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कमिश्नर सिस्टम के बाद राजधानी में घटा क्राइम रेट, आंकड़े हैं गवाह

लखनऊ में कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के एक साल बाद बड़े बदलाव देखने को मिले. यहां अपराध पहले की तुलना में नियंत्रित हुआ है. पुलिस के व्यवहार और कार्यशैली में भी सुधार आया है. इस सफल प्रयास के बाद योगी सरकार ने कानपुर और वाराणसी को भी कमिश्ननरी बनाया है.

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Published : Mar 26, 2021, 4:24 PM IST

Updated : Mar 26, 2021, 6:48 PM IST

कमिश्नर सिस्टम के बाद राजधानी में घटा क्राइम रेट
कमिश्नर सिस्टम के बाद राजधानी में घटा क्राइम रेट

लखनऊः सूबे की राजधानी को और सुरक्षित बनाने के लिए यहां कमिश्नर सिस्टम की शुरुआत की गई. लखनऊ और नोएडा में इसकी नींव पड़ी. लखनऊ कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के एक साल बाद ही बड़े बदलाव देखने को मिले. यहां अपराध पहले की अपेक्षा नियंत्रित हुआ है. पुलिसिंग बेहतर हुई है. पुलिस के व्यवहार और कार्यशैली में भी सुधार आया है. इस सफल प्रयोग के बाद अब योगी सरकार ने कानपुर और वाराणसी को भी कमिश्नरी बनाया है. देखना ये है कि क्या लखनऊ और नोएडा की तरह यहां भी अपराध कम होगा.

कमिश्नर सिस्टम के बाद राजधानी में घटा क्राइम

राजधानी में कम हो गए अपराध

पुलिस कमिश्नरेट के मुताबिक, कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद डकैती में 75 फीसदी, लूट में 76.81 फीसदी, हत्या में 21.09 फीसदी और रेप की घटनाओं में 41.34 फ़ीसदी की कमी आई है. अपहरण की घटनाओं में 32.81 फीसदी की कमी आई. इसके अलावा अब तक 45 माफियाओं को चिन्हित किया गया. माफ़ियाओं के अवैध रूप से अर्जित की गई 1000 करोड़ की संपत्तियां भी ज़ब्त की गई. जो कि 15.49 फीसदी की बढ़ोतरी है.

इसे भी पढ़े- कानपुर के असीम अरुण और ए. सतीश गणेश वाराणसी के बने पहले पुलिस कमिश्नर

50 फीसदी कम हुई हत्याएं, लूट में भी कमी

लखनऊ कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद हत्या की वारदात में करीब 13 फीसदी की कमी आई है. राजधानी में 2019 में 99 हत्याएं हुईं थीं, जबकि 2020 में ये संख्या 74 रह गई. लखनऊ में पिछले साल 2019 में 32 लूट की घटनाएं हुई थीं, जो इस साल 13 ही हैं. जो कि 40 फीसदी कम है.

महिला अपराध पर भी लगा अंकुश

राजधानी में 2019 में रेप के 98 केस, जनवरी 2020 में 69 मामले सामने आए. जो कि 70 फ़ीसदी कम है. इसी तरह राजधानी में छेड़खानी की घटनाओं में 50 फीसदी की कमी आई है. पिछले साल जहां 1541 वारदात हुईं थीं, वहीं इस साल 878 मामले सामने आए हैं.

इन मामलों में भी कमी आई

जघन्य अपराधों के अलावा चोरी, बलवा और वाहन चोरी की घटनाओं में भी कमी आई है. लखनऊ में पिछले साल 2019 में 3,151 चोरी की घटनायें हुईं, जबकि इस साल 2020 में 1,818 चोरियां हुईं. जो कि 57 फीसदी कम है. पिछले साल 2019 में 1,992 और 2020 में 1,076 गाड़ियां चोरी हुई थीं. जो कि पिछले साल से 54 फीसदी कम है. बलवा के मामले पिछले साल 2019 में 150 थे और इस साल 75 ही हैं. जो कि 50 फीसदी कम हैं.

पीड़ितों के लिए ये नया प्रयोग रहा सफल

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि, कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद लखनऊ और नोएडा में महिला सुरक्षा को लेकर नया प्रयोग किया गया. दुष्कर्म पीड़ित और छेड़छाड़ पीड़ित की मदद के लिए हर समय एक पुलिस वाले की जिम्मेदारी तय की गई. पीड़िताओं के पास उनका नंबर होता है. इससे आरोपी अगर अपराध दोहराने का प्रयास करते हैं, तो उन पर नकेल कसी जा सकती है. लखनऊ में 287 पीड़िताओं को कवर किया गया है.

