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गायत्री प्रजापति का जेल में ही कराएं समुचित इलाज, कोर्ट ने दिए आदेश

जज पवन कुमार राय ने आपराधिक मामले में निरुद्ध गायत्री प्रसाद प्रजापति की बीमारी का इलाज जेल मैनुअल के मुताबिक जेल में ही कराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इस संदर्भ में वरिष्ठ जेल अधीक्षक से आख्या तलब करते हुए यह आदेश गायत्री प्रजापति की एक अर्जी पर दिया है.

लखनऊ हाईकोर्ट.
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Published : Nov 9, 2020, 8:47 PM IST

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अपहरण और छेड़छाड़ के एक आपराधिक मामले में निरुद्ध गायत्री प्रसाद प्रजापति की बीमारी का इलाज जेल मैनुअल के मुताबिक जेल में ही कराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक को दिए गए अपने आदेश में कहा है कि गायत्री प्रजापति को जेल मैनुअल के मुताबिक ही सुविधा दी जाए. उन्होंने इस संदर्भ में वरिष्ठ जेल अधीक्षक से आख्या भी तलब की है. कोर्ट ने यह आदेश गायत्री प्रजापति की दाखिल की गई एक अर्जी पर दिया है. वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी.

सोमवार को एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्त गायत्री और आशीष शुक्ला जेल से उपस्थित थे. इस दौरान गायत्री की ओर से एक अर्जी प्रस्तुत की गई थी, जिसमें अपनी बीमारी का इलाज केजीएमयू में कराने की दरख्वास्त की गई थी. गायत्री का कहना था कि जेल में उनका इलाज ठीक से नहीं हो रहा है. गायत्री प्रजापति के मुताबिक उन्हें न तो जेल के अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है और न ही समुचित भोजन दिया जा रहा है. गायत्री प्रजापति ने कहा कि यहां तक कि रात में सोने के लिए उन्हें बिस्तर भी नहीं दिया जा रहा है, जबकि पूर्व में मंत्री और विधायक रहने के चलते उन्हें ये सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए.

26 अक्टूबर, 2016 को चित्रकूट की एक महिला ने थाना गोमतीनगर में आईपीसी की धारा 294, 504 और 506 में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी. विवेचना के दौरान इस मामले में गायत्री का भी नाम प्रकाश में आया था. साथ ही इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ अपहरण और छेड़छाड़ का भी आरोप पाया गया था. 27 जुलाई, 2017 को पुलिस ने अपहरण और छेड़छाड़ के आरोपों की बढ़ोतरी करते हुए आशीष के साथ ही गायत्री प्रजापति के खिलाफ भी कई धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किए थे.

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अपहरण और छेड़छाड़ के एक आपराधिक मामले में निरुद्ध गायत्री प्रसाद प्रजापति की बीमारी का इलाज जेल मैनुअल के मुताबिक जेल में ही कराने का आदेश दिया है. कोर्ट ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक को दिए गए अपने आदेश में कहा है कि गायत्री प्रजापति को जेल मैनुअल के मुताबिक ही सुविधा दी जाए. उन्होंने इस संदर्भ में वरिष्ठ जेल अधीक्षक से आख्या भी तलब की है. कोर्ट ने यह आदेश गायत्री प्रजापति की दाखिल की गई एक अर्जी पर दिया है. वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को होगी.

सोमवार को एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियुक्त गायत्री और आशीष शुक्ला जेल से उपस्थित थे. इस दौरान गायत्री की ओर से एक अर्जी प्रस्तुत की गई थी, जिसमें अपनी बीमारी का इलाज केजीएमयू में कराने की दरख्वास्त की गई थी. गायत्री का कहना था कि जेल में उनका इलाज ठीक से नहीं हो रहा है. गायत्री प्रजापति के मुताबिक उन्हें न तो जेल के अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है और न ही समुचित भोजन दिया जा रहा है. गायत्री प्रजापति ने कहा कि यहां तक कि रात में सोने के लिए उन्हें बिस्तर भी नहीं दिया जा रहा है, जबकि पूर्व में मंत्री और विधायक रहने के चलते उन्हें ये सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए.

26 अक्टूबर, 2016 को चित्रकूट की एक महिला ने थाना गोमतीनगर में आईपीसी की धारा 294, 504 और 506 में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई थी. विवेचना के दौरान इस मामले में गायत्री का भी नाम प्रकाश में आया था. साथ ही इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ अपहरण और छेड़छाड़ का भी आरोप पाया गया था. 27 जुलाई, 2017 को पुलिस ने अपहरण और छेड़छाड़ के आरोपों की बढ़ोतरी करते हुए आशीष के साथ ही गायत्री प्रजापति के खिलाफ भी कई धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किए थे.

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