लखनऊ: ईद के त्योहार मनाने को लेकर शहर काजी मुफ़्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली ने रविवार को फतवा जारी कर मुसलमानों को कई हिदायतें दी हैं. ईद उल फितर की नमाज के संबंध में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए मियां फिरंगी महली ने जारी किए गए फतवे में निम्न बातें कही हैं.
- ईदगाह या जामा मस्जिद (जिस मस्जिद में जुमा की नमाज़ होती हो) के अलावा किसी भी जगह ईद की नमाज मुमकिन नहीं है.
- कोई भी मुसलमान अपने घर पर ईद की नमाज बा जमात न पढ़े.
- किसी भी सूरत में लोग एक जगह पर इकट्ठा न हों.
- मुसलमान अगर चाहे अपने-अपने घरों पर 2 रकात या 4 रकात (मुस्तहब) नफिल नमाज़ शुकराना अकेले-अकेले पढ़ सकते हैं. नमाज़ ईद उल फितर सुन्नत-ए-मोअक्कींदा (वाजिब नमाज) है, इसलिए इसकी कज़ा मुमकिन नहीं है.
- यह नमाज़ सुबह 6:30 बजे से लेकर 11:30 बजे दिन से पहले ही अदा करनी है.
- घरों में ही अलविदा और जुमे की नमाज की जगह ज़ोहर की नमाज अदा करें.
- हालात-ए-हाज़रा में ईद मनाने के लिए नए कपड़ों की जरूरत नहीं है, जो कपड़ा आपके पास बेहतर हो वही पहनकर ईद मनाएं.
- ईद की खुशी अपने-अपने घरों में मनाए न तो किसी के घर जाएं और न ही किसी को अपने घर बुलाएं.
- ईद की खुशी में लोगों से गले मिलने और मुसाफा करने से परहेज करें, मोबाईल के जरिए ही दोस्तों और रिश्तेदारों को ईद की मुबारकबाद दें.
- हुकूमत की तरफ से कोरोना के संबंध में कोई नई गाइडलाइंस जारी की जाती हैं तो उसका तमाम मुसलमान मिलकर पालन करें.