लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम का फर्जी अधिकारी बनकर डग्गामार बस संचालित करने वाला एक व्यक्ति पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो उसने बताया कि रोडवेज का अपर प्रबंध निदेशक बनकर बस संचालित करवाता है. फर्जी एएमडी की नेमप्लेट गाड़ी में लगवाकर काफी दिनों से बस संचालन करा रहा था.
![लखनऊ में फर्जी एएमडी की कार](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-luc-05-roadways-amd-7203805_17022021210505_1702f_1613576105_897.jpg)
सिक्योरिटी गार्ड ने दी सूचना
लखनऊ के कैसरबाग बस स्टेशन के पास से बुधवार को पकड़ा गया फर्जी एएमडी इनोवा कार में बैठकर लखनऊ डिपो के नाम से हरदोई और शाहजहांपुर की सवारी बिठा रहा था. बस में अभी सात सवारी ही बैठी थीं कि सिक्योरिटी गार्ड ने इसकी सूचना अधिकारी को पहुंचाई. मौके पर पहुंचे कैसरबाग बस स्टेशन के एआरएम ने पूछताछ शुरू की तो फर्जी एएमडी होने की बात का खुलासा हुआ. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई. इसके बाद फर्जी एएमडी समेत ड्राइवर कंडक्टर को पुलिस हिरासत में ले गई.
![लखनऊ में फर्जी एएमडी की बस](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-luc-05-roadways-amd-7203805_17022021210505_1702f_1613576105_639.jpg)
एआरएम को दबाव में लेने की कोशिश
कैसरबाग बस स्टेशन के सामने बुधवार को ठिंगरी भारत सड़क परिवहन लिखी बस में सवारी बैठ रही थीं. बस का नंबर यूपी 32 ईएन 8616 था. पूछताछ करने पहुंचे एआरएम रमेश सिंह विष्ट को बस के पीछे फर्जी एएमडी की नेमप्लेट लगाए इनोवा गाड़ी (नंबर यूपी 32 एलटी 2451) मिली. एएमडी लिखाए तौकीर शेख ने अपने आपको एएमडी बताते हुए एआरएम को दबाव में लेने की कोशिश की. इस दौरान एआरएम रमेश सिंह बिष्ट ने वजीरगंज पुलिस बुलाकर फर्जी एएमडी तौकीर शेख पुत्र शोएब शेख निवासी धर्मसाडा आजमगढ़, परिचालक सादिक निवासी आजमगढ़ और चालक अनिल कुमार सिंह निवासी माल रोड हरदोई के खिलाफ मामला दर्ज कराते हुए पुलिस को सौंप दिया.
इस नाम से चल रही थी बस
पकड़ी गई बस पर लखनऊ डिपो लिखा था, जबकि परिवहन निगम के रिकॉर्ड में ऐसा कोई डिपो ही नहीं है. बता दें कि इसके पहले भी सहरानपुर क्षेत्र के अंतर्गत जलालाबाद डिपो के नाम से फर्जी बस डिपो का मामला सामने आया था. इस मामले में वजीरगंज कोतवाली की हाता पुलिस चौकी के प्रभारी राहुल द्विवेदी ने फर्जी अपर प्रबंध निदेशक सहित तीन को हिरासत में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है.
फर्जी भर्ती का खुलासा
शातिर एएमडी तौकीर शेख और सीएमडी सुरेंद्र पाल मिलकर ड्राइवर कंडक्टरों की फर्जी भर्ती का लालच देकर गुमराह करते थे. पूछताछ में परिवहन निगम के नाम पर बस कंडक्टर को 19,900 व बस ड्राइवर को 18000 रुपये देने का भी गुनाह कबूल किया है.