लखनऊ: आवास विकास ने बड़ी टाउनशिप में एक जलाशय बनाने को लेकर निर्देश जारी किए हैं. इसके अंतर्गत बड़ी टाउनशिप परियोजनाओं में 1% क्षेत्रफल में जलाशय का निर्माण कराना अनिवार्य कर दिया गया है. बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए यह कवायद शुरू की गई है. बारिश के पानी को संरक्षित करने के लिए 10 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाली टाउनशिप परियोजनाओं में यह काम संबंधित बिल्डरों को करना होगा.
प्रमुख सचिव आवास ने जारी किया आदेश
राज्य सरकार ने भविष्य में होने वाले जल संकट को देखते हुए यह कवायद शुरू की है. प्रमुख सचिव आवास विभाग दीपक कुमार ने बड़ी टाउनशिप परियोजनाओं में 1 फीसद क्षेत्रफल में जलाशय निर्माण के लिए संबंधित आवास विकास परिषद और सभी विकास प्राधिकरण को निर्देश जारी किया है. प्रमुख सचिव ने कहा है कि केंद्र सरकार के कैच द रेन कार्यक्रम के अंतर्गत 10 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल की योजनाओं के लेआउट प्लान में पार्क और खुले क्षेत्र के लिए प्रस्तावित जमीन के साथ ही जलाशय का निर्माण भी अनिवार्य रूप से करना होगा. संबंधित योजना के अंतर्गत वर्षा जल के प्राकृतिक केचमेंट एरिया को चिह्नित करते हुए पानी के ठहराव की व्यवस्था करानी होगी. इसके साथ ही पार्क और खुले क्षेत्र के अंतर्गत निर्धारित मानकों के अनुसार एक कोने में रिचार्ज पिट, रिचार्ज शॉफ्ट और जलाशय का निर्माण कराना होगा.
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ये कहा गया है शासनादेश में
बड़ी टाऊनशिप परियोजनाओं में पार्कों में पक्का निर्माण सिर्फ 5% से अधिक नहीं करने की बात कही गई है. वर्षा जल के अधिकतम भूमिगत रिसाव को अपनाने के लिए पार्क एवं कॉलेजों को प्रोत्साहित किया जाएगा. सड़क, पार्क और खुले स्थान में ऐसे पेड़-पौधों का रोपण किया जाएगा, जिनको जल की न्यूनतम जरूरत होगी. इसके साथ ही शासकीय भवन, निजी सोसायटी और सहकारी आवास समितियों की प्रस्तावित नई योजनाओं के लेआउट प्लान में दुर्बल वर्ग को छोड़कर अवस्थापना सुविधाओं में जलापूर्ति, ड्रेनेज और सीवरेज के नेटवर्क के साथ-साथ रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग का प्रावधान निश्चित रूप से किया जाएगा. इसके साथ ही भूजल की सामूहिक रिचार्जिंग के लिए अन्य नेटवर्क का प्रावधान भी किया जाएगा.
इन्हें करनी होगी जल संचयन की व्यवस्था
शासन के निर्देशों के अनुसार इसके अलावा यदि 300 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल के प्लॉट में यदि सामूहिक रिचार्ज नेटवर्क नहीं है, तो भवन स्वामी को स्वयं ही वर्षा जल संचयन के लिए व्यवस्था करनी होगी. इस साल अंबेडकर जयंती पर 14 अप्रैल और 15 अगस्त को मुख्यालयों पर जल संरक्षण के संबंध में विशेष कार्यक्रम आयोजित करने के भी निर्देश दिए गए हैं.