लखनऊ: देश में कांग्रेस की कमान एक बार फिर सोनिया गांधी के हाथ में देने के बाद अब उत्तर प्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तेजी से कवायद शुरू हो गई है. यूपी कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता चाहते हैं कि अगर प्रदेश में सवर्ण वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाए, तो इसका फायदा आगामी चुनावों में कांग्रेस को मिलेगा. दरअसल सवर्ण अध्यक्ष ही सवर्णों को कांग्रेस की तरफ आकर्षित कर सकता है. वहीं सवर्ण नेता के रूप में उत्तर प्रदेश में कांग्रेसियों की पहली पसंद वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत ने कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह से बातचीत की.
यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बदलने को लेकर कवायद शुरू
कांग्रेसी तर्क दे रहे हैं कि भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष पिछड़े वर्ग से है. वहीं सपा का भी पिछड़े वर्ग से ही प्रदेश अध्यक्ष है और अपना दल का भी प्रदेश अध्यक्ष पिछड़े वर्ग से ही आता है. ऐसे में अगर कांग्रेस भी पिछड़े वर्ग को ही तवज्जो देगी, तो तीनों पार्टियों से टक्कर ले पाना काफी मुश्किल होगा. इससे कांग्रेस को फायदे के बजाय नुकसान ही होगा. वर्तमान में यूपी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान पिछड़ा वर्ग के हाथों में ही है. राज बब्बर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते विधानसभा और लोकसभा चुनाव संपन्न हुए, जिसमें कांग्रेस लगातार पिछड़ती ही रही है. ऐसे में अब कांग्रेस सवर्ण वर्ग के नेता पर दांव खेल सकती है, हालांकि कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता किसी जाति और वर्ग की राजनीति से इनकार करते हैं. वे कहते हैं कि हमारे यहां जाति और वर्ग की राजनीति नहीं होती. हम किसी पर्सनालिटी को ही प्रदेश अध्यक्ष के रूप में तवज्जो देंगे.
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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि
कांग्रेस पार्टी पर्सनालिटी बेस्ड पार्टी है. पंडित नारायण दत्त तिवारी, रीता बहुगुणा जोशी, जितिन प्रसाद, निर्मल खत्री और राज बब्बर जैसी पर्सनालिटी कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस ऐसे चेहरे को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहेगी, जिसका जनता से सीधा संबंध हो और साथ ही जनता उसे जानती-मानती हो. जहां तक तीन नाम सामने आने की बात है तो यह हाईकमान ही तय करेगा कि कौन बेहतर है.
यूपी कांग्रेस प्रवक्ता के लिए प्रमोद तिवारी बने पहली पसंद
कांग्रेस के विश्वस्त सूत्र बताते हैं, कि जल्द ही यूपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल जाएगा. जिसके लिए कुल 3 नाम चर्चा में हैं. जिनमें पहला नाम कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी का है. दूसरा नाम कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और दलित वर्ग के साथ ही ब्यूरोक्रेसी में अच्छी पकड़ रखने वाले पीएल पुनिया का है, तो वहीं तीसरा नाम वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आरपीएन सिंह का है, लेकिन इन तीनों नेताओं में से अगर प्रदेश अध्यक्ष बनाने की बात आती है तो प्रमोद तिवारी दोनों नेताओं को काफी पीछे छोड़ रहे हैं. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस अपनी खोई हुई जमीन को हासिल करने के लिए प्रमोद तिवारी को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने से शायद ही गुरेज करे.