महिला सुरक्षा का रखा ध्यान

अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि महिला सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखते हुए सरकार ने पहले-पहल एंटी रोमियो स्क्वॉयड बनाया. 218 पॉक्सो कोर्ट बनाई गई. महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति शुरू किया. जिसके तहत 1,535 थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाई गई हैं. महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए 100 पिंक बूथ बनाये गये.

(ये सारे आंकड़े 1 जनवरी 2020 से 1 जनवरी 2021 के हैं.)

लखनऊः सूबे की राजधानी को और सुरक्षित बनाने के लिए यहां कमिश्नर सिस्टम की शुरुआत की गई. लखनऊ और नोएडा में इसकी नींव पड़ी. लखनऊ कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के एक साल बाद ही बड़े बदलाव देखने को मिले. यहां अपराध पहले की अपेक्षा नियंत्रित हुआ है. पुलिसिंग बेहतर हुई है. पुलिस के व्यवहार और कार्यशैली में भी सुधार आया है. इस सफल प्रयोग के बाद अब योगी सरकार ने कानपुर और वाराणसी को भी कमिश्नरी बनाया है. देखना ये है कि क्या लखनऊ और नोएडा की तरह यहां भी अपराध कम होगा.

कमिश्नर सिस्टम के बाद राजधानी में घटा क्राइम

राजधानी में कम हो गए अपराध

पुलिस कमिश्नरेट के मुताबिक, कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद डकैती में 75 फीसदी, लूट में 76.81 फीसदी, हत्या में 21.09 फीसदी और रेप की घटनाओं में 41.34 फ़ीसदी की कमी आई है. अपहरण की घटनाओं में 32.81 फीसदी की कमी आई. इसके अलावा अब तक 45 माफियाओं को चिन्हित किया गया. माफ़ियाओं के अवैध रूप से अर्जित की गई 1000 करोड़ की संपत्तियां भी ज़ब्त की गई. जो कि 15.49 फीसदी की बढ़ोतरी है.

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50 फीसदी कम हुई हत्याएं, लूट में भी कमी

लखनऊ कमिश्नरी सिस्टम लागू होने के बाद हत्या की वारदात में करीब 13 फीसदी की कमी आई है. राजधानी में 2019 में 99 हत्याएं हुईं थीं, जबकि 2020 में ये संख्या 74 रह गई. लखनऊ में पिछले साल 2019 में 32 लूट की घटनाएं हुई थीं, जो इस साल 13 ही हैं. जो कि 40 फीसदी कम है.

महिला अपराध पर भी लगा अंकुश

राजधानी में 2019 में रेप के 98 केस, जनवरी 2020 में 69 मामले सामने आए. जो कि 70 फ़ीसदी कम है. इसी तरह राजधानी में छेड़खानी की घटनाओं में 50 फीसदी की कमी आई है. पिछले साल जहां 1541 वारदात हुईं थीं, वहीं इस साल 878 मामले सामने आए हैं.

इन मामलों में भी कमी आई

जघन्य अपराधों के अलावा चोरी, बलवा और वाहन चोरी की घटनाओं में भी कमी आई है. लखनऊ में पिछले साल 2019 में 3,151 चोरी की घटनायें हुईं, जबकि इस साल 2020 में 1,818 चोरियां हुईं. जो कि 57 फीसदी कम है. पिछले साल 2019 में 1,992 और 2020 में 1,076 गाड़ियां चोरी हुई थीं. जो कि पिछले साल से 54 फीसदी कम है. बलवा के मामले पिछले साल 2019 में 150 थे और इस साल 75 ही हैं. जो कि 50 फीसदी कम हैं.

पीड़ितों के लिए ये नया प्रयोग रहा सफल

एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि, कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद लखनऊ और नोएडा में महिला सुरक्षा को लेकर नया प्रयोग किया गया. दुष्कर्म पीड़ित और छेड़छाड़ पीड़ित की मदद के लिए हर समय एक पुलिस वाले की जिम्मेदारी तय की गई. पीड़िताओं के पास उनका नंबर होता है. इससे आरोपी अगर अपराध दोहराने का प्रयास करते हैं, तो उन पर नकेल कसी जा सकती है. लखनऊ में 287 पीड़िताओं को कवर किया गया है.

महिला सुरक्षा का रखा ध्यान

अपर महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि महिला सुरक्षा को प्राथमिकता पर रखते हुए सरकार ने पहले-पहल एंटी रोमियो स्क्वॉयड बनाया. 218 पॉक्सो कोर्ट बनाई गई. महिलाओं की सुरक्षा के लिए मिशन शक्ति शुरू किया. जिसके तहत 1,535 थानों में महिला हेल्प डेस्क बनाई गई हैं. महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए 100 पिंक बूथ बनाये गये.

(ये सारे आंकड़े 1 जनवरी 2020 से 1 जनवरी 2021 के हैं.)

Last Updated : Mar 26, 2021, 6:48 PM IST
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