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गायत्री के बेटे अनिल कुमार प्रजापति की जमानत सर्शत मंजूर - अनिल कुमार प्रजापति

एमपी-एमएलए के विशेष जज पवन कुमार राय ने धोखाधड़ी, कूटरचना, जबरन वसूली और जानमाल की धमकी देने के एक आपराधिक मामले में जेल में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल कुमार प्रजापति की जमानत अर्जी सर्शत मंजूर कर ली है.

एमपीएमएल कोर्ट.
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Published : Mar 8, 2021, 10:25 PM IST

लखनऊः एमपी-एमएलए के विशेष जज पवन कुमार राय ने धोखाधड़ी, कूटरचना, जबरन वसूली और जानमाल की धमकी देने के एक आपराधिक मामले में जेल में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल कुमार प्रजापति की जमानत अर्जी सर्शत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने 50 हजार रुपये की दो जमानत और इनती ही धनराशि का निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने अपने आदेश में अन्य शर्तो के अलावा यह भी कहा है कि अभियुक्त किसी प्रकार से गवाहों पर दबाव नहीं बनाएगा. उन्हें किसी प्रकार से प्रभावित भी नहीं करेगा. यदि अभियुक्त किसी शर्त का उल्लघंन करता है, तो विचारण अदालत नियमानुसार अपने स्तर से कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.

उल्लेखनीय है कि गायत्री प्रजापति, अनिल प्रजापति और एक अन्य महिला के विरुद्ध गायत्री की कंपनी के पूर्व डॉयरेक्टर बृज भवन चौबे ने 17 सितंबर 2020 को थाना गोमती नगर विस्तार में एफआईआर दर्ज कराते हुए, आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी के नाम की खरगापुर में स्थित जमीन उसे धमकी देकर एफआईआर में नामजद महिला के नाम करा दी गई. कहा गया कि चित्रकूट निवासी उक्त महिला ने गायत्री प्रजापति पर दुराचार की एफआईआर दर्ज कराई थी.

इसी मुकदमे में महिला को अपने पक्ष में बयान देने के लिए अभियुक्तों द्वारा वादी की जमीन उसके नाम करा दी गई. बाद में उक्त महिला गायत्री प्रजापति के पक्ष में बयान भी देने लगी. आरोप है कि उक्त महिला वादी को दुराचार के मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए जमीन पर कब्जा देने का दबाव बना रही है.

लखनऊः एमपी-एमएलए के विशेष जज पवन कुमार राय ने धोखाधड़ी, कूटरचना, जबरन वसूली और जानमाल की धमकी देने के एक आपराधिक मामले में जेल में निरुद्ध पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के बेटे अनिल कुमार प्रजापति की जमानत अर्जी सर्शत मंजूर कर ली है. कोर्ट ने 50 हजार रुपये की दो जमानत और इनती ही धनराशि का निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने अपने आदेश में अन्य शर्तो के अलावा यह भी कहा है कि अभियुक्त किसी प्रकार से गवाहों पर दबाव नहीं बनाएगा. उन्हें किसी प्रकार से प्रभावित भी नहीं करेगा. यदि अभियुक्त किसी शर्त का उल्लघंन करता है, तो विचारण अदालत नियमानुसार अपने स्तर से कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.

उल्लेखनीय है कि गायत्री प्रजापति, अनिल प्रजापति और एक अन्य महिला के विरुद्ध गायत्री की कंपनी के पूर्व डॉयरेक्टर बृज भवन चौबे ने 17 सितंबर 2020 को थाना गोमती नगर विस्तार में एफआईआर दर्ज कराते हुए, आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी के नाम की खरगापुर में स्थित जमीन उसे धमकी देकर एफआईआर में नामजद महिला के नाम करा दी गई. कहा गया कि चित्रकूट निवासी उक्त महिला ने गायत्री प्रजापति पर दुराचार की एफआईआर दर्ज कराई थी.

इसी मुकदमे में महिला को अपने पक्ष में बयान देने के लिए अभियुक्तों द्वारा वादी की जमीन उसके नाम करा दी गई. बाद में उक्त महिला गायत्री प्रजापति के पक्ष में बयान भी देने लगी. आरोप है कि उक्त महिला वादी को दुराचार के मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हुए जमीन पर कब्जा देने का दबाव बना रही है.

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