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लखनऊ: डीजल, पेट्रोल ने बिगाड़ा जनता की जेब का गणित

बजट 2019 से लोगों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन बजट आने के बाद लोग मायूस है. दरअसल पेट्रोल और डीजल पर सेस लगने से कीमतों में इजाफा हो हुआ है, जिसका असर आम जनता की जेब पर पड़ रहा है.

लखनऊ.
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Published : Jul 7, 2019, 11:59 AM IST

लखनऊ: केंद्र सरकार ने बजट 2019 में पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाकर कीमतों में इजाफा कर दिया. इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर हैं. इसका असर ये है कि अब जनता के सामने एक ही रास्ता है गाड़ी में डीजल, पेट्रोल डलवाकर गाड़ी चलाएं या फिर गाड़ी का खर्चा बचाकर घर की गृहस्थी चलाएं. कुल मिलाकर सरकार ने डीजल और पेट्रोल की कीमत बढ़ाकर जनता की जेब का समीकरण बिगाड़ दिया है.

जानकारी देते संवाददाता.
  • बजट के आने के बाद से इसका असर फिलिंग स्टेशनों पर पेट्रोल और डीजल भरवाने वालों के चेहरों पर नजर आया.
  • अब तक जो पेट्रोल 70 रुपये प्रति लीटर मिल रहा था, आज उसकी कीमत 72 रुपये प्रति लीटर हो गई.
  • डीजल की भी कीमत अब 65 रुपये प्रति लीटर से ऊपर जा पहुंची.
  • इसका असर जनता की जेब पर साफ तौर पर पड़ रहा है.
  • जिनकी आय कम है, वे लोग खासतौर पर इन कीमतों की बढ़ोतरी से प्रभावित हो रहे हैं.
  • लोगों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में सरकार की बढ़ोतरी के कदम को गलत बताया.
  • उनका कहना है कि अब हम गाड़ी चलाएं या फिर घर के राशन-पानी की व्यवस्था करें.

कितना पड़ेगा प्रभाव

  • माह में 10 हजार रुपये कमाने वाले दो पहिया वाहन स्वामी पर पेट्रोल की बढ़ी कीमतों से हर माह पड़ेगा एक हजार रुपये अतिरिक्त भार.
  • चार पहिया वाहन से चलने वाले पर कम से कम दो से तीन हजार रुपये का भार.
  • डीजल के रेट बढ़ने से खाने-पीने की सामग्री में कम से कम 4 से 6 फीसदी का इजाफा होगा.

लखनऊ: केंद्र सरकार ने बजट 2019 में पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाकर कीमतों में इजाफा कर दिया. इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर हैं. इसका असर ये है कि अब जनता के सामने एक ही रास्ता है गाड़ी में डीजल, पेट्रोल डलवाकर गाड़ी चलाएं या फिर गाड़ी का खर्चा बचाकर घर की गृहस्थी चलाएं. कुल मिलाकर सरकार ने डीजल और पेट्रोल की कीमत बढ़ाकर जनता की जेब का समीकरण बिगाड़ दिया है.

जानकारी देते संवाददाता.
  • बजट के आने के बाद से इसका असर फिलिंग स्टेशनों पर पेट्रोल और डीजल भरवाने वालों के चेहरों पर नजर आया.
  • अब तक जो पेट्रोल 70 रुपये प्रति लीटर मिल रहा था, आज उसकी कीमत 72 रुपये प्रति लीटर हो गई.
  • डीजल की भी कीमत अब 65 रुपये प्रति लीटर से ऊपर जा पहुंची.
  • इसका असर जनता की जेब पर साफ तौर पर पड़ रहा है.
  • जिनकी आय कम है, वे लोग खासतौर पर इन कीमतों की बढ़ोतरी से प्रभावित हो रहे हैं.
  • लोगों ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में सरकार की बढ़ोतरी के कदम को गलत बताया.
  • उनका कहना है कि अब हम गाड़ी चलाएं या फिर घर के राशन-पानी की व्यवस्था करें.

