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प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में खाली पदों का मांगा गया ब्योरा - उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन करने को कहा है. इसी के साथ प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खाली पदों (posts in primary and upper primary schools) का ब्योरा मांगा गया है.

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Published : Jan 6, 2023, 4:21 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के साथ परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती (posts in primary and upper primary schools) के लिए खाली पदों की जानकारी जुटाना शुरू कर दी है. बेसिक शिक्षा निदेशक शुभा सिंह ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से प्रदेश में शिक्षकों के स्वीकृत कार्यरत और रिक्त पदों का विवरण 13 जनवरी तक मांगा है. साथ ही 31 मार्च तक सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों की संख्या को जोड़ते हुए प्रदेश में खाली हो रहे पदों की भी जानकारी मांगी गई है. निदेशक ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापकों के खाली पदों की सूचना अलग-अलग देने का निर्देश सभी बीएसएस को जारी किया है. इस आदेश के बाद प्रदेश में एक बार फिर से शिक्षकों में प्रमोशन की आस जगी है.


ज्ञात हो कि बेसिक के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी ने बीते 29 दिसंबर को प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों पर पदोन्नति के संबंध में आदेश जारी किया था. जिसके बाद निदेशक की ओर से जारी किए गए आदेश को उसी क्रम में जोड़कर देखा जा रहा है. ज्ञात हो कि प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की प्रोन्नति का मामला बीते एक दशक से रुका हुआ है. प्रदेश में लगभग 82 हजार प्राइमरी और 46 हजार अपर प्राइमरी स्कूल हैं, इनमें से आधे में प्रधानाध्यापक नहीं हैं. जो सोनियर शिक्षक होता हैं, उसे इंचार्ज बना दिया जाता है.

प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय सिंह ने बताया कि लखनऊ में ही प्राइमरी में प्रमोशन वर्ष 2013 और अपर प्राइमरी में वर्ष 2015 के बाद से नहीं हुए. इसी तरह उन्नाव में प्राइमरी और अपर प्राइमरी में 2015 में आखिरी बार प्रमोशन हुए थे. प्रमोशन वर्ष 2015 के बाद से तो कहीं नहीं हुए. इसकी वजह ये बताई जा रही है कि वरिष्ठता विवाद में कुछ शिक्षक कोर्ट गए थे, तब से बेसिक शिक्षा विभाग उस विवाद के निपटारे के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना पाया.

बेसिक शिक्षा निदेशक शुभा सिंह ने प्रदेश के सभी बीएसएस को पत्र जारी कर 31 मार्च तक सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों का विवरण देने को कहा है. परिषदीय स्कूलों में सीधी भर्ती के 63 हजार पद खाली हैं, जिन्हें भरने के लिए जल्द प्रक्रिया शुरू होगी. ज्ञात हो कि शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने इसकी जानकारी विधानसभा में दी थी. ऐसे में अब विभाग जब शिक्षकों का डाटा जुटा रहा है, शिक्षकों में प्रमोशन की आशा फिर से जगी है. निदेशक बेसिक शिक्षा शुभा सिंह का कहना है कि सारा डाटा इकट्ठा हो जाने के बाद उसे निर्णय के लिए शासन स्तर पर भेज दिया जाएगा, जो पद पदोन्नति से भरे जाने हैं वह भरे जाएंगे. शेष पदों की भर्ती के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

यह भी पढ़ें : जनवरी के अंतिम सप्ताह से होंगी पॉलीटेक्निक की सेमेस्टर परीक्षाएं, परीक्षा केंद्रों की जांच पूरी नहीं

लखनऊ : उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के साथ परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती (posts in primary and upper primary schools) के लिए खाली पदों की जानकारी जुटाना शुरू कर दी है. बेसिक शिक्षा निदेशक शुभा सिंह ने प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से प्रदेश में शिक्षकों के स्वीकृत कार्यरत और रिक्त पदों का विवरण 13 जनवरी तक मांगा है. साथ ही 31 मार्च तक सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों की संख्या को जोड़ते हुए प्रदेश में खाली हो रहे पदों की भी जानकारी मांगी गई है. निदेशक ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापकों के खाली पदों की सूचना अलग-अलग देने का निर्देश सभी बीएसएस को जारी किया है. इस आदेश के बाद प्रदेश में एक बार फिर से शिक्षकों में प्रमोशन की आस जगी है.


ज्ञात हो कि बेसिक के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी ने बीते 29 दिसंबर को प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व उच्च प्राथमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापकों के रिक्त पदों पर पदोन्नति के संबंध में आदेश जारी किया था. जिसके बाद निदेशक की ओर से जारी किए गए आदेश को उसी क्रम में जोड़कर देखा जा रहा है. ज्ञात हो कि प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की प्रोन्नति का मामला बीते एक दशक से रुका हुआ है. प्रदेश में लगभग 82 हजार प्राइमरी और 46 हजार अपर प्राइमरी स्कूल हैं, इनमें से आधे में प्रधानाध्यापक नहीं हैं. जो सोनियर शिक्षक होता हैं, उसे इंचार्ज बना दिया जाता है.

प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय सिंह ने बताया कि लखनऊ में ही प्राइमरी में प्रमोशन वर्ष 2013 और अपर प्राइमरी में वर्ष 2015 के बाद से नहीं हुए. इसी तरह उन्नाव में प्राइमरी और अपर प्राइमरी में 2015 में आखिरी बार प्रमोशन हुए थे. प्रमोशन वर्ष 2015 के बाद से तो कहीं नहीं हुए. इसकी वजह ये बताई जा रही है कि वरिष्ठता विवाद में कुछ शिक्षक कोर्ट गए थे, तब से बेसिक शिक्षा विभाग उस विवाद के निपटारे के लिए कोई ठोस नीति नहीं बना पाया.

बेसिक शिक्षा निदेशक शुभा सिंह ने प्रदेश के सभी बीएसएस को पत्र जारी कर 31 मार्च तक सेवानिवृत्त हो रहे शिक्षकों का विवरण देने को कहा है. परिषदीय स्कूलों में सीधी भर्ती के 63 हजार पद खाली हैं, जिन्हें भरने के लिए जल्द प्रक्रिया शुरू होगी. ज्ञात हो कि शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने इसकी जानकारी विधानसभा में दी थी. ऐसे में अब विभाग जब शिक्षकों का डाटा जुटा रहा है, शिक्षकों में प्रमोशन की आशा फिर से जगी है. निदेशक बेसिक शिक्षा शुभा सिंह का कहना है कि सारा डाटा इकट्ठा हो जाने के बाद उसे निर्णय के लिए शासन स्तर पर भेज दिया जाएगा, जो पद पदोन्नति से भरे जाने हैं वह भरे जाएंगे. शेष पदों की भर्ती के लिए आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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