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Lucknow University : छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी, कई चरणों की वार्ता के बाद भी नहीं माने छात्र - लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन

लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन (Lucknow University) विद्यार्थियों से लगातार ज्ञापन देने की मांग करता रहा. वहीं छात्र चुनाव करने की लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े (Demonstration continues in Lucknow University) रहे. प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों को पुलिस ने बल प्रयोग कर उठाने की कोशिश की.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 18, 2023, 11:39 AM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय सहित संबद्ध डिग्री कॉलेज में छात्र संघ चुनाव बहाली को लेकर विश्वविद्यालय (student union elections) परिसर में चल रहा शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच मंगलवार को दूसरे दिन लगातार कई चरणों की वार्ता होती रही, लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे. एक ओर विश्वविद्यालय प्रशासन जहां विद्यार्थियों से उनकी मांग से जुड़ा प्रस्ताव मांगता रहा, वहीं छात्र से छात्रसंघ चुनाव की तारीख को लेकर लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े रहे, हालांकि दोपहर में एक बार पुलिस और छात्रों के बीच जमकर नोकझोंक हुई. पुलिस ने विद्यार्थियों को धरना स्थल से उठाने के लिए बल का प्रयोग किया और जबरदस्ती उठाकर गाड़ी में बैठने की कोशिश की. विद्यार्थी पुलिस की गाड़ी से कूदकर वापस धरना स्थल पर आकर बैठ गए, जिसमें कई विद्यार्थियों को हल्की-फुल्की छोटें भी आई हैं, वहीं प्रॉक्टीरियल बोर्ड ने विद्यार्थियों से वार्ता करने के लिए कई राउंड कोशिश की, लेकिन छात्र लिखित आश्वासन लिए बिना धरना समाप्त करने को तैयार नहीं हुए.

लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी
लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी

छात्र बोले, 'अब बिना लिखित आश्वासन के नहीं समाप्त होगा धरना' : छात्रसंघ बहाली को लेकर धरने पर बैठे विद्यार्थियों का कहना है कि छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से बीते एक वर्ष से वार्ता चल रही है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन हर बार केवल झूठे आश्वासन देकर उनकी मांगों को टालता आ रहा है. धरने पर बैठे विद्यार्थियों का कहना था कि इस बार जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता वह अपना धरना समाप्त करेंगे नहीं. मंगलवार की सुबह भी छात्रों ने पूरी तैयारी के साथ अपना प्रदर्शन शुरू किया था. विद्यार्थियों ने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू की. सोमवार की रात को जहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, वहीं मंगलवार को भी पीएससी कैंपस में तैनात कर दिया गया. इस दौरान पुलिस के कई बड़े आला अधिकारी व प्रॉक्टोरियल बोर्ड विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश करते रहे.

लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी
लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि 'छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए शासन की तरफ से कोई भी दिशा निर्देश नहीं मिला है. इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी तरफ से कोई निर्णय नहीं ले सकता है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्र अपना लिखित ज्ञापन दें तो उसे शासन तक पहुंचाया जाएगा, ताकि शासन उनकी मांगों पर विचार कर सके.'

छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी
छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी



प्रदेश में साल 2007 से नहीं हुआ छात्रसंघ चुनाव : ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में 2007 में जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनी थी. तब मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने प्रदेश में छात्र चुनाव को प्रतिबंधित कर दिया था. उस समय सरकार ने छात्रसंघ चुनाव में हिंसा का हवाला देते हुए इस पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन काफी लंबे चले संघर्ष के बाद साल 2012 में विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोबारा से छात्रसंघ चुनाव कराने की तैयारी की थी. विश्वविद्यालय ने लिंगदोह समिति की सिफारिश के अनुसार, नवंबर 2012 में चुनाव की तारीख जारी की थी, लेकिन उस समय एक छात्र नेता हेमंत सिंह की उम्र को लेकर हुए विवाद के बाद यह पूरा मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव के मामलों को भी इसी के साथ जोड़ दिया था. इस मामले की सुनवाई करीब सात साल तक चली, साल 2019 में हाईकोर्ट ने छात्र नेता हेमंत सिंह की याचिका को खारिज करते हुए विश्वविद्यालय व प्रदेश सरकार को लिंगदोह समिति की सिफारिश के अनुसार, प्रदेश के विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव कराने की सहमति दे दी थी.

वार्ता के बाद भी नहीं माने विद्यार्थी
वार्ता के बाद भी नहीं माने विद्यार्थी

हाईकोर्ट से लगे स्टेट के हटने के बाद भी साल 2019 से अब तक प्रदेश में छात्र संघ चुनाव को लेकर कोई भी निर्देश शासन व विश्वविद्यालय की तरफ से नहीं जारी किया गया था. सरकार ने छात्रसंघ चुनाव को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. वहीं बीते साल इस विश्वविद्यालय के कुछ विद्यार्थियों ने छात्र संघ बहाली मोर्चा का गठन कर दोबारा से छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए लगातार कवायद शुरू की थी. बीते साल भी विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति सहित पुराने छात्र नेताओं व डिग्री कॉलेज में जनसंपर्क अभियान, हस्ताक्षर अभियान सहित जागरूकता अभियान तक चलाया था. तब विश्वविद्यालय प्रशासन ने सत्र शुरू हो जाने की बात को लेकर इस मामले को टाल दिया था, लेकिन अब विद्यार्थियों ने नया सत्र शुरू होने के साथ ही नए सिरे से छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

यह भी पढ़ें : गोरखनाथ विश्वविद्यालय में ऑनलाइन वोटिंग से हुए छात्रसंघ चुनाव, रंजीत अध्यक्ष और अशोक उपाध्यक्ष चुने गए

यह भी पढ़ें : छात्र संघ बहाली को लेकर हवन पूजन करने जा रहे थे विद्यार्थी, रोका तो हुई तीखी नोकझोंक

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय सहित संबद्ध डिग्री कॉलेज में छात्र संघ चुनाव बहाली को लेकर विश्वविद्यालय (student union elections) परिसर में चल रहा शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. विद्यार्थियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के बीच मंगलवार को दूसरे दिन लगातार कई चरणों की वार्ता होती रही, लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे. एक ओर विश्वविद्यालय प्रशासन जहां विद्यार्थियों से उनकी मांग से जुड़ा प्रस्ताव मांगता रहा, वहीं छात्र से छात्रसंघ चुनाव की तारीख को लेकर लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े रहे, हालांकि दोपहर में एक बार पुलिस और छात्रों के बीच जमकर नोकझोंक हुई. पुलिस ने विद्यार्थियों को धरना स्थल से उठाने के लिए बल का प्रयोग किया और जबरदस्ती उठाकर गाड़ी में बैठने की कोशिश की. विद्यार्थी पुलिस की गाड़ी से कूदकर वापस धरना स्थल पर आकर बैठ गए, जिसमें कई विद्यार्थियों को हल्की-फुल्की छोटें भी आई हैं, वहीं प्रॉक्टीरियल बोर्ड ने विद्यार्थियों से वार्ता करने के लिए कई राउंड कोशिश की, लेकिन छात्र लिखित आश्वासन लिए बिना धरना समाप्त करने को तैयार नहीं हुए.

लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी
लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी

छात्र बोले, 'अब बिना लिखित आश्वासन के नहीं समाप्त होगा धरना' : छात्रसंघ बहाली को लेकर धरने पर बैठे विद्यार्थियों का कहना है कि छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से बीते एक वर्ष से वार्ता चल रही है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन हर बार केवल झूठे आश्वासन देकर उनकी मांगों को टालता आ रहा है. धरने पर बैठे विद्यार्थियों का कहना था कि इस बार जब तक उन्हें लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता वह अपना धरना समाप्त करेंगे नहीं. मंगलवार की सुबह भी छात्रों ने पूरी तैयारी के साथ अपना प्रदर्शन शुरू किया था. विद्यार्थियों ने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू की. सोमवार की रात को जहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, वहीं मंगलवार को भी पीएससी कैंपस में तैनात कर दिया गया. इस दौरान पुलिस के कई बड़े आला अधिकारी व प्रॉक्टोरियल बोर्ड विद्यार्थियों को समझाने की कोशिश करते रहे.

लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी
लखनऊ विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी

विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि 'छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए शासन की तरफ से कोई भी दिशा निर्देश नहीं मिला है. इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी तरफ से कोई निर्णय नहीं ले सकता है. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि छात्र अपना लिखित ज्ञापन दें तो उसे शासन तक पहुंचाया जाएगा, ताकि शासन उनकी मांगों पर विचार कर सके.'

छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी
छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी



प्रदेश में साल 2007 से नहीं हुआ छात्रसंघ चुनाव : ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में 2007 में जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनी थी. तब मुख्यमंत्री रहीं मायावती ने प्रदेश में छात्र चुनाव को प्रतिबंधित कर दिया था. उस समय सरकार ने छात्रसंघ चुनाव में हिंसा का हवाला देते हुए इस पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन काफी लंबे चले संघर्ष के बाद साल 2012 में विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोबारा से छात्रसंघ चुनाव कराने की तैयारी की थी. विश्वविद्यालय ने लिंगदोह समिति की सिफारिश के अनुसार, नवंबर 2012 में चुनाव की तारीख जारी की थी, लेकिन उस समय एक छात्र नेता हेमंत सिंह की उम्र को लेकर हुए विवाद के बाद यह पूरा मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव के मामलों को भी इसी के साथ जोड़ दिया था. इस मामले की सुनवाई करीब सात साल तक चली, साल 2019 में हाईकोर्ट ने छात्र नेता हेमंत सिंह की याचिका को खारिज करते हुए विश्वविद्यालय व प्रदेश सरकार को लिंगदोह समिति की सिफारिश के अनुसार, प्रदेश के विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव कराने की सहमति दे दी थी.

वार्ता के बाद भी नहीं माने विद्यार्थी
वार्ता के बाद भी नहीं माने विद्यार्थी

हाईकोर्ट से लगे स्टेट के हटने के बाद भी साल 2019 से अब तक प्रदेश में छात्र संघ चुनाव को लेकर कोई भी निर्देश शासन व विश्वविद्यालय की तरफ से नहीं जारी किया गया था. सरकार ने छात्रसंघ चुनाव को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. वहीं बीते साल इस विश्वविद्यालय के कुछ विद्यार्थियों ने छात्र संघ बहाली मोर्चा का गठन कर दोबारा से छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए लगातार कवायद शुरू की थी. बीते साल भी विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के कुलपति सहित पुराने छात्र नेताओं व डिग्री कॉलेज में जनसंपर्क अभियान, हस्ताक्षर अभियान सहित जागरूकता अभियान तक चलाया था. तब विश्वविद्यालय प्रशासन ने सत्र शुरू हो जाने की बात को लेकर इस मामले को टाल दिया था, लेकिन अब विद्यार्थियों ने नया सत्र शुरू होने के साथ ही नए सिरे से छात्रसंघ चुनाव बहाली को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

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