कितना पड़ेगा प्रभाव

  • माह में 10 हजार रुपये कमाने वाले दो पहिया वाहन स्वामी पर पेट्रोल की बढ़ी कीमतों से हर माह पड़ेगा एक हजार रुपये अतिरिक्त भार.
  • चार पहिया वाहन से चलने वाले पर कम से कम दो से तीन हजार रुपये का भार.
  • डीजल के रेट बढ़ने से खाने-पीने की सामग्री में कम से कम 4 से 6 फीसदी का इजाफा होगा.
Intro:डीजल, पेट्रोल ने बिगाड़ा जनता की जेब का गणित, एक ही रास्ता खाना खाएं या गाड़ी चलाएं

लखनऊ। केंद्र सरकार बजट पेश करने से पहले यह कहती रही कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी होगी, लेकिन बजट आया तो सरकार ने जनता को चौंका दिया। बजट में पेट्रोल और डीजल पर सेस लगाकर कीमतों में इजाफा कर दिया। पेट्रोल और डीजल की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर हैं। इसका असर ये है कि अब जनता के सामने एक ही रास्ता है गाड़ी में डीजल, पेट्रोल डलवाकर गाड़ी चलाएं या फिर गाड़ी का खर्चा बचाकर घर की गृहस्थी चलाएं। कुल मिलाकर सरकार ने डीजल और पेट्रोल की कीमत बढ़ाकर जनता की जेब का समीकरण बिगाड़ दिया है।


Body:कल बजट आया और बजट का असर आज ही फिलिंग स्टेशनों पर पेट्रोल और डीजल भरवाने वालों के चेहरों पर नजर आया। कल तक जो पेट्रोल ₹70 प्रति लीटर मिल रहा था आज उसकी कीमत ₹72 प्रति लीटर हो गई, वहीं डीजल की भी कीमत अब ₹65 प्रति लीटर से ऊपर जा पहुंची। इसका असर जेब पर साफ तौर पर पड़ रहा है। जिन लोगों की आय कम है वे लोग खासतौर पर इन कीमतों की बढ़ोतरी से प्रभावित होंगे। 'ईटीवी भारत' से बातचीत के दौरान आम जनता ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में सरकार की बढ़ोतरी के कदम को गलत बताया। उनका कहना है कि अब हम गाड़ी चलाएं या फिर घर के राशन पानी की व्यवस्था करें। सरकार को पहले से ही इतने महंगे डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं करनी चाहिए थी।

g.f in
-माह में 10 हजार रुपये कमाने वाले दो पहिया वाहन स्वामी पर पेट्रोल की बढ़ी कीमतों से हर माह पड़ेगा एक हजार रुपए अतिरिक्त भार
-चार पहिया वाहन से चलने वाले पर कम से कम दो से तीन हजार रुपये का भार
-डीज़ल के रेट बढ़ने से खाने पीने की सामग्री में कम से कम 4 से 6 फीसद का होगा इजाफा

g.f out

बाइट: रुद्राक्ष
अब यह तो माह भर गाड़ी चलाने के बाद ही पता चलेगा कि कितना खर्च बढ़ गया है, लेकिन यह जरूर है कि काफी असर पड़ेगा। कम से कम डेढ़ से ₹2000 ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे। सरकार ने जो डीजल और पेट्रोल पर सरचार्ज लगाया है उसका असर तो पड़ना ही है, लेकिन सरकार की भी मजबूरी है।

बाइट: एमके सिंह

अब गाड़ी कम चलानी पड़ेगी क्योंकि खर्च तो बढ़ ही जाएगा। कम से कम 500 से ₹1000 का तो सीधा असर पड़ेगा। उसके बाद गाड़ी ज्यादा चलेगी तो और ज्यादा खर्च बढ़ेगा।

बाइट: शादाब

सरकार को डीजल और पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाने चाहिए थे। पहले से ही ज्यादा हैं। अब हमारी इनकम ₹10000 है तो ₹2000 पेट्रोल पर और ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे। ऐसे में अब घर का खर्च कैसे चलेगा। क्योंकि ज्यादा पैसा तो पेट्रोल भरवाने में ही चला जाएगा ₹2 प्रति लीटर बहुत होते हैं। सरकार कीमत घटाए।




Conclusion:पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं और लोगों के पैरों तले से जमीन खिसक रही है अब गाड़ी चलाना भी आसान नहीं बचेगा और घर चलाने में भी आने वाले दिनों में मुश्किल जरूर होगी। क्योंकि महंगाई की मार पेट्रोल के साथ ही खाद्य सामग्री पर भी पड़ना तय है। निश्चित तौर पर आम जनता का इससे दिवाला निकलेगा।
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