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उपभोक्ताओं पर बिजली विभाग का 61 हजार करोड़ बकाया, सब्सिडी देने के मामले में तीसरे स्थान पर यूपी

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन का जनवरी 2023 तक उपभोक्ताओं पर 61000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. अगर यही वसूली हो जाए तो उपभोक्ताओं की बिजली महंगी करने के बजाय सस्ती की जा सकती है.

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन
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Published : Mar 29, 2023, 10:21 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार देश के अन्य राज्यों की तरह अपने उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध हो सके इसके लिए बिजली कंपनियों को सब्सिडी देती है. सरकार घरेलू उपभोक्ताओं के साथ घरेलू किसान ग्रामीण उपभोक्ताओं को काफी सब्सिडी प्रदान करती है. देश के टॉप 5 राज्यों में उत्तर प्रदेश का सब्सिडी के मामले में तीसरा स्थान है. बावजूद इसके अभी भी उत्तर प्रदेश में बिजली अन्य राज्यों की तुलना में सबसे महंगी है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है उपभोक्ताओं से अपना ही बकाया वसूल न कर पाना.

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन का जनवरी 2023 तक उपभोक्ताओं पर 61000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. अगर यही वसूली हो जाए तो उपभोक्ताओं की बिजली महंगी करने के बजाय सस्ती की जा सकती है. इसी मामले को लेकर बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने नियामक आयोग में जनहित याचिका दाखिल की है.

नियामक आयोग में दाखिल जनहित याचिका में मुद्दा उठाया गया कि जहां राज्य सरकार प्रदेश के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ोतरी न हो इसके लिए बड़ी सब्सिडी दे रही है. वहीं, दूसरी ओर उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 25,133 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है. ऐसे में वर्तमान परिवेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी के बजाय बिजली दरों में कमी पर चर्चा की जानी चाहिए.

अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 10 अप्रैल से बिजली दरों में जो सुनवाई शुरू होने जा रही है, उसमें उपभोक्ताओं के सामने जो बिजली दर प्रस्तुतीकरण किया जाए. उसमें उपभोक्ताओं को बताया जाए कि उनका जो बिजली कंपनियों पर सरप्लस पैसा निकल रहा है उसकी स्थिति क्या है? इससे प्रदेश का उपभोक्ता भी समझ सके कि वर्तमान में कहां-कहां किसका हिसाब बाकी है. उसके आधार पर उपभोक्ता अपनी बात आयोग को बता सकें.

राज्यटैरिफ सब्सिडी
राजस्थान19873 करोड़
कर्नाटक19312 करोड़
उत्तर प्रदेश14516 करोड़
पंजाब 11888 करोड़
महाराष्ट्र10462 करोड़

अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि वर्तमान वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश शायद देश का पहला राज्य हो जाएगा, जो सबसे ज्यादा राजकीय सब्सिडी देता है. ऐसा इसलिए करता है जिससे विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरें न बढ़ें. उत्तर प्रदेश एक अप्रैल से किसानों को मुफ्त बिजली देने जा रहा है और इस मद में राज्य सरकार राजकीय सब्सिडी भी देगी.

पढ़ेंः Electricity Department : 23 साल में बिजली विभाग का घाटा 77 करोड़ से पहुंच गया एक लाख करोड़, जानिए वजह

लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार देश के अन्य राज्यों की तरह अपने उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध हो सके इसके लिए बिजली कंपनियों को सब्सिडी देती है. सरकार घरेलू उपभोक्ताओं के साथ घरेलू किसान ग्रामीण उपभोक्ताओं को काफी सब्सिडी प्रदान करती है. देश के टॉप 5 राज्यों में उत्तर प्रदेश का सब्सिडी के मामले में तीसरा स्थान है. बावजूद इसके अभी भी उत्तर प्रदेश में बिजली अन्य राज्यों की तुलना में सबसे महंगी है. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है उपभोक्ताओं से अपना ही बकाया वसूल न कर पाना.

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन का जनवरी 2023 तक उपभोक्ताओं पर 61000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. अगर यही वसूली हो जाए तो उपभोक्ताओं की बिजली महंगी करने के बजाय सस्ती की जा सकती है. इसी मामले को लेकर बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने नियामक आयोग में जनहित याचिका दाखिल की है.

नियामक आयोग में दाखिल जनहित याचिका में मुद्दा उठाया गया कि जहां राज्य सरकार प्रदेश के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में बढ़ोतरी न हो इसके लिए बड़ी सब्सिडी दे रही है. वहीं, दूसरी ओर उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर लगभग 25,133 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है. ऐसे में वर्तमान परिवेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी के बजाय बिजली दरों में कमी पर चर्चा की जानी चाहिए.

अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 10 अप्रैल से बिजली दरों में जो सुनवाई शुरू होने जा रही है, उसमें उपभोक्ताओं के सामने जो बिजली दर प्रस्तुतीकरण किया जाए. उसमें उपभोक्ताओं को बताया जाए कि उनका जो बिजली कंपनियों पर सरप्लस पैसा निकल रहा है उसकी स्थिति क्या है? इससे प्रदेश का उपभोक्ता भी समझ सके कि वर्तमान में कहां-कहां किसका हिसाब बाकी है. उसके आधार पर उपभोक्ता अपनी बात आयोग को बता सकें.

राज्यटैरिफ सब्सिडी
राजस्थान19873 करोड़
कर्नाटक19312 करोड़
उत्तर प्रदेश14516 करोड़
पंजाब 11888 करोड़
महाराष्ट्र10462 करोड़

अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि वर्तमान वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश शायद देश का पहला राज्य हो जाएगा, जो सबसे ज्यादा राजकीय सब्सिडी देता है. ऐसा इसलिए करता है जिससे विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरें न बढ़ें. उत्तर प्रदेश एक अप्रैल से किसानों को मुफ्त बिजली देने जा रहा है और इस मद में राज्य सरकार राजकीय सब्सिडी भी देगी.

पढ़ेंः Electricity Department : 23 साल में बिजली विभाग का घाटा 77 करोड़ से पहुंच गया एक लाख करोड़, जानिए वजह

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