ETV Bharat / state

अब घर बैठे करें बिजली की शिकायत, सुनवाई न होने पर विभाग देगा मुआवजा

author img

By

Published : Apr 13, 2022, 2:10 PM IST

यदि अब बिजली से जुड़ी कोई समस्या है तो घर बैठे ही फोन से शिकायत करें. निश्चित समय तक सुनवाई नहीं होती है तो उपभोक्ता बिजली कंपनियों से मुआवजा भी ले सकता है. इसके लिए मुआवजा कानून इसी माह से लागू कर दिया जाएगा.

Lucknow latest news  etv bharat up news  घर बैठे करें बिजली की शिकायत  सुनवाई न होने पर विभाग देगा मुआवजा  Electricity department  consumer complaint on time  राज्य विद्युत नियामक आयोग  स्टैंडर्ड ऑफ परफारमेंस रेगुलेशन  up electricity compensation law  बिजली कंपनियों से मुआवजा
Lucknow latest news etv bharat up news घर बैठे करें बिजली की शिकायत सुनवाई न होने पर विभाग देगा मुआवजा Electricity department consumer complaint on time राज्य विद्युत नियामक आयोग स्टैंडर्ड ऑफ परफारमेंस रेगुलेशन up electricity compensation law बिजली कंपनियों से मुआवजा

लखनऊ: उपभोक्ताओं को समय से सेवाएं मुहैया कराने के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग ने फरवरी 2020 में स्टैंडर्ड ऑफ परफारमेंस रेगुलेशन 2019 बनाया था. इसे बिजली कंपनियों को लागू करना था, लेकिन दो साल से कंपनियां ऐसा नहीं कर पाईं. ऐसे में अब बिजली कंपनियों ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है, जिससे सारा सिस्टम ट्रांसपेरेंट होगा और ऑनलाइन उपभोक्ता इस ऐप पर अपनी शिकायत दर्ज करा पाएंगे. उपभोक्ताओं को समय से सेवाएं न मिलने या फिर शिकायतों का समाधान न होने पर बिजली उपभोक्ताओं को मुआवजा मिलने का कानून इसी महीने के अंत तक लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है.

दरअसल, बिजली कंपनियों की ओर से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग में जो जवाब दाखिल किया गया है उसमें सॉफ्टवेयर तैयार होने की जानकारी भी दी गई है. कंपनियों ने दाखिल जवाब में कहा है कि इसी महीने इस सॉफ्टवेयर को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी की जा रही है. सॉफ्टवेयर पर पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होगी. उपभोक्ता की शिकायत दर्ज करते ही लाइनमैन से लेकर डायरेक्टर तक के मोबाइल पर कंप्लेंट दिखने लगेगी. कंपनियों ने आयोग को यह भी जानकारी दी है कि विद्युत निवारण संहिता 2005 के प्रावधानों के मुताबिक सॉफ्टवेयर में उपभोक्ताओं को सभी तरह की समस्याओं के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं.

दो माह के अंदर मिलेगा मुआवजा: उपभोक्ता जैसे ही सॉफ्टवेयर पर कोई शिकायत दर्ज कराएगा तत्काल लाइनमैन से लेकर विभिन्न स्तरों से होते हुए निदेशक के मोबाइल पर प्रदर्शित होने लगेगी. उपभोक्ता को भी इसके जरिए फीडबैक भेजा जाएगा. समस्या का तय अवधि के अंदर ही अगर समाधान नहीं होगा तो उपभोक्ता खुद-ब-खुद मुआवजे का हकदार हो जाएगा. बिजली विभाग उस पर अमल करना शुरू कर देगा. ये आवजा उपभोक्ता के बिजली बिल में जुड़ जाएगा. दो माह के अंदर हरहाल में मुआवजा देना अनिवार्य किया गया है.

इसे भी पढ़ें - रामनवमी पर यूपी में तू तू मैं मैं भी नहीं हुई: योगी आदित्यनाथ

500 रपये तक का हर रोज मिल सकता है मुआवजा: बिजली विभाग जो मुआवजा राशि देगा उसमें अलग-अलग सेवाओं के लिए अलग-अलग राशि तय की गई है. 50 से लेकर 500 रुपये तक प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजे का प्रावधान है. मीटर रीडिंग के मामले में 200 रुपये, फर्जी बकाया आगे ले जाने में 100 रुपये, कैटेगरी चेंज के मामले में 50 रुपये, अंडरग्राउंड केबल ब्रेकडाउन पर 100 रुपये, कॉल सेंटर से रिस्पांस न मिलने पर 50 रुपये रोजाना मिलेगा.

विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के लिए सभी स्टेशन की स्थापना के मामले में 500 रुपये कनेक्शन और अतिरिक्त भार के मामले में ढाई सौ रुपये के साथ ही भार में कमी के लिए प्रतिदिन 50 रुपये की दर से मुआवजे का दावा उपभोक्ता की तरफ से किया जा सकेगा. एक वर्ष में फिक्स चार्ज के 30% से ज्यादा मुआवजा नहीं लिया जा सकेगा. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मुआवजा कानून लागू करने के विषय पर पावर कारपोरेशन के मुख्य अभियंता कमर्शियल एके श्रीवास्तव से बात की. उन्होंने इस पूरी व्यवस्था के ऑनलाइन होने से उपभोक्ताओं को राहत मिलने की बात कही. कहा कि अब कंज्यूमर से किसी तरह की धोखाधड़ी भी बिजली विभाग नहीं कर पाएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: उपभोक्ताओं को समय से सेवाएं मुहैया कराने के लिए राज्य विद्युत नियामक आयोग ने फरवरी 2020 में स्टैंडर्ड ऑफ परफारमेंस रेगुलेशन 2019 बनाया था. इसे बिजली कंपनियों को लागू करना था, लेकिन दो साल से कंपनियां ऐसा नहीं कर पाईं. ऐसे में अब बिजली कंपनियों ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार कर लिया है, जिससे सारा सिस्टम ट्रांसपेरेंट होगा और ऑनलाइन उपभोक्ता इस ऐप पर अपनी शिकायत दर्ज करा पाएंगे. उपभोक्ताओं को समय से सेवाएं न मिलने या फिर शिकायतों का समाधान न होने पर बिजली उपभोक्ताओं को मुआवजा मिलने का कानून इसी महीने के अंत तक लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है.

दरअसल, बिजली कंपनियों की ओर से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग में जो जवाब दाखिल किया गया है उसमें सॉफ्टवेयर तैयार होने की जानकारी भी दी गई है. कंपनियों ने दाखिल जवाब में कहा है कि इसी महीने इस सॉफ्टवेयर को पूरे प्रदेश में लागू करने की तैयारी की जा रही है. सॉफ्टवेयर पर पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होगी. उपभोक्ता की शिकायत दर्ज करते ही लाइनमैन से लेकर डायरेक्टर तक के मोबाइल पर कंप्लेंट दिखने लगेगी. कंपनियों ने आयोग को यह भी जानकारी दी है कि विद्युत निवारण संहिता 2005 के प्रावधानों के मुताबिक सॉफ्टवेयर में उपभोक्ताओं को सभी तरह की समस्याओं के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं.

दो माह के अंदर मिलेगा मुआवजा: उपभोक्ता जैसे ही सॉफ्टवेयर पर कोई शिकायत दर्ज कराएगा तत्काल लाइनमैन से लेकर विभिन्न स्तरों से होते हुए निदेशक के मोबाइल पर प्रदर्शित होने लगेगी. उपभोक्ता को भी इसके जरिए फीडबैक भेजा जाएगा. समस्या का तय अवधि के अंदर ही अगर समाधान नहीं होगा तो उपभोक्ता खुद-ब-खुद मुआवजे का हकदार हो जाएगा. बिजली विभाग उस पर अमल करना शुरू कर देगा. ये आवजा उपभोक्ता के बिजली बिल में जुड़ जाएगा. दो माह के अंदर हरहाल में मुआवजा देना अनिवार्य किया गया है.

इसे भी पढ़ें - रामनवमी पर यूपी में तू तू मैं मैं भी नहीं हुई: योगी आदित्यनाथ

500 रपये तक का हर रोज मिल सकता है मुआवजा: बिजली विभाग जो मुआवजा राशि देगा उसमें अलग-अलग सेवाओं के लिए अलग-अलग राशि तय की गई है. 50 से लेकर 500 रुपये तक प्रतिदिन के हिसाब से मुआवजे का प्रावधान है. मीटर रीडिंग के मामले में 200 रुपये, फर्जी बकाया आगे ले जाने में 100 रुपये, कैटेगरी चेंज के मामले में 50 रुपये, अंडरग्राउंड केबल ब्रेकडाउन पर 100 रुपये, कॉल सेंटर से रिस्पांस न मिलने पर 50 रुपये रोजाना मिलेगा.

विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के लिए सभी स्टेशन की स्थापना के मामले में 500 रुपये कनेक्शन और अतिरिक्त भार के मामले में ढाई सौ रुपये के साथ ही भार में कमी के लिए प्रतिदिन 50 रुपये की दर से मुआवजे का दावा उपभोक्ता की तरफ से किया जा सकेगा. एक वर्ष में फिक्स चार्ज के 30% से ज्यादा मुआवजा नहीं लिया जा सकेगा. उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मुआवजा कानून लागू करने के विषय पर पावर कारपोरेशन के मुख्य अभियंता कमर्शियल एके श्रीवास्तव से बात की. उन्होंने इस पूरी व्यवस्था के ऑनलाइन होने से उपभोक्ताओं को राहत मिलने की बात कही. कहा कि अब कंज्यूमर से किसी तरह की धोखाधड़ी भी बिजली विभाग नहीं कर पाएगा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.