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Energy Minister AK Sharma बोले, लाइनों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले बिजलीकर्मियों पर होगी कार्रवाई - press conference at Shakti Bhawan

बिजलीकर्मियों की हड़ताल को लेकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (Energy Minister AK Sharma) ने सख्त निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि 'बीती रात कई जिलों में कई बिजली कर्मियों ने लाइनों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. ऐसे लोगों को आसमान-पाताल से खोजकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.'

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Published : Mar 17, 2023, 6:32 PM IST

Updated : Mar 17, 2023, 7:15 PM IST

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा

लखनऊ : गुरुवार की रात 10 बजे से शुरू हुई बिजली कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल के 12 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद प्रदेश में बिजली व्यवस्था धीरे-धीरे चरमराना शुरू हो गई है. बिजलीकर्मियों की हड़ताल को लेकर खुद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा सामने आए हैं. उन्होंने शक्ति भवन में एक प्रेसवार्ता कर कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल राजनीति से प्रेरित है. अभी हमारी सरकार को आए हुए 3 महीने हुए ही हैं, फिर भी कर्मचारी संगठनों ने तुरंत ही हड़ताल कर दी है जो पूरी तरह से गलत है. इसके बाद भी प्रदेश में किसी भी तरह के बिजली संकट की कोई समस्या नहीं है. उन्होंने राज्य की जनता को आश्वस्त किया कि सप्लाई, डिमांड व आपूर्ति नियंत्रण में है, कहीं कुछ फॉल्ट हुए हैं उसे भी दूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं जनता से इस समस्या के दौरान धैर्य-संयम बनाये रखने की अपील करता हूं. इसके अलावा उन्होंने अपील की कि सभी सांसद विधायक जिला पंचायत सदस्य ब्लाक प्रमुख सहित सभी गणमान्य व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्रों में स्थिति पर नजर बनाए रखें और किसी भी अप्रिय घटना होने पर उसकी सूचना तुरंत ही सक्षम अधिकारियों को दें.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 'बीती रात कई जिलों में कई बिजली कर्मियों ने लाइनों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. ऐसे लोगों को आसमान-पाताल से खोजकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. पुलिस के साथ डीजी विजिलेंस को भी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान जो कर्मचारी सुबह अपने दफ्तर पहुंचकर हाजिरी लगाकर गायब हो गए हैं, उन कर्मचारियों को पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी हाजिरी लगाने के बाद अपने कार्यालयों व उपकेंद्रों पर उपस्थित रहे हैं. उन्हें काम नहीं करना है वह न करें. हड़ताल करना है वह करें. हाजिरी लगाने के बाद गायब रहने वाले कर्मचारियों की लिस्ट बनाकर उन पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा सभी आउटसोर्सिंग कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने सभी कर्मचारियों को मुख्यालयों पर मुस्तैद रखें, जहां जैसी जरूरत हो वहां उनकी ड्यूटी लगाएं. उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग का अगर कोई कर्मचारी ड्यूटी से गायब रहता है तो ऐसे कर्मचारी की सेवा तुरंत समाप्त कर दी जाएगी, इसके स्थान पर हम लोगों की भर्ती करेंगे.'

राजधानी लखनऊ में एसएलडीसी को भी ठप कर राष्ट्रीय कार्य में बाधा डाली गई है. जिन लोगों ने भी इस को ठप करने की कोशिश की है उन्होंने राष्ट्रद्रोह का काम किया है. बिजली कार्यों में बाधा डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बिजली कर्मियों से जुड़े कई संगठन हड़ताल से अलग होकर सरकार का सहयोग कर रहे हैं. हड़ताल से निपटने के लिए मानव बल देने वाले एनटीपीसी, बजाज, लैंको जैसे निजी सरकारी उपक्रमों को धन्यवाद देता हूं.

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि 'बिजली कर्मचारियों की एक मांग थी कि उन्हें साल 2018-19 से बोनस नहीं मिला है. मंत्री ने कहा कि घाटे में होने के बाद भी हमने साल 2022 का बोनस कर्मचारियों को भेज दिया है. बाकी शेष वर्षों का बोनस देने की भी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि साल दो हजार में विद्युत निगम का गठन हुआ था तब से लेकर बीते 23 वर्षों में 93 हजार करोड़ के घाटे में हैं, निगम पर 82 हजार करोड़ का लोन है. इसके बाद भी हमने कर्मचारी संघों की मांगों को मानते हुए उन्हें बोनस मुहैया कराया है. ये हड़ताल कर्मचारियों के हित में नहीं है, बिजली आपूर्ति-उत्पादन की कोई समस्या नहीं है. कहीं-कहीं तोड़फोड़ से बिजली आपूर्ति में समस्या आ रही है.'

