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किसानों के ट्यूबवेल का डिस्कनेक्शन नहीं डोर नॉक करें: ऊर्जा मंत्री - प्रदेश सरकार

ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार किसानों को 7.5 रुपए प्रति यूनिट लागत की बिजली 1.20 रुपये प्रति यूनिट एक गरीब को 100 यूनिट तक दे रही है.

ऊर्जा मंत्री.
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Published : Feb 21, 2021, 5:02 AM IST

लखनऊ: प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार किसानों को 7.5 रुपए प्रति यूनिट लागत की बिजली 1.20 रुपये प्रति यूनिट एक गरीब को 100 यूनिट तक दे रही है. गरीब और किसान को सस्ती बिजली देने के लिए पावर कारपोरेशन को 12,500 करोड़ रुपये की सालाना सब्सिडी दी जा रही है. यह सब्सिडी पूर्व सरकार में केवल 56 सौ करोड़ रुपये थी. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि किसानों के ट्यूबवेल का डिस्कनेक्शन नहीं डोर नॉक करें. उपभोक्ताओं को सही बिल समय पर जारी करें और उन्हें बिल भरने के लिए प्रेरित करें.


'पिछली सरकारों में किसान ठंड में ठिठुरते हुए जागता था'

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में किसान सिंचाई के लिए ठंड में ठिठुरते हुए रात भर जागता था. अब प्रदेश सरकार कृषकों के लिए फीडर सेपरेशन कर दिन में सिंचाई के लिए सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली दे रही है. गांवों को रोज 18 घंटे और पूर्व की सरकारों की तुलना में 54 फीसदी ज्यादा बिजली दी जा रही है.

पढ़ें: 'यूपी में जंगलराज, मुख्यमंत्री योगी दें इस्तीफा'

10 घंटे किसानों को मिल रही बिजली

उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों में किसान भरपूर बिजली न मिलने से अपने खेतों की सिंचाई डीजल से करने के लिए मजबूर थे. उन्हें प्रति यूनिट 25 रुपये का खर्च आता था. प्रदेश की वर्तमान सरकार में सिंचाई के लिए किसानों को 10 घंटे बिजली मिल रही है. पर्याप्त बिजली मिलने से खर्च अब 1.20 रुपये प्रति यूनिट आ रहा है.

लखनऊ: प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार किसानों को 7.5 रुपए प्रति यूनिट लागत की बिजली 1.20 रुपये प्रति यूनिट एक गरीब को 100 यूनिट तक दे रही है. गरीब और किसान को सस्ती बिजली देने के लिए पावर कारपोरेशन को 12,500 करोड़ रुपये की सालाना सब्सिडी दी जा रही है. यह सब्सिडी पूर्व सरकार में केवल 56 सौ करोड़ रुपये थी. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि किसानों के ट्यूबवेल का डिस्कनेक्शन नहीं डोर नॉक करें. उपभोक्ताओं को सही बिल समय पर जारी करें और उन्हें बिल भरने के लिए प्रेरित करें.


'पिछली सरकारों में किसान ठंड में ठिठुरते हुए जागता था'

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में किसान सिंचाई के लिए ठंड में ठिठुरते हुए रात भर जागता था. अब प्रदेश सरकार कृषकों के लिए फीडर सेपरेशन कर दिन में सिंचाई के लिए सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली दे रही है. गांवों को रोज 18 घंटे और पूर्व की सरकारों की तुलना में 54 फीसदी ज्यादा बिजली दी जा रही है.

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10 घंटे किसानों को मिल रही बिजली

उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों में किसान भरपूर बिजली न मिलने से अपने खेतों की सिंचाई डीजल से करने के लिए मजबूर थे. उन्हें प्रति यूनिट 25 रुपये का खर्च आता था. प्रदेश की वर्तमान सरकार में सिंचाई के लिए किसानों को 10 घंटे बिजली मिल रही है. पर्याप्त बिजली मिलने से खर्च अब 1.20 रुपये प्रति यूनिट आ रहा है.

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