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लखनऊ: देशी-विदेशी सैन्य उपकरणों से सजा डिफेंस एक्सपो

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में 5-9 फरवरी को आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो में विदेशी कंपनियां शिरकत करेंगी. एक्सपो में 60 से ज्यादा देश की रक्षा निर्माण क्षेत्र से जुड़े डेढ़ सौ कंपनियां शामिल होंगी.

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Published : Feb 3, 2020, 9:24 PM IST

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डिफेंस एक्सपो में विदेशी कंपनियां शिरकत करेंगी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो में तमाम विदेशी कंपनियां शिरकत करेंगी. वह अपने बेहतरीन साइन उपकरणों का प्रदर्शन भी करेंगी. एक्सपो में शामिल होने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, यूक्रेन, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, इटली, इजराइल, जर्मनी समेत 60 से ज्यादा देश की रक्षा निर्माण क्षेत्र से जुड़े डेढ़ सौ कंपनियां शामिल होगी.

मामले की जानकारी देते हुए संवाददाता.

यह सभी कंपनियां अपने यहां की उन्नत तकनीकी को प्रदर्शित कर अन्य देशों को अपनी तरफ लुभाने का प्रयास भी करेंगी. भारत की तरफ से रक्षा विज्ञान अनुसंधान एवं संस्थान (डीआरडीओ) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भी (एचएएल) अपने अत्याधुनिक उपकरण डिफेंस एक्सपो में पहली बार सामने लाएगा.


महाशक्ति में भारत चौथा देश

  • डिफेंस एक्सपो में देशों की रक्षा निर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों ने अपने उपकरण सजाने पर शुरू कर दिए हैं.
  • डिफेंस एक्सपो स्थल पर भारत की एंटी सेटेलाइट शक्ति मिसाइल पहुंच चुकी है.
  • इस मिसाइल की खासियत है 1 हजार किलोमीटर तक की रेंज एक सेकंड में टारगेट को इंटरसेप्ट करती है.
  • अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष में महाशक्ति हासिल करने वाला भारत चौथा देश है.
  • यह एंटी मिसाइल शक्ति भारत को रक्षा के मामले में अन्य शक्तिशाली देशों की कतार में खड़ा करती है.

डिफेंस एक्सपो में ब्रह्मोस मिसाइल रहेगी आकर्षण का केंद्र
भारत और रूस के सहयोग से बनी ब्रह्मोस मिसाइल भी यहां पर लोगों का आकर्षण का केंद्र बन रही है. इसकी खासियत है यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसे पनडुब्बी से पानी के जहाज से विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है. इसका वजन 3 हजार किलोग्राम है. तमाम मिग-21 भी यहां पर पहुंच चुके हैं.

इसके अलावा यहां पर रोबोट भी प्रदर्शित किए जाएंगे जो डिफेंस एक्सपो स्थल पर पहुंच चुके हैं. डीआरडीओ के साथ 8 प्रौद्योगिकी समूह एयरोनॉटिकल सिस्टम, आर्मामेंट एंड कांबेट इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन सिस्टम्स, लाइफ साइंसेज, माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज एंड कंप्यूटेशनल सिस्टम्स, मिसाइल एंड स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स, नौसेना प्रणाली एंड मटेरियल और सिस्टम विश्लेषण और मॉडलिंग.


डिफेंस एक्सपो में विमानों के मॉडल सजाए गए
डीआरडीओ ने डिफेंस एक्सपो स्थल पर विमानों के मॉडल भी सजा दिए हैं, जिनमें तेजस, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, मानवरहित ड्रोन रुस्तम, सेकंड एडवांस्ड पायलटलेस टारगेट, एयरक्राफ्ट, हाइब्रिड सिस्टम लॉन्ग रेंज सबसोनिक क्रूज मिसाइल, तेजस मार्क II, तेजस mk-1a और कावेरी इंजन के मॉडल यहां पर रख दिए गए हैं.

इसे भी पढ़ें:- रणजीत बच्चन हत्याकांड: पुलिस ने जारी किया संदिग्ध का फोटो

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो में तमाम विदेशी कंपनियां शिरकत करेंगी. वह अपने बेहतरीन साइन उपकरणों का प्रदर्शन भी करेंगी. एक्सपो में शामिल होने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, यूक्रेन, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, इटली, इजराइल, जर्मनी समेत 60 से ज्यादा देश की रक्षा निर्माण क्षेत्र से जुड़े डेढ़ सौ कंपनियां शामिल होगी.

मामले की जानकारी देते हुए संवाददाता.

यह सभी कंपनियां अपने यहां की उन्नत तकनीकी को प्रदर्शित कर अन्य देशों को अपनी तरफ लुभाने का प्रयास भी करेंगी. भारत की तरफ से रक्षा विज्ञान अनुसंधान एवं संस्थान (डीआरडीओ) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भी (एचएएल) अपने अत्याधुनिक उपकरण डिफेंस एक्सपो में पहली बार सामने लाएगा.


महाशक्ति में भारत चौथा देश

  • डिफेंस एक्सपो में देशों की रक्षा निर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों ने अपने उपकरण सजाने पर शुरू कर दिए हैं.
  • डिफेंस एक्सपो स्थल पर भारत की एंटी सेटेलाइट शक्ति मिसाइल पहुंच चुकी है.
  • इस मिसाइल की खासियत है 1 हजार किलोमीटर तक की रेंज एक सेकंड में टारगेट को इंटरसेप्ट करती है.
  • अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष में महाशक्ति हासिल करने वाला भारत चौथा देश है.
  • यह एंटी मिसाइल शक्ति भारत को रक्षा के मामले में अन्य शक्तिशाली देशों की कतार में खड़ा करती है.

