लखनऊ : राजधानी लखनऊ में इस बार छठ पूजा पर गोमती किनारे लक्ष्मण मेला मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा. 36 वर्षों से इस कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में किया जाता है. इसकी शुरुआत 1984 में की गई थी. लेकिन कोविड-19 के चलते इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जा रहा है. इसके साथ ही पूजा के दौरान उपस्थित लोगों को कोविड-19 के नियमों का पालन भी करना होगा. इस दौरान यह अपील भी की गई है कि लोग अपने घरों में रहकर ही पूजा करें.
घर के आस-पास करें पूजा
अखिल भारतीय के भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने सभी से अनुरोध किया है कि कोरोना के चलते लोग अपने घरों के आसपास पार्क में ही पूजा करें. छठ घाट गोमती तट लखनऊ मेला मैदान पर सफाई, फागिंग, लाइट सभी प्रकार की व्यवस्था करा दी गई है. इस दौरान पुलिस बल भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहेगा. कोरोना प्रोटोकॉल के तहत ही लोग वहां पर जा पाएंगे. सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरीके से मुस्तैद रहेगी.
साठी के चावल का विशेष महत्व
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि लगभग 200 कलाकारों द्वारा 18 घंटे तक प्रत्येक वर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं. इस दौरान लाखों की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं. छठ पूजा पर लोग परिवार की शांति, स्वस्थ, ऊर्जावान और दीर्घायु के लिए कामना करते हैं. इस पवित्र पर्व पर साठी के चावल का विशेष महत्व है. सभी मौसमी फल जैसे शरीफा, केला, अमरूद, सेब, अनार, सूथनी, हल्दी, अदरक, गन्ना आदि प्रयोग किया जाता है.