लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. साइबर जालसाजों ने यूपी पुलिस के उन पूर्व आईपीएस अधिकारियों का डेटा निकाल कर ठगी करने की कोशिश शुरू कर दी है, जिन्हें सरकार की ओर से पेंशन दी जा रही है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह शिकार बनाने की कोशिश की गयी. उन्हें साइबर ठगों ने खुद को पेंशन अधिकारी बता कर ठगने का प्रयास किया. हालांकि जागरूकता के कारण सुलखान सिंह ठगी (Cyber fraud attempt with former DGP Sulkhan Singh) से बच गए.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर जालसाजों के पास पूर्व पुलिस अधिकारियों का डेटा (Former police officers data leaked) कैसे पहुंचा? पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह के मुताबिक, शुक्रवार को उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई थी. कॉल करने वाले ने उनसे कहा कि, वह जवाहर भवन से बोल रहा हैं. उसने कहा कि आपका जीवन प्रमाण पत्र नहीं जमा हुआ है. ऐसे में आप अपनी जानकारी की पुष्टि करने के लिए ओटीपी बताइए. यह आपके नम्बर पर भेजा गया है, नहीं तो आपकी पेंशन बंद कर दी जाएगी.
सुलखान सिंह के मुताबिक, कॉलर के उनसे ओटीपी मांगे जाने पर उन्हें समझ में आ गया कि ये साइबर जालसाजों द्वारा की गई कॉल है. उन्होंने तत्काल उस नंबर को ब्लॉक कर दिया. फिलहाल, पूर्व डीजीपी ने ट्रेजरी डिपार्टमेंट से मौखिक शिकायत की है. इससे पहले पूर्व आईपीएस ओपी त्रिपाठी, अरुण गुप्ता समेत कई पूर्व पुलिस अधिकारियों को पेंशन से जुड़ी फेक कॉल आ चुकी है. साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू के मुताबिक, इस तरह ठगी से जुड़े मामलों की की जांच की जा रही है. (Crime News UP)