यह भी पढ़ें : Kanpur Court पेशी पर आए सपा विधायक इरफान सोलंकी, बोले, जुल्मी कब तक जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से...

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा

लखनऊ : गुरुवार की रात 10 बजे से शुरू हुई बिजली कर्मचारियों की 72 घंटे की हड़ताल के 12 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद प्रदेश में बिजली व्यवस्था धीरे-धीरे चरमराना शुरू हो गई है. बिजलीकर्मियों की हड़ताल को लेकर खुद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा सामने आए हैं. उन्होंने शक्ति भवन में एक प्रेसवार्ता कर कहा कि कर्मचारियों की हड़ताल राजनीति से प्रेरित है. अभी हमारी सरकार को आए हुए 3 महीने हुए ही हैं, फिर भी कर्मचारी संगठनों ने तुरंत ही हड़ताल कर दी है जो पूरी तरह से गलत है. इसके बाद भी प्रदेश में किसी भी तरह के बिजली संकट की कोई समस्या नहीं है. उन्होंने राज्य की जनता को आश्वस्त किया कि सप्लाई, डिमांड व आपूर्ति नियंत्रण में है, कहीं कुछ फॉल्ट हुए हैं उसे भी दूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं जनता से इस समस्या के दौरान धैर्य-संयम बनाये रखने की अपील करता हूं. इसके अलावा उन्होंने अपील की कि सभी सांसद विधायक जिला पंचायत सदस्य ब्लाक प्रमुख सहित सभी गणमान्य व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्रों में स्थिति पर नजर बनाए रखें और किसी भी अप्रिय घटना होने पर उसकी सूचना तुरंत ही सक्षम अधिकारियों को दें.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 'बीती रात कई जिलों में कई बिजली कर्मियों ने लाइनों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. ऐसे लोगों को आसमान-पाताल से खोजकर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. पुलिस के साथ डीजी विजिलेंस को भी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान जो कर्मचारी सुबह अपने दफ्तर पहुंचकर हाजिरी लगाकर गायब हो गए हैं, उन कर्मचारियों को पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी हाजिरी लगाने के बाद अपने कार्यालयों व उपकेंद्रों पर उपस्थित रहे हैं. उन्हें काम नहीं करना है वह न करें. हड़ताल करना है वह करें. हाजिरी लगाने के बाद गायब रहने वाले कर्मचारियों की लिस्ट बनाकर उन पर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा सभी आउटसोर्सिंग कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वह अपने सभी कर्मचारियों को मुख्यालयों पर मुस्तैद रखें, जहां जैसी जरूरत हो वहां उनकी ड्यूटी लगाएं. उन्होंने कहा कि आउटसोर्सिंग का अगर कोई कर्मचारी ड्यूटी से गायब रहता है तो ऐसे कर्मचारी की सेवा तुरंत समाप्त कर दी जाएगी, इसके स्थान पर हम लोगों की भर्ती करेंगे.'

राजधानी लखनऊ में एसएलडीसी को भी ठप कर राष्ट्रीय कार्य में बाधा डाली गई है. जिन लोगों ने भी इस को ठप करने की कोशिश की है उन्होंने राष्ट्रद्रोह का काम किया है. बिजली कार्यों में बाधा डालने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. बिजली कर्मियों से जुड़े कई संगठन हड़ताल से अलग होकर सरकार का सहयोग कर रहे हैं. हड़ताल से निपटने के लिए मानव बल देने वाले एनटीपीसी, बजाज, लैंको जैसे निजी सरकारी उपक्रमों को धन्यवाद देता हूं.

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि 'बिजली कर्मचारियों की एक मांग थी कि उन्हें साल 2018-19 से बोनस नहीं मिला है. मंत्री ने कहा कि घाटे में होने के बाद भी हमने साल 2022 का बोनस कर्मचारियों को भेज दिया है. बाकी शेष वर्षों का बोनस देने की भी व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने कहा कि साल दो हजार में विद्युत निगम का गठन हुआ था तब से लेकर बीते 23 वर्षों में 93 हजार करोड़ के घाटे में हैं, निगम पर 82 हजार करोड़ का लोन है. इसके बाद भी हमने कर्मचारी संघों की मांगों को मानते हुए उन्हें बोनस मुहैया कराया है. ये हड़ताल कर्मचारियों के हित में नहीं है, बिजली आपूर्ति-उत्पादन की कोई समस्या नहीं है. कहीं-कहीं तोड़फोड़ से बिजली आपूर्ति में समस्या आ रही है.'

यह भी पढ़ें : Kanpur Court पेशी पर आए सपा विधायक इरफान सोलंकी, बोले, जुल्मी कब तक जुल्म करेगा सत्ता के गलियारों से...

Last Updated : Mar 17, 2023, 7:15 PM IST
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