डिफेंस एक्सपो में ब्रह्मोस मिसाइल रहेगी आकर्षण का केंद्र
भारत और रूस के सहयोग से बनी ब्रह्मोस मिसाइल भी यहां पर लोगों का आकर्षण का केंद्र बन रही है. इसकी खासियत है यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. इसे पनडुब्बी से पानी के जहाज से विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है. इसका वजन 3 हजार किलोग्राम है. तमाम मिग-21 भी यहां पर पहुंच चुके हैं.

इसके अलावा यहां पर रोबोट भी प्रदर्शित किए जाएंगे जो डिफेंस एक्सपो स्थल पर पहुंच चुके हैं. डीआरडीओ के साथ 8 प्रौद्योगिकी समूह एयरोनॉटिकल सिस्टम, आर्मामेंट एंड कांबेट इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन सिस्टम्स, लाइफ साइंसेज, माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज एंड कंप्यूटेशनल सिस्टम्स, मिसाइल एंड स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स, नौसेना प्रणाली एंड मटेरियल और सिस्टम विश्लेषण और मॉडलिंग.


डिफेंस एक्सपो में विमानों के मॉडल सजाए गए
डीआरडीओ ने डिफेंस एक्सपो स्थल पर विमानों के मॉडल भी सजा दिए हैं, जिनमें तेजस, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, मानवरहित ड्रोन रुस्तम, सेकंड एडवांस्ड पायलटलेस टारगेट, एयरक्राफ्ट, हाइब्रिड सिस्टम लॉन्ग रेंज सबसोनिक क्रूज मिसाइल, तेजस मार्क II, तेजस mk-1a और कावेरी इंजन के मॉडल यहां पर रख दिए गए हैं.

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Intro:देशी-विदेशी सैन्य उपकरणों से सजा डिफेंस एक्सपो, डीआरडीओ, एचएएल देगा टक्कर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित होने वाले डिफेंस एक्सपो में तमाम विदेशी कंपनियां शिरकत करेंगी। वे अपने बेहतरीन साइन उपकरणों का प्रदर्शन भी करेंगी। एक्सपो में शामिल होने वाले देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, यूक्रेन, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, इटली, इज़राइल, जर्मनी समेत 60 से ज्यादा देश की रक्षा निर्माण क्षेत्र से जुड़े डेढ़ सौ कंपनियां शामिल होंगी। यह सभी कंपनियां अपने यहां की उन्नत तकनीकी को प्रदर्शित कर अन्य देशों को अपनी तरफ लुभाने का प्रयास भी करेंगी। भारत की तरफ से रक्षा विज्ञान अनुसंधान एवं संस्थान (डीआरडीओ) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भी (एचएएल)अपने अत्याधुनिक उपकरण डिफेंस एक्सपो में पहली बार सामने लाएगा।


Body:डिफेंस एक्स्पो में तमाम देशों की रक्षा निर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों ने अपने उपकरण सजाने पर शुरू कर दिए हैं। डिफेंस एक्सपो स्थल पर भारत की एंटी सेटेलाइट शक्ति मिसाइल पहुंच चुकी है। इस मिसाइल की खासियत है 1000 किलोमीटर तक की रेंज। एक सेकंड में टारगेट को करती है इंटरसेप्ट। अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष में महाशक्ति हासिल करने वाला भारत चौथा देश है। ये एंटी मिसाइल शक्ति भारत को रक्षा के मामले में अन्य शक्तिशाली देशों की कतार में खड़ा करती है। इसके अलावा भारत और रूस के सहयोग से बनी ब्रह्मोस मिसाइल भी यहां पर लोगों का आकर्षण का केंद्र बन रही है। इसकी खासियत है यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है इसे पनडुब्बी से पानी के जहाज से विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। इसका वजन 3000 किलोग्राम है। तमाम मिग-21 भी यहां पर पहुंच चुके हैं। इसके अलावा यहां पर रोबोट भी प्रदर्शित किए जाएंगे जो डिफेंस एक्सपो स्थल पर पहुंच चुके हैं। डीआरडीओ के साथ 8 प्रद्योगिकी समूह एयरोनॉटिकल सिस्टम, आर्मामेंट एंड कांबेट इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन सिस्टम्स, लाइफ़ साइंसेज, माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज एंड कंप्यूटेशनल सिस्टम्स, मिसाइल एंड स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स, नौसेना प्रणाली एंड मटेरियल और सिस्टम विश्लेषण और मॉडलिंग।




Conclusion:डीआरडीओ ने डिफेंस एक्सपो स्थल पर विमानों के मॉडल भी सजा दिए हैं, जिनमें तेजस, एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, मानवरहित ड्रोन रुस्तम, सेकंड एडवांस्ड पायलटलेस टारगेट, एयरक्राफ्ट, हाइब्रिड सिस्टम लॉन्ग रेंज सबसोनिक क्रूज मिसाइल, तेजस मार्क II, तेजस mk-1a और कावेरी इंजन के मॉडल यहां पर रख दिए गए हैं।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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