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SDM ने नहीं भेजी मुकदमे की रिपोर्ट, कोर्ट ने कहा- स्थिति आपत्तिजनक

लखनऊ में एक विवादित पुश्तैनी जमीन पर कथिततौर पर इंटरलॉकिंग रास्ता बनाने के मामले में 19 दिसंबर को अदालत ने परिवाद पर सुनवाई करते हुए एसडीएम से विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की थी. एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद एसडीएम द्वारा जांच रिपोर्ट न भेजे जाने पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है.

Hearing on complaint
पुश्तैनी जमीन पर इंटरलॉकिंग रास्ता
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Published : Jan 25, 2021, 10:31 PM IST

लखनऊ: अमीनाबाद इलाके में एक विवादित पुश्तैनी जमीन पर कथिततौर पर इंटरलॉकिंग रास्ता बनाने के मामले में आदेश के बावजूद एसडीएम द्वारा जांच रिपोर्ट नहीं भेजने पर कोर्ट ने इसे आपत्तिजनक करार दिया है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवानंद ने इस मामले में एसडीएम सदर को आदेशित किया है कि वह 20 फरवरी तक अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करें, ताकि इस मामले में दाखिल परिवाद का निस्तारण किया जा सके.

परिवाद में नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी और नगर निगम जोन-1 के अवर अभियंता किशोरी लाल को विपक्षी पक्षकार बनाया गया है. परिवाद दाखिल करने वाले हसन बहादर और गनी बहादर ने इस मामले में विपक्षीगणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. परिवादियों के अधिवक्ता आशीष जैन ने दलील दी है कि विपक्षीगणों ने अपने पदीय शक्तियों का दुरुपयोग कर परिवादीगणों को क्षति पहुंचाने के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित किया है.

उल्लेखनीय है कि 19 दिसंबर को अदालत ने परिवाद पर सुनवाई करते हुए एसडीएम से विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की थी. एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद एसडीएम द्वारा जांच रिपोर्ट न भेजे जाने पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है.

लखनऊ: अमीनाबाद इलाके में एक विवादित पुश्तैनी जमीन पर कथिततौर पर इंटरलॉकिंग रास्ता बनाने के मामले में आदेश के बावजूद एसडीएम द्वारा जांच रिपोर्ट नहीं भेजने पर कोर्ट ने इसे आपत्तिजनक करार दिया है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवानंद ने इस मामले में एसडीएम सदर को आदेशित किया है कि वह 20 फरवरी तक अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित करें, ताकि इस मामले में दाखिल परिवाद का निस्तारण किया जा सके.

परिवाद में नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी और नगर निगम जोन-1 के अवर अभियंता किशोरी लाल को विपक्षी पक्षकार बनाया गया है. परिवाद दाखिल करने वाले हसन बहादर और गनी बहादर ने इस मामले में विपक्षीगणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. परिवादियों के अधिवक्ता आशीष जैन ने दलील दी है कि विपक्षीगणों ने अपने पदीय शक्तियों का दुरुपयोग कर परिवादीगणों को क्षति पहुंचाने के साथ-साथ मानसिक तौर पर भी प्रताड़ित किया है.

उल्लेखनीय है कि 19 दिसंबर को अदालत ने परिवाद पर सुनवाई करते हुए एसडीएम से विस्तृत जांच रिपोर्ट तलब की थी. एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद एसडीएम द्वारा जांच रिपोर्ट न भेजे जाने पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है.

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