लखनऊ : राजधानी के चौक डाकघर में रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट पर लगे डाक टिकटों में गड़बड़ी पाए जाने के मामले में फ्रेंचाइजी को सस्पेंड कर दिया गया है. गुरुवार को ईटीवी भारत पर खबर चलने के बाद विभाग के अधिकारियों ने यह कार्रवाई की है. सीनियर पोस्टमास्टर, चौक आरएस राणा ने बताया कि संदिग्ध टिकटों के पाए जाने के मामले में फ्रेंचाइजी को सस्पेंड कर दिया गया है.
क्या था मामला
कोराना काल में चौक डाकघर में डाक टिकट को लेकर बड़ा खेल हुआ था. रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट विभाग की फ्रेंचाइजी संचालक के यहां से डिस्पैच होने के लिए चौक डाकघर भेजी गई थी. डाकघर में रजिस्ट्री और स्पीड पोस्ट पर लगे डाक टिकट संदिग्ध होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था. इसके बाद आनन-फानन में स्पीड पोस्ट व रजिस्ट्री पर लगे डाक टिकटों की असली कीमत फ्रेंचाइजी संचालक से वसूली गई थी. करीब 23 हजार 480 रुपये की रकम चौक डाकघर के सीनियर पोस्ट मास्टर ने कैश (ईसीआर) में जमा करवाई थी, जिसके बाद मामले की जांच के लिए प्रवर डाक अधीक्षक कार्यालय को पूरी रिपोर्ट भेजी गई थी.
दिसंबर में डिस्पैच के लिए भेजा गया था स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री
चौक डाकघर में फ्रेंचाइजी संचालक ने स्पीड पोस्ट और रजिस्ट्री के कई बंडल लेकर दिसंबर 2020 में चौक डाकघर डिस्पैच करने के लिए भेजा गया था. इसी दौरान रजिस्ट्री व स्पीड पोस्ट पर लगे डाक टिकट संदिग्ध लगे. मामले को दबाने की कोशिश की गई और फ्रेंचाइजी संचालक से रजिस्ट्री व स्पीड पोस्ट पर लगे डाक टिकटों की कीमत के बराबर लगभग 23 हजार 480 रुपये 10 दिसंबर 2020 को डाकघर के सरकारी खाते में जमा कराए गए थे. सूत्रों की मानें तो जिस काउंटर पर यह सारा खेल हुआ था, बाद में उस बाबू को कुछ दिन के लिए वहां से हटा दिया गया था. मामला शांत होने के बाद उसकी तैनाती पुनः दूसरे काउंटर पर कर दी गई थी. इस मामले में फ्रेंचाइजी संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी, बल्कि उसे बचाने की पूरी कोशिश हो रही थी.