ETV Bharat / state

अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी को झूठे रेप केस में फंसाने के मामले में अभियुक्तों की डिस्चार्ज अर्जी खारिज - पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति

कोर्ट ने इस मामले में आरोप तय करने के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को जेल से तलब किया है. वहीं, जमानत पर रिहा अभियुक्त अशोक पांडेय, पुष्पा देवी व अभियुक्त भुजवीर को भी इस दिन कोर्ट के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया है.

अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी को झूठे रेप के मामले में फंसाने के मामले में अभियुक्तों की डिस्चार्ज अर्जी खारिज
अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी को झूठे रेप के मामले में फंसाने के मामले में अभियुक्तों की डिस्चार्ज अर्जी खारिज
author img

By

Published : Sep 29, 2021, 9:20 PM IST

लखनऊ : एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर को दुराचार के एक झूठे मामले में फंसाने के मुकदमे में अभियुक्ता अशोक पांडेय व भुजवीर सिंह की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी है.

कोर्ट ने इस मामले में आरोप तय करने के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को जेल से तलब किया है. वहीं, जमानत पर रिहा अभियुक्त अशोक पांडेय, पुष्पा देवी व अभियुक्त भुजवीर को भी इस दिन कोर्ट के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें : मुख्तार अंसारी के बेटों की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

इसके पूर्व 9 सितंबर को कोर्ट गायत्री प्रजापति की भी डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर चुका है. बता दें कि 20 जून, 2015 को डॉ. नूतन ठाकुर ने इस मामले की एफआईआर थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. इसमें तत्कालीन कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति व राज्य महिला आयोग की तत्कालीन चेयरमैन जरीना उस्मानी समेत आठ लोगों को नामजद किया था.

एफआईआर में डॉ. नूतन व उनके पति अमिताभ ठाकुर को रेप के झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया गया था. 13 जुलाई, 2015 को इस मामले में गायत्री समेत सभी अभियुक्तों को क्लीन चिट देते हुए अदालत में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी गई. वहीं, 22 दिसंबर, 2015 को अदालत ने नूतन ठाकुर की प्रोटेस्ट अर्जी मंजूर करते हुए पुलिस की फाइनल रिपोर्ट खारिज कर दी.

साथ ही अग्रिम विवेचना का आदेश दिया. 26 अप्रैल, 2017 को अग्रिम विवेचना में मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने इस मामले में गायत्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 467, 468, 471, 420, 203, 211 व 120बी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था.

लखनऊ : एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर को दुराचार के एक झूठे मामले में फंसाने के मुकदमे में अभियुक्ता अशोक पांडेय व भुजवीर सिंह की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी है.

कोर्ट ने इस मामले में आरोप तय करने के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को जेल से तलब किया है. वहीं, जमानत पर रिहा अभियुक्त अशोक पांडेय, पुष्पा देवी व अभियुक्त भुजवीर को भी इस दिन कोर्ट के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें : मुख्तार अंसारी के बेटों की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

इसके पूर्व 9 सितंबर को कोर्ट गायत्री प्रजापति की भी डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर चुका है. बता दें कि 20 जून, 2015 को डॉ. नूतन ठाकुर ने इस मामले की एफआईआर थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. इसमें तत्कालीन कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति व राज्य महिला आयोग की तत्कालीन चेयरमैन जरीना उस्मानी समेत आठ लोगों को नामजद किया था.

एफआईआर में डॉ. नूतन व उनके पति अमिताभ ठाकुर को रेप के झूठे मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया गया था. 13 जुलाई, 2015 को इस मामले में गायत्री समेत सभी अभियुक्तों को क्लीन चिट देते हुए अदालत में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी गई. वहीं, 22 दिसंबर, 2015 को अदालत ने नूतन ठाकुर की प्रोटेस्ट अर्जी मंजूर करते हुए पुलिस की फाइनल रिपोर्ट खारिज कर दी.

साथ ही अग्रिम विवेचना का आदेश दिया. 26 अप्रैल, 2017 को अग्रिम विवेचना में मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने इस मामले में गायत्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 467, 468, 471, 420, 203, 211 व 120बी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.