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ढाई साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को बीस साल की सजा

राजधानी लखनऊ के पॉक्सो के विशेष जज ने ढाई साल की बच्ची से दुराचार करने वाले अभियुक्त दोषी करार देते हुए 20 साल की कठोर कारावास सजा सुनाई है. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त किसी भी प्रकार की दया का पात्र नहीं है.

लखनऊ न्यायालय.
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Published : Aug 11, 2021, 10:35 PM IST

लखनऊः ढाई साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले दरिंदे को कानून ने आखिरकार उसके अंजाम तक पहुंचा दिया है. राजधानी के इस मामले में पॉक्सो के विशेष जज राम बिलास प्रसाद ने ढाई साल की बच्ची से दुराचार करने वाले अभियुक्त प्रदीप प्रजापति को पॉक्सो एक्ट की धारा-6 के तहत दोषी करार देते हुए 20 साल की कठोर कारावास सजा सुनाई है. सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त किसी भी प्रकार की दया का पात्र नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त पर 40 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.

इसे भी पढ़ें-स्मारक घोटाला मामला: खनन निदेशालय के तत्कालीन संयुक्त निदेशक समेत पांच के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

विशेष लोक अभियोजक मनोज तिवारी ने इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से बहस की. उन्होंने कोर्ट को बताया कि 26 जनवरी 2019 को इस मामले की एफआईआर पीड़िता के पिता ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. घटना के दिन शाम को अभियुक्त उनकी मासूम बच्ची के साथ दुराचार करके भाग गया था. वहीं बचाव पक्ष ने अभियुक्त कोर्ट के समक्ष के अभियुक्त के निर्दोष होने की दलील दी. बचाव पक्ष का कहना था कि अभियुक्त को मामले में बेवजह फंसाया गया है. हालांकि कोर्ट ने बचाव पक्ष की सभी दलीलों को खारिज कर दिया. बता दें कि इस मामले में खास बात यह भी रही कि कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई ढाई साल से भी कम समय में पूरी कर ली.

लखनऊः ढाई साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वाले दरिंदे को कानून ने आखिरकार उसके अंजाम तक पहुंचा दिया है. राजधानी के इस मामले में पॉक्सो के विशेष जज राम बिलास प्रसाद ने ढाई साल की बच्ची से दुराचार करने वाले अभियुक्त प्रदीप प्रजापति को पॉक्सो एक्ट की धारा-6 के तहत दोषी करार देते हुए 20 साल की कठोर कारावास सजा सुनाई है. सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त किसी भी प्रकार की दया का पात्र नहीं है. इसके साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त पर 40 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.

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