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'शक्ति के विविध स्वरूप' विषयक पर प्रदर्शनी का आयोजन

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Published : Mar 8, 2021, 11:01 AM IST

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या मिशन शक्ति के तहत लखनऊ में 'शक्ति के विविध स्वरूप' व 'मृण प्रतिमाओं में मातृशक्तियां' विषयक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. यह प्रदर्शनी 31 मार्च तक चलती रहेगी.

मृण् प्रतिमाओं में मातृशक्तियां" विषयक प्रदर्शनी
मृण् प्रतिमाओं में मातृशक्तियां" विषयक प्रदर्शनी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से संचालित 'मिशन शक्ति अभियान' के अन्तर्गत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर राज्य संग्रहालय में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी में 'शक्ति के विविध रूप’ विषयक मृण्मूर्तियों एवं प्रस्तर कालाकृतियों को प्रदर्शित किया. प्रदर्शनी का उद्घाटन लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित सेन्ट्रर फॉर कल्चरल टेक्सट के निदेशक प्रोफेसर निशि पाण्डेय ने किया.

मृण् प्रतिमाओं में मातृशक्तियां
मृण् प्रतिमाओं में मातृशक्तियां" विषयक प्रदर्शनी
मातृकाएं शक्ति का स्रोत हैं प्रदर्शनी में भारत में मातृशक्ति उपासना के प्रारम्भिक अर्थात हड़प्पा संस्कृति से आधुनिक काल तक के विभिन्न स्वरूपों को कलाकृतियों एवं छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया. निदेशक प्रोफेसर निशि पाण्डेय ने कहा कि मातृकाएं शक्ति का स्रोत हैं और अपनी संतान की समस्त आपदाओं से रक्षा के लिए सर्वथा योग्य हैं. इस प्रकार साहित्यिक एवं पुरातात्विक प्रमाणों के आधार पर यह स्पष्ट परिलक्षित है कि मातृशक्ति के बिना विश्व की कल्पना नहीं की जा सकती.

इसे भी पढे़ं-अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सीएम योगी ने दी शुभकामनाएं

'जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं'
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. निशि पाण्डेय ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का अर्थ है महिलाओं की अध्यात्मिक, शैक्षिक, सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक शक्ति में वृद्वि करना. उन्होंने कहा कि जिस घर में स्त्रियों का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं.

31 मार्च तक चलेगी प्रदर्शनी
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय के निदेशक डाॅ.आनन्द कुमार सिंह ने कहा कि संग्रहालय का उद्देश्य प्राचीन एवं कौतूहलपूर्ण वस्तुओं का संकलन, संरक्षण, प्रकाशन तथा पर्यटकों को आकृष्ट कर उन्हें भारतीय इतिहास एवं संस्कृति के विविध पहलुओं की जानकारी उपलब्ध कराना है. अन्त में निदेशक ने बताया गया कि प्रदर्शनी दर्शकों के अवलोकनार्थ दिनाक 31 मार्च तक खुली रहेगा.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से संचालित 'मिशन शक्ति अभियान' के अन्तर्गत अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर राज्य संग्रहालय में प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी में 'शक्ति के विविध रूप’ विषयक मृण्मूर्तियों एवं प्रस्तर कालाकृतियों को प्रदर्शित किया. प्रदर्शनी का उद्घाटन लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित सेन्ट्रर फॉर कल्चरल टेक्सट के निदेशक प्रोफेसर निशि पाण्डेय ने किया.

मृण् प्रतिमाओं में मातृशक्तियां
मृण् प्रतिमाओं में मातृशक्तियां" विषयक प्रदर्शनी
मातृकाएं शक्ति का स्रोत हैं प्रदर्शनी में भारत में मातृशक्ति उपासना के प्रारम्भिक अर्थात हड़प्पा संस्कृति से आधुनिक काल तक के विभिन्न स्वरूपों को कलाकृतियों एवं छायाचित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया. निदेशक प्रोफेसर निशि पाण्डेय ने कहा कि मातृकाएं शक्ति का स्रोत हैं और अपनी संतान की समस्त आपदाओं से रक्षा के लिए सर्वथा योग्य हैं. इस प्रकार साहित्यिक एवं पुरातात्विक प्रमाणों के आधार पर यह स्पष्ट परिलक्षित है कि मातृशक्ति के बिना विश्व की कल्पना नहीं की जा सकती.

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'जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं'
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो. निशि पाण्डेय ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का अर्थ है महिलाओं की अध्यात्मिक, शैक्षिक, सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक शक्ति में वृद्वि करना. उन्होंने कहा कि जिस घर में स्त्रियों का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं.

31 मार्च तक चलेगी प्रदर्शनी
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय के निदेशक डाॅ.आनन्द कुमार सिंह ने कहा कि संग्रहालय का उद्देश्य प्राचीन एवं कौतूहलपूर्ण वस्तुओं का संकलन, संरक्षण, प्रकाशन तथा पर्यटकों को आकृष्ट कर उन्हें भारतीय इतिहास एवं संस्कृति के विविध पहलुओं की जानकारी उपलब्ध कराना है. अन्त में निदेशक ने बताया गया कि प्रदर्शनी दर्शकों के अवलोकनार्थ दिनाक 31 मार्च तक खुली रहेगा.

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