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लखनऊ जिला कारागार में 24 कैदियों की तबीयत बिगड़ी, हालत में सुधार

यूपी के लखनऊ जिला कारागार में करीब 24 कैदियों की तबीयत बिगड़ गई. सभी कैदियों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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लखनऊ जिला कारागार.
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Published : Aug 12, 2020, 12:34 AM IST

लखनऊ: राजधानी के जिला कारागार में करीब 24 कैदियों की तबीयत बिगड़ गई. मामले की जानकारी मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया. जेल प्रशासन का कहना है कि इलाज के बाद कैदियों की हालत में सुधार हुआ है.

बताया जा रहा है कि कैदियों के गर्दन, हाथ और पैरों में अचानक अकड़न आ गई. इसकी वजह से कैदियों के हाथ-पैरों ने काम करना बंद कर दिया. इस दौरान अचानक कैदी बैरक में गिरने लगे. आनन-फानन में जेल में तैनात कर्मचारियों ने मामले की सूचना जेल के अधिकारियों को दी. जेल में बंद कैदियों को तुरंत जेल अस्पताल में भेज दिया गया.

जेल प्रशासन का कहना है कि इलाज के बाद कैदियों की हालत में सुधार है. शुरुआती उपचार के दौरान पता चला कि गलत दवा के रिएक्शन की वजह से कैदियों की तबीयत बिगड़ी है. इसको लेकर जेल प्रशासन की तरफ से फार्मेसिस्ट आशीष वर्मा पर कार्रवाई की गई है. प्रशासन ने फार्मेसिस्ट को इस लापरवाही के लिए नोटिस देकर जवाब मांगा है.

यह भी पढ़ें- रिटायर्ड आईएएस एसपी सिंह ने कहा, तानाशाह रवैया अपना रही सरकार

जानकारी के मुताबिक लखनऊ जिला जेल की सर्किल नंबर 3 अस्पताल में 28 कैदी जेल के अस्पताल में भर्ती हैं. जिला जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया की मंगलवार की सुबह दवा खाने से कैदियों की तबीयत बिगड़ गई थी. कैदियों को एंटी एलर्जी सिट्राजिन दवा दी जानी थी, लेकिन फार्मेसिस्ट ने कैदियों को हेलो पेरिटोल दवा देदी थी. इससे कैदियों को भारीपन महसूस होने लगा और तबियत बिगड़ गई. अब कैदियों की हालत में सुधार है. जिला कारागार के जेल में कैदियों का इलाज चल रहा है.

लखनऊ: राजधानी के जिला कारागार में करीब 24 कैदियों की तबीयत बिगड़ गई. मामले की जानकारी मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया. जेल प्रशासन का कहना है कि इलाज के बाद कैदियों की हालत में सुधार हुआ है.

बताया जा रहा है कि कैदियों के गर्दन, हाथ और पैरों में अचानक अकड़न आ गई. इसकी वजह से कैदियों के हाथ-पैरों ने काम करना बंद कर दिया. इस दौरान अचानक कैदी बैरक में गिरने लगे. आनन-फानन में जेल में तैनात कर्मचारियों ने मामले की सूचना जेल के अधिकारियों को दी. जेल में बंद कैदियों को तुरंत जेल अस्पताल में भेज दिया गया.

जेल प्रशासन का कहना है कि इलाज के बाद कैदियों की हालत में सुधार है. शुरुआती उपचार के दौरान पता चला कि गलत दवा के रिएक्शन की वजह से कैदियों की तबीयत बिगड़ी है. इसको लेकर जेल प्रशासन की तरफ से फार्मेसिस्ट आशीष वर्मा पर कार्रवाई की गई है. प्रशासन ने फार्मेसिस्ट को इस लापरवाही के लिए नोटिस देकर जवाब मांगा है.

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जानकारी के मुताबिक लखनऊ जिला जेल की सर्किल नंबर 3 अस्पताल में 28 कैदी जेल के अस्पताल में भर्ती हैं. जिला जेल अधीक्षक आशीष तिवारी ने बताया की मंगलवार की सुबह दवा खाने से कैदियों की तबीयत बिगड़ गई थी. कैदियों को एंटी एलर्जी सिट्राजिन दवा दी जानी थी, लेकिन फार्मेसिस्ट ने कैदियों को हेलो पेरिटोल दवा देदी थी. इससे कैदियों को भारीपन महसूस होने लगा और तबियत बिगड़ गई. अब कैदियों की हालत में सुधार है. जिला कारागार के जेल में कैदियों का इलाज चल रहा है.

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