्त्री भी बजट में माइक्रोस्कोप लगाकर नहीं ढूंढ पाए 'अच्छे दिन': अखिलेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट-2021 पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि बड़े-बड़े अर्थशास्त्री भी बजट में माइक्रोस्कोप लगाकर भी किसी के लिए अच्छे दिन नहीं ढूंढ पा रहे हैं.

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Published : Feb 2, 2021, 8:19 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट मायूसी का दस्तावेज है. बजट में मिले धोखे को किसान, नौजवान और छोटे कारोबारी कोई भी भूल नहीं पाएंगे. चुनाव से पहले भाजपा ने जुमले और सपने बेचे. सरकार बनने के बाद अब वह जमीन तक बेचने पर आमादा हो गई है.

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में लोगों के लिए अच्छा कुछ भी नहीं है. बड़े-बड़े अर्थशास्त्री भी बजट में माइक्रोस्कोप लगाकर भी किसी के लिए अच्छे दिन नहीं ढूंढ पा रहे हैं. पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त सेस, यूरिया सब्सिडी और पोषण आधारित सामग्री पर सब्सिडी आवंटन में भारी कटौती कृषि विनाशक नीतियों का परिचायक है.

पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा है कि लगता है राजनीतिक दल के रूप में भाजपा का रूपांतरण ट्रेडिंग कंपनी के रूप में हो गया है. उसका काम विपक्षी विधायकों की खरीद-फरोख्त और राष्ट्रीय संपत्तियों को चंद घरानों को देकर रकम एकत्र करना रह गया है.

रोजगार सृजन में निराशा
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि रोजगार सृजन की कई कहानियां भाजपा सरकार सुनाती रहती है, लेकिन हकीकत यह है कि मनरेगा के मद में आवंटन 30% कम कर दिया गया है. ग्रामीण परिवारों पर इससे बड़ा दबाव बढ़ेगा. इसके साथ ही रोजगार सृजन और युवाओं को काम देने की दिशा में यह बजट निराशा का संकेत देता है. युवाओं को विवेकानंद का पाठ पढ़ाने वाले प्रधानमंत्री नौजवानों के हाथों में नई नियुक्तियों के पत्र भी नहीं थमा पा रहे हैं.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट मायूसी का दस्तावेज है. बजट में मिले धोखे को किसान, नौजवान और छोटे कारोबारी कोई भी भूल नहीं पाएंगे. चुनाव से पहले भाजपा ने जुमले और सपने बेचे. सरकार बनने के बाद अब वह जमीन तक बेचने पर आमादा हो गई है.

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में लोगों के लिए अच्छा कुछ भी नहीं है. बड़े-बड़े अर्थशास्त्री भी बजट में माइक्रोस्कोप लगाकर भी किसी के लिए अच्छे दिन नहीं ढूंढ पा रहे हैं. पेट्रोल-डीजल पर अतिरिक्त सेस, यूरिया सब्सिडी और पोषण आधारित सामग्री पर सब्सिडी आवंटन में भारी कटौती कृषि विनाशक नीतियों का परिचायक है.

पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री अखिलेश ने कहा है कि लगता है राजनीतिक दल के रूप में भाजपा का रूपांतरण ट्रेडिंग कंपनी के रूप में हो गया है. उसका काम विपक्षी विधायकों की खरीद-फरोख्त और राष्ट्रीय संपत्तियों को चंद घरानों को देकर रकम एकत्र करना रह गया है.

रोजगार सृजन में निराशा
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि रोजगार सृजन की कई कहानियां भाजपा सरकार सुनाती रहती है, लेकिन हकीकत यह है कि मनरेगा के मद में आवंटन 30% कम कर दिया गया है. ग्रामीण परिवारों पर इससे बड़ा दबाव बढ़ेगा. इसके साथ ही रोजगार सृजन और युवाओं को काम देने की दिशा में यह बजट निराशा का संकेत देता है. युवाओं को विवेकानंद का पाठ पढ़ाने वाले प्रधानमंत्री नौजवानों के हाथों में नई नियुक्तियों के पत्र भी नहीं थमा पा रहे हैं.

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