लखनऊ : ऐशबाग स्थित यमुना झील पर अवैध कब्जे की शिकायत एक बार फिर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक पहुंची है. कब्जे के प्रयास से वह खफा हैं. पहले भी स्थानीय लाेग इसकी शिकायत कर चुके हैं. इस पर रक्षा मंत्री ने झील के विकास के निर्देश दिए थे. अफसरों ने इस पर काम भी शुरू कर दिया था. इस बीच स्थानीय लोगों में से कुछ ने झील में मलबा डालकर उसको पाटना शुरू कर दिया. इसकी शिकायत फिर से रक्षा मंत्री तक पहुंच गई. इसके बाद रक्षा मंत्री ने अधिकारियों को हिदायत दी. बाद में अफसरों की टीम ने मौके का मुआयना किया. लोगों से कब्जा न करने की हिदायत दी.
ऐशबाग क्षेत्र में स्थित यमुना झील पर करीब 3 साल पहले एक अन्य भूमाफिया ने कब्जा करने का प्रयास किया था. उसके बाद स्थानीय लोगों ने विकास समिति का गठन कर दिया था. इस समिति के प्रयासों से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस प्रकरण का संज्ञान लिया और उन्होंने व्यक्तिगत रुचि दिखाते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण और नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया. इसके बाद में यहां से अवैध कब्जों को हटवाया गया. इसके बाद झील के विकास पर काम शुरू हुआ.
पिछले कुछ दिनों से यहां पर एक बार फिर से कब्जे का प्रयास शुरू हो गया. सामाजिक कार्यकर्ता गणेश कनौजिया का आरोप है कि एक सेवानिवृत्त लेखपाल का दावा है कि झील के बड़े हिस्से पर उसका मालिकाना हक है. इस आधार पर उसने यहां पर मिट्टी डलवाना शुरू कर दिया. इससे झील का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है. उनका आरोप है कि इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिकायत की गई. लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी ने भी मौके का जायजा लिया. झील के विकास को लेकर कार्य कर रहे अभय बाजपेई ने बताया कि निश्चित तौर पर पूर्व लेखपाल के दावे की सच्चाई की परख की जानी चाहिए. यह कैसे संभव है कि 200 साल पुरानी झील पर अचानक से किसी का मालिकाना हक हो जाए.
राजनाथ सिंह के आदेश और उनके प्रतिनिधि डॉ. राघवेन्द्र शुक्ला के प्रयास से लखनऊ विकास प्राधिकरण, नगर निगम एवं राजस्व के अधिकारी मौके पर जांच के लिए पहुंचे. विपिन कुमार मिश्रा एडीएम प्रशासन, यमुनाधर चौहान सहायक नगर आयुक्त नगर निगम, अरविन्द त्रिपाठी नजूल अधिकारी, आशीष मौर्या अमीन, तहसीलदार लखनऊ अमित त्रिपाठी, नायब तहसीलदार लखनऊ राजाराम मिश्रा, लेखपाल आदि मौके पर मौजूद रहे. अधिकारियों ने अवैध कब्जेदारों से अपने आवास के कागजात मांगें. किसी भी तरह से झील में मलबा डालकर पाटने से मना किया. झील बचाओ अभियान की ओर से गनेश कनौजिया, गौरव वाजपेई, उमाशंकर सिंह, हनी कनौजिया, सचिन जयसवाल, संजीव श्रीवास्तव आदि भी उपस्थित रहे.
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