लखनऊ: उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सोमवार को विधानसभा में स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'चिकित्सकों की कमी को जल्द दूर किया जाएगा. आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है. प्रदेश की जनता का साथ हमें मिल रहा है. बीते 11 महीनों के दौरान करीब ढाई करोड़ लोगों का इलाज सरकारी अस्पतालों में हुआ है. चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए सीधे लेवल-2 पर भर्ती की जा रही हैं'.
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि 'चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं. प्रतिमाह पांच लाख रुपये तक का वेतन दिए जाने का प्रस्ताव पास हुआ है. हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोला जा रहा है. इन कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज भी शुरू किए जाएंगे'. डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रदेश में 1268 जन औषधि केंद्र हैं. इनमें सरकारी व प्राइवेट, दोनों शामिल हैं.
फिलहाल 8004 पैरा मेडिकल स्टाफ काम कर रहा है, 803 की अभी और जरूरत है. इन रिक्तियों को जल्द भरा जाएगा. पहले सिर्फ 13 मेडिकल कॉलेज थे. अब हर जिले में इनकी शुरुआत हो रही है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से एसआरएस सर्वे के अनुसार मातृ मृत्यु दर वर्ष 2014 में 285 प्रति लाख से घटकर 2022 में 167 प्रति लाख हो गई है. वहीं, शिशु मृत्यु दर वर्ष 2014 में 48 प्रति हजार से घट कर 38 प्रति हजार हुई है. उन्होंने बताया कि चिकित्सकों को मनोबल बढ़ाए जाने के लिए उनकी पदोन्नति का रास्ता साफ किया गया है. महानिदेशक पर एक, निदेशक के 12 और अपर निदेशक के 59 पद पर पदोन्नति दी गई है.
43 अस्पतालों को एनक्यूएएस प्रमाण पत्र
डिप्टी सीएम ने बताया कि पहली बार प्रदेश के 43 जिला चिकित्सालयों को एनक्यूएएस प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है. पूरे भारत में किसी अन्य प्रदेश को यह गौरव हासिल नहीं हुआ है. प्रदेश में 1.60 लाख आशा बहनों को स्मार्ट फोन दिया गया है. फोन में ई-कवच के माध्यम से इनके द्वारा घर-घर जाकर परिवारों को डेटा दर्ज किया जा रहा है. प्रदेश में 2505 स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण जारी है.
मुख्य बिंदु
- कोविड से बचाव के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 39.20 करोड़ वैक्सीन लगाई गई.
- आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत 18.73 लाख मरीजों का इलाज किया.
- वैक्सीन सप्लाई चेन के परीक्षण के लिए इफेक्टिव वैक्सीन मैनेजमेंट सिस्टम किया तैयार.
- निशुल्क इलाज हेतु 2277 करोड़ रुपये व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए खर्च किए.
- चिकित्सकों एवं एमओआईसी के नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था शुरू की.
- 19 हजार से अधिक उपकेंद्रों को वेलनेस सेंटर बनाया जा रहा है.
- 586 सीएचसी पर 11720 बेड की कैपेसिटी सृजित की जा रही है.
- प्रदेश के 41 जिला अस्पतालों में 1492 बेड बढ़ाए जा रहे हैं.
- वर्ष 2022 में 1354 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति की गई.
- वहीं स्वास्थ्य विभाग में कार्रवाई का दौर लगातार जारी है. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा हर शिकायत को गंभीरता से लिया जा रहा है. सोमवार को जनपद पीलीभीत के एसएस हॉस्पिटल में मरीजों और अस्पताल प्रशासन के बीच मारपीट का प्रकरण सामने आया. उप मुख्यमंत्री की ओर से घटना का तत्काल संज्ञान लिया गया और सीएमओ पीलीभीत से इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. डिप्टी सीएम का कहना है कि मरीजों एवं उनके तीमारदारों से अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी.