रुद्रपुर: गौला रेंज में एक श्रमिक को मौत के घाट उतारने के बाद गुसाये हाथियों के झुंड ने डोली रेंज के खुरिया खत्ते में जमकर कहर बरपाया. खत्ते में हाथियों ने कई घरों को तोड़ दिया. हाथियों के हमले में एक मजदूर की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए. इस दौरान ग्रामीणों ने जान बचाने के लिए वन विभाग की चौकी में शरण ली. हाथियों ने भगाने गई वन विभाग की टीम पर भी हमला कर दिया. टीम के सदस्यों ने भागकर अपनी जान बचाई. हाथियों के आतंक का आलम ये था कि घरों में फंसे बुजुर्गों को कई घंटे बाद रेस्क्यू कर सुरक्षित वन विभाग की चौकी पहुंचा जा सका.
हाथियों के हमले में एक मजदूर की मौत
लालकुआं कोतवाली क्षेत्र के बिन्दुखत्ता रावत नगर गौला नदी के किनारे गौला में काम करने वाले मजदूरों की झोपड़ियों पर हाथियों ने हमला कर दिया. इस दौरान एक मजदूर को कुचल दिया. दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए. सूचना पर पहुंची वन विभाग और पुलिस की टीम ने मौके का मुआयना कर शव को कब्जे में लेते हुए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. घायलों को हल्द्वानी अस्पताल भेजा गया है.
हाथियों के हमले से मची अफरा-तफरी
रावत नगर तीन मंदिर के पास मजदूरों की झोपड़ियां बनी हुई हैं. देर रात करीब 9 बजे तीन हाथियों ने झोपड़ियों पर हमला कर दिया. इस दौरान झोपड़ी में बैठे कई मजदूर बाहर भाग गए. झोपड़ी में लेटे मजदूर भुटेली खरवाल (35 वर्षीय) निवासी घगवा, रूपहि जिला पश्चमी चंपारण बिहार को हाथियों ने कुचल दिया. इससे उसकी मौत हो गई. हाथियों के हमले में मृतक के भाई अनिरुद्ध और अन्य श्रमिक केदार निवासी कुशीनगर यूपी घायल हो गए. पुलिस और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर गुस्साये लोगों को शांत कराया.
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हाथियों ने वन विभाग की टीम पर भी किया हमला
हाथियों के झुंड ने डोली रेंज के खुमारी खत्ते में भी जमकर उत्पात मचाया. हाथियों के आने की सूचना पर डोली रेंज के रेंजर अनिल जोशी के नेतृत्व में एक टीम तत्काल खुमारी खत्ता पहुंची. वहां पर हाथियों को क्षेत्र से भगाने का प्रयास किया गया. कई राउंड की फायरिंग और हूटर के शोर से भी हाथी नहीं भागे. एक हाथी टीम के काफी नजदीक पहुंच गया. यह देख रेंजर अनिल जोशी सहित अन्य लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई.
रात 2 बजे तक चलता रहा ग्रामीणों का रेस्क्यू
हाथियों के झुंड का रौद्र रूप देख ग्रामीणों ने अपने घरों को छोड़कर वन विभाग की चौकी में शरण ली. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने गांव के बच्चों और महिलाओं को चौकियों में सुरक्षित पहुंचाया. इसके बावजूद कई लोग हाथियों के डर से घरों में दुबके रहे. बाद में वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की मदद से बुजुर्ग कुशीराम, सरुली देवी, हरीश चंद्र आर्य, हीरा देवी, राकेश चन्द्र आर्य का रेस्क्यू कर चौकी में पहुंचाया गया.
वन चौकी बना ग्रामीणों के लिए विश्राम गृह
हाथियों के हमले से खौफजदा ग्रामीणों को वन विभाग की चौकी में रात बितानी पड़ी. महिलाएं छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लेकर अंधेरे में इधर- उधर जान बचाने के लिए भागती रहीं. बाद में वन विभाग के वाहनों से सभी को चौकी पहुंचाया गया. जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली. हालांकि, वन विभाग के रेंजर अनिल जोशी ने सभी खत्ता वासियों से अपील किया कि जब तक हाथी क्षेत्र से अन्य जगह नहीं चले जाते हैं तब तक ग्रामीण चौकी में रहें. उन्होंने कहा कि गुरुवार से चौकी में सभी खुरिया खत्ता वासियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर दी जाएगी.