लखनऊ : बीते बुधवार को ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या करने वाले विशाल सैनी के परिवार वालों ने आईपीएस प्राची सिंह पर कार्रवाई की मांग की है. वहीं कमिश्नरेट ने एडीसीपी प्राची को बुधवार को ही इस मामले में क्लीन चिट दे दिया था.
दरअसल, बीते बुधवार को हसनगंज थाना क्षेत्र के रैदास मंदिर के पास रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन के आगे कूदकर विशाल सैनी नामक युवक ने आत्महत्या कर ली थी. मृतक ने अपनी मौत का जिम्मेदार एडीसीपी उत्तरी प्राची सिंह को ठहराया था. उसका कहना था कि एडीसीपी प्राची सिंह ने उसको फंसाया है, इसलिए वो अब आत्महत्या कर रहा है. दूसरी तरफ पुलिस विभाग के अनुसार आईपीएस प्राची सिंह के नेतृत्व में कई स्थानों पर छापेमारी की गई थी. इंदिरा नगर में हुई छापेमारी में विशाल नामक युवक रंगे हाथ पकड़ा गया था.
मृतक के परिजन का नहीं लिया गया शिकायती पत्र
पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसके पास से आपत्तिजनक सामान भी मौके से मिले थे. इस मामले में 35 लोग और पकड़े गए थे, जिनको गिरफ्तार करते हुए जेल भेजा गया था. वहीं आज मृतक के परिजनों ने सुसाइड नोट के आधार पर आईपीएस प्राची सिंह के खिलाफ शिकायती पत्र देकर मुकदमा दर्ज कराने की बात कही है. परिजनों का आरोप है कि उनका शिकायती पत्र नहीं लिया गया है.
कुछ दिन पहले ही जमानत पर बाहर आया था युवक
मिली जानकारी के मुताबिक, अलीगंज निवासी विशाल सैनी (25) सचिवालय में नौकरी करता था. इसके साथ मृतक एक एनजीओ में भी शामिल था. एनजीओ के जरिए वो बच्चों के लिए कॉपी, किताब और सामान उपलब्ध कराया करता था. दूसरी तरफ वो स्पा पार्लर में हुई छापेमारी के दौरान पकड़ कर वो जेल भेजा गया था. अभी कुछ दिन पहले ही वो जेल से जमानत पर बाहर आया था. वहीं खुद की बदनामी के कारण उसने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली थी. साथ ही अपनी मौत का जिम्मेदार उसने आईपीएस प्राची सिंह को ठहराया था.
आत्महत्या करने से पहले किया था पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन
मृतक ने आत्महत्या से पहले अपने परिजनों को फोन कर इस बात की जानकारी दी. उसके बाद उसने पुलिस कंट्रोल रूम 112 पर खुद के आत्महत्या करने की सूचना दी थी. सुसाइड करने की जानकारी मिलते ही पुलिस आनन-फानन में मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक विशाल ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी.
परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप
मृतक के परिजनों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी 2 दिन पहले ही विशाल को जमानत पर बाहर लाया गया था. लेकिन वह काफी परेशान रह रहा था. आरोप है कि वह अपनी बदनामी को लेकर काफी परेशान था. क्योंकि वह निर्दोष था और जबरन इस मामले में संलिप्त बताते हुए जेल भेज दिया गया था. परिजनों का कहना है कि विशाल गरीब बच्चों के लिए काम किया करता था और उनकी पढ़ाई का भी खर्चा उठाता था. इस तरह का काम करने वाला विशाल इस तरह की घटना कैसे कर सकता है. उसको फंसाया गया है. मृतक के परिजन का कहना है इस मामले पर सीबीआई जांच होनी चाहिए.
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कमिश्नरेट ने दी थी आईपीएस को क्लीन चिट
बुधवार को विशाल सैनी ने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या की थी. इस पर मौत का जिम्मेदार आईपीएस प्राची सिंह को ठहराया था. इस मामले की लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर जांच कर रहे थे. तो वहीं देर रात आईपीएस प्राची सिंह को क्लीन चिट देते हुए बताया कि मृतक सेक्स रैकेट में हुई छापेमारी के दौरान रंगे हाथों पकड़ा गया था. पुलिस अधिकारी ने बताया था कि इसके पास से आपत्तिजनक चीजें भी मिली थीं. फिलहाल सभी आरोप निराधार है.