लखनऊ: महानगर कोतवाली में एक वकील पर मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन अभी तक आरोपी वकील को लखनऊ पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है. आरोप है कि केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो में नियुक्ति के लिए अधिवक्ता राकेश कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फर्जी संस्तुति पत्र लगाया था. जांच में यह पत्र फर्जी पाए जाने पर ब्यूरो के उप निरीक्षक विवेक कुमार ने आरोपी अधिवक्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. एफआईआर दर्ज किए हुए तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक पुलिस आरोपी अधिवक्ता को पकड़ने में नाकाम है.
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बताया जा रहा है कि केंद्रीय स्थित नारकोटिक्स ब्यूरो के उप नारकोटिक्स आयुक्त कार्यालय ने उच्च न्यायालय में एनडीपीएस के मामलों की पैरवी के लिए वकीलों से आवेदन मांगे थे. बाराबंकी के सिविल लाइंस निवासी अधिवक्ता राकेश कुमार अवस्थी ने भी आवेदन किया था. उन्होंने अपने आवेदन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे का संस्तुति पत्र भी लगाया था. नारकोटिक्स ब्यूरो ने 3 जून 2019 को राकेश कुमार अवस्थी की नियुक्ति कर दी.
इस बीच जांच में पता चला कि अधिवक्ता ने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का फर्जी संस्तुति पत्र लगाया था. इसके बाद उप नारकोटिक्स आयुक्त ने इस मामले के लिए जांच के आदेश दिए. जांच में मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की संस्तुति पत्र वास्तविकता से जानने के लिए 3 सितंबर 2020 को मुख्यमंत्री कार्यालय से सूचना मांगी थी. मुख्यमंत्री कार्यालय से 11 सितंबर 2020 को बताया गया कि संस्तुति पत्र फर्जी है. यह कार्यालय से जारी नहीं किया गया है, जिसके संबध में अधिवक्ता पर मुकदमा संख्या 434/2020 की आईपीसी की धारा 420,419,467,468,471 में केस दर्ज किया गया है.
तीन दिन बीत जाने के बाद महानगर पुलिस अभी तक आरोपी अधिवक्ता को पकड़ नहीं पाई है. इंस्पेक्टर महानगर यश कांत ने बताया कि इस प्रकरण की विवेचना एसआई कौशलेंद्र कर रहे हैं और उन्होंने उन्होंने कई बार अधिवक्ता के घर बाराबंकी दबिश दी है, लेकिन अधिवक्ता अभी पुलिस के हाथ नहीं लगा है .जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा.