लखनऊ: देश में कोरोना के चलते दुर्गा पूजा इस बार बड़ी ही सादगी के साथ मनाई जा रही है. राजधानी के कई इलाकों में दुर्गा पूजा के पंडाल सजे हुए हैं. इस पूजा में संधि पूजा का अपना अलग महत्व है. शनिवार को इस पूजा में आस्था का जनसैलाब उमड़ा. राजाजीपुरम, आलमबाग, इंदिरा नगर, गोमती नगर, लाटूश रोड और चारबाग समेत कई इलाकों में संधि पूजा की गई. इस पूजा के माध्मय से पंडालों में मां महिषासुर मर्दिनी का आह्वान किया गया.
11 बजे से 11:48 बजे तक हुई पूजा
संधि पूजा रविवार सुबह 11:00 बजे से 11:48 तक की गई. बताया जाता है कि अष्टमी के आखिरी 24 मिनट और नवमी के शुरुआती 24 मिनट कुल 48 मिनट की पूजा होती है. इस दौरान भक्तों ने दीये जलाए और कमल के फूल से माता की अर्चना की और बेलपत्र की माला चढ़ाई. कई पूजा पंडालों में हुई संधि पूजा का यूट्यूब पर भी प्रसारण किया गया. इसके अलावा मठों में सुबह 9 बजे कुमारी पूजा की गई.
जलाए गए 108 दीये
कमेटी के अध्यक्ष तपन दादा ने बताया कि संधि पूजा का अपना अलग महत्व है. इस दौरान 108 दीये जलाए गए. 108 फूलों से माता की अर्चना की गई. 108 बेलपत्र की माला चढ़ाई गई. 108 तुलसी की पत्ती की माला बनाकर दुर्गा जी को चढ़ाई जाती है. संधि पूजा के बाद अष्टमी खत्म हो जाएगी और नवमी शुरू हो जाएगी. कल दोपहर तक नवमी रहेगी, उसके बाद नवमी की पूजा की जाएगी. 26 अक्टूबर सोमवार को विसर्जन किया जाएगा.
विसर्जन के लिए जाएंगे 10 से 15 लोग
श्रद्धालु शुभनता सरकार ने बताया कि यहां पर अच्छे से सभी चीजों के लिए प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है. सभी चीजों को लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है. बिना मास्क के इंट्री नहीं मिल रही है. संधि पूजा का अपना अलग महत्व है. इसमें हम 108 दीये जलाकर आगमन करते हैं. इस बार हम लोगों को आदेश मिला है कि 10 से 15 लोग ही विसर्जन के लिए जाएंगे. इसमें महिलाओं और बच्चों के जाने पर मनाही है.