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अक्षय कुमार की ‘पृथ्वीराज’ फिल्म के प्रदर्शन को रोकने की मांग, हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब - जस्टिस एनके चौहरी

अक्षय कुमार की 'पृथ्वीराज' फिल्म के प्रदर्शन को रोकने की मांग की गई. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच
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Published : Feb 3, 2022, 10:13 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल की गई, जिसमें अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'पृथ्वीराज' के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि क्या उक्त फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है या नहीं. कोर्ट ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 21 फरवरी के सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है.

ये आदेश जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस एन के चौहरी की बेंच ने संगीता सिंह की याचिका पर पारित किया. याची के अधिवक्ता सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि याची स्वयं करनी सेना की उपाध्यक्ष है. उनकी ओर से दाखिल उक्त याचिका में फिल्म के टाइटिल में 'सम्राट' शब्द का इस्तेमान न करने, पृथ्वीराज चौहान को गलत तरीके से पेश करने, उनकी रानी को अश्लील पोशाक में दिखाने जैसे मुद्दों को उठाया गया है.

याचिका में कहा गया है कि फिल्म का विज्ञापन प्रदर्शित किया जा रहा है, उक्त विज्ञापन से ही स्पष्ट होता है कि फिल्म को विवादास्पद बनाया गया है. उसमें कहा गया है कि ऐसा लगता है कि उक्त फिल्म को सेंसर बोर्ड ने बिना देखे ही स्वीकृति प्रदान कर दी है. याचिका में फिल्म के डायरेक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी, प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा और अभिनेता अक्षय कुमार को भी पक्षकार बनाया गया है.

इसे भी पढ़ें- BBAU रिकवरी विवाद: परीक्षा नियंत्रक का इस्तीफा, कई अधिकारियों के खिलाफ कुलपति को भेजी थी शिकायत

वहीं सुनवाई के दौरान असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय ने न्यायालय से अनुरोध किया कि फिल्म को सेंसर बोर्ड ने अब तक स्वीकृत किया है या नहीं. ये निर्देश प्राप्त करने के लिए एक सप्ताह का समय प्रदान किया जाए. इस पर न्यायालय ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दाखिल की गई, जिसमें अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'पृथ्वीराज' के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि क्या उक्त फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिल चुकी है या नहीं. कोर्ट ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 21 फरवरी के सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है.

ये आदेश जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस एन के चौहरी की बेंच ने संगीता सिंह की याचिका पर पारित किया. याची के अधिवक्ता सतेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि याची स्वयं करनी सेना की उपाध्यक्ष है. उनकी ओर से दाखिल उक्त याचिका में फिल्म के टाइटिल में 'सम्राट' शब्द का इस्तेमान न करने, पृथ्वीराज चौहान को गलत तरीके से पेश करने, उनकी रानी को अश्लील पोशाक में दिखाने जैसे मुद्दों को उठाया गया है.

याचिका में कहा गया है कि फिल्म का विज्ञापन प्रदर्शित किया जा रहा है, उक्त विज्ञापन से ही स्पष्ट होता है कि फिल्म को विवादास्पद बनाया गया है. उसमें कहा गया है कि ऐसा लगता है कि उक्त फिल्म को सेंसर बोर्ड ने बिना देखे ही स्वीकृति प्रदान कर दी है. याचिका में फिल्म के डायरेक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी, प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा और अभिनेता अक्षय कुमार को भी पक्षकार बनाया गया है.

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वहीं सुनवाई के दौरान असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय ने न्यायालय से अनुरोध किया कि फिल्म को सेंसर बोर्ड ने अब तक स्वीकृत किया है या नहीं. ये निर्देश प्राप्त करने के लिए एक सप्ताह का समय प्रदान किया जाए. इस पर न्यायालय ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया.

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