लखनऊः जैसे-जैसे लोगों का रुझान डिजिटल की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, उसी तरह साइबर अपराधी भी सक्रिय होते जा रहे हैं. साइबर ठग नए-नए तरीके अपना कर लोगों की गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं. साइबर अपराधी उच्च तकनीक का इस्तेमाल करके एक जगह बैठकर लोगों की जेबों पर डाका डाल रहे हैं. बढ़ता साइबर अपराध आम लोगों के साथ पुलिस विभाग के लिए भी चुनौती बन गया है. प्रदेश की राजधानी में भी साइबर अपराधी काफी सक्रिय हैं, जिससे आए दिन ऑनलाइन ठगी के मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं.
साइबर थानों के लिए 32 करोड़ रुपये स्वीकृत
बता दें कि पिछले साल सिर्फ लखनऊ में 2750 मामले साइबर अपराध के दर्ज किए गए. वह भी तब जब राजधानी में 3 महीनों तक लॉकडाउन रहा. साइबर ठग फर्जी शॉपिंग वे बनाकर लोगों की गाढ़ी कमाई को नए-नए तरीकों के माध्यम से ठग रहे हैं. बढ़ते हुए साइबर अपराध को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश का गृह विभाग भी चिंतित है. लोक भवन में मंगलवार को हुई बैठक में साइबर के परिक्षेत्र थानों को मजबूत करने के लिए 32 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई.
राजधानी में बढ़ रहे साइबर अपराध
कोरोना काल में जिस तेजी से डिजिटल इकोनॉमी का दौर बढ़ा है, उसी तेजी से साइबर अपराध का ग्राफ भी बढ़ने लगा है. पुलिस थानों में दर्ज होने वाला हर छठा मामला साइबर अपराध से जुड़ा होता है. राजधानी लखनऊ में लखनऊ कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद 1 साल में 2750 मामले साइबर अपराध के दर्ज किए गए. साल 2020 में साइबर जालसाज 10 करोड़ की रकम पर हाथ साफ किया है. साल 2019 में 17 करोड़ और साल 2018 में जालसाजों ने 15 करोड़ लोगों बैंक खातों से उड़ाए थे.
एटीएम क्लोन के मामले बढ़े
राजधानी लखनऊ में एटीएम क्लोन के मामले इन दिनों खूब बढ़ रहे हैं. राजधानी के चार थाना क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पर इस तरह के मामले बड़ी संख्या में दर्ज किए जा रहे हैं. कृष्णा नगर, सरोजिनी नगर, पीजीआई और तेलीबाग क्षेत्र से सबसे ज्यादा एटीएम क्लोन की शिकायतें मिल रही है. जालसाज इन क्षेत्र में एटीएम का क्लोन बनाकर लोगों के बैंक खातों में सेंध लगा रहे हैं.
90 फीसद पुरुष साइबर अपराध के शिकार
साल 2020 के साइबर अपराध के दर्ज आंकड़ों में पुरुष सबसे ज्यादा शिकार हुए हैं. जबकि महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले काफी कम है. साल 2020 में जहां 2750 मामले दर्ज हैं. इनमें महिलाओं के साइबर अपराध के शिकार होने की दर केवल 10 फीसदी ही है, जबकि 90 फीसदी पुरुष हैं.
एटीएम क्लोन से ठगी होने पर बैंक करता है क्षतिपूर्ति
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की गाइडलाइन के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति का एटीएम क्लोन बनाकर उसके बैंक खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं. ऐसी स्थिति में पीड़ित को उसका बैंक क्षतिपूर्ति करेगा. लेकिन ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती है और वह शिकार होने के बाद भी अपनी रकम को नहीं ले पाते हैं.
साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. फिर भी खुद की जागरूकता से ही साइबर ठगी से बचा जा सकता है. लोग जितना ज्यादा जागरूक रहेंगे उनके साथ फ्रॉड होने की संभावना कम होगी.विवेक रंजन राय, एसीपी साइबर क्राइम