लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने प्रेस को संबोधित किया. उन्होंने सीएए के विरोध में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों पर जवाब दिया. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला. उन्होंने हिंसा में समाजवादी पार्टी को भी जिम्मेदार ठहराया.
मीडिया से बात करते हुए डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि सीएए का कानून अच्छा है. इससे वंचितों को अधिकार मिला है. सीएए के जगह पर नोटबंदी की तरह लाइन नहीं लगानी पड़ेगी. भाजपा पर यह आरोप लगाना गैरजिम्मेदाराना है. विपक्ष अपनी जिम्मेदारियों से हट रहा है. लोगों को विपक्ष द्वारा सोशल मीडिया पर भड़काने का काम किया जा रहा है.
प्रदेश में हिंसा के पीछे सिमी और पीएफआई का हाथ
उन्होंने कहा कि हिंसा के मामले पीएफआई का हाथ दिखाई पड़ रहा है. सिमी के लोग भी इसमें शामिल थे, ऐसी सूचना मिली है. हिंसा के दौरान मालदा के लोग भी मिले हैं. बाहरी तत्व उत्तर प्रदेश और अन्य हिस्सों में हिंसा फैलाए, इसमें किसका हाथ हो सकता है.
संपत्तियां नीलाम कर होगी भरपाई
दिनेश शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट अभिमत था कि जो नुकसान हुए हैं, आगजनी या अन्य तरीकों से, इसमें जो उपद्रवी चिन्हित होगा उसकी संपत्ति नीलाम कर भरपाई होगी. किसी निर्दोष का उत्पीड़न न हो सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है.
अवैध तमंचे, खोखा, कारतूस बरामद हुए
उन्होंने कहा कि सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया गया. सरकार इन सबसे निपट सकती है. तमाम धर्म गुरूओं से, मुस्लिम समुदाय के प्रबुद्धजनों से बात की गई. बावजूद आश्वासन के कुछ जगह उपद्रवी तत्वों ने 21 जिलों में दिग्भ्रमित किया.
उन्होंने कहा कि हिंसा में 288 पुलिसकर्मी घायल हुए. 62 फायर आर्म्स से घायल हुए. 15 लोगों की मौत हुई है. 500 से भी ऊपर प्रतिबंधित खोखा, कारतूस और तमंचे बरामद हुए हैं, जिन्हें पुलिस प्रयोग नहीं करती है. इस प्रकार के उपद्रव में अवैध हथियारों का प्रयोग किया गया है.
सरकार ने दंगाइयों को भेजी नोटिस
सरकार इसका खर्च जरूर वसूलेगी. इसके लिए सरकार ने नोटिस भेज दी है. शांति बनाए रखने के लिए सरकार कोई समझौता नहीं कर सकती. बाहरी तत्वों का जिस प्रकार से आगमन मिला है, अबतक 705 को गिरफ्तार किया गया है. लगभग 4,500 से अधिक पर निरोधात्मक कार्रवाई की है.
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अखिलेश यादव से किया सवाल
उन्होंने कहा कि मैं अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूँ कि वे किसलिए इस बिल का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने लखनऊ या अन्य हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन के लिए समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया.