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मिलिए उन कोरोना वॉरियर्स से जिन्होंने घर में रहकर कोरोना को दी मात

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Published : Apr 16, 2021, 2:19 AM IST

लखनऊ में कोरोना का कहर जारी है. अस्पताल हो या शमशान घाट पूरी तरह से भर चुके हैं. ऐसे में लखनऊ में परिवार ऐसा भी है जिसने अपनी समझदारी और सूझ बूझ से कोरोना को मात दी है. इस परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमण की चपेट में थे, लेकिन परिवार के किसी सदस्य ने भी अस्पताल में भर्ती होकर अपना उपचार नहीं कराया बल्कि घर पर ही क्वारंटाइन होकर कोरोना से मोर्चा लिया.

कोरोना वॉरियर्स
लखनऊ में कोरोना संक्रमण

लखनऊ: जिले में कोरोना का कहर जारी है. शासन और प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए हर तरह की कवायद कर रहा है, लेकिन आंकड़ों की बात की जाए तो कोरोना संक्रमण प्रतिदिन 5000 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में रोजाना ले रहा है. अस्पताल हो या शमशान घाट पूरी तरह से भर चुके हैं. ऐसे में लखनऊ शहर के आशियाना इलाके में रहने वाला एक परिवार ऐसा भी है जिसने अपनी समझदारी और सूझ बूझ से कोरोना को मात दी है.

इस परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमण की चपेट में थे, लेकिन परिवार के किसी सदस्य ने भी अस्पताल में भर्ती होकर अपना उपचार नहीं कराया बल्कि घर पर ही क्वारंटाइन होकर सरकार की दी गई गाइडलाइन का और दवाइयों का नियमित रूप से प्रयोग कर कोरोना से मोर्चा लिया.

इस परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमण की चपेट में थे

इसे भी पढ़ें- यूपी : जलती चिताओं का वीडियो वायरल, अब श्मशान को छिपाने की कोशिश

लखनऊ के आशियाना इलाके में शशि बाला अपने परिवार 6 सदस्यों के साथ रहती हैं. बीते कुछ दिनों पहले परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए थे, लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति और कोरोना गाइडलाइन का नियम के पालन करने से घर के सभी सदस्य सुरक्षित हैं. अब वह पहले की तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं. परिवार के सदस्य प्रशांत का कहना है जब उन्हें पता लगा कि उनकी छोटी बहन कोरोना पॉजिटिव है तो उन्होंने अलग कमरे में बहन को क्वारंटाइन कर दिया. परिवार के बाकी सदस्यों का कोविड टेस्ट करवाया, एक के बाद एक सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए दवा लेना शुरू कर दिया.

प्रशांत का कहना है की कोरोना से जीतने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति बहुत जरूरी है साथ ही सावधानी भी बरतनी चाहिए. वही प्रशांत की बुजुर्ग मां ने भी बताया कि कोरोना से लड़ने के लिए उनके दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास ही काम आया, परिवार के अन्य सदस्य ने भी एक दूसरे का साथ देते हुए इस खतरनाक बीमारी से सामना कर अपने आप को बचाया है.

लखनऊ: जिले में कोरोना का कहर जारी है. शासन और प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए हर तरह की कवायद कर रहा है, लेकिन आंकड़ों की बात की जाए तो कोरोना संक्रमण प्रतिदिन 5000 से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में रोजाना ले रहा है. अस्पताल हो या शमशान घाट पूरी तरह से भर चुके हैं. ऐसे में लखनऊ शहर के आशियाना इलाके में रहने वाला एक परिवार ऐसा भी है जिसने अपनी समझदारी और सूझ बूझ से कोरोना को मात दी है.

इस परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमण की चपेट में थे, लेकिन परिवार के किसी सदस्य ने भी अस्पताल में भर्ती होकर अपना उपचार नहीं कराया बल्कि घर पर ही क्वारंटाइन होकर सरकार की दी गई गाइडलाइन का और दवाइयों का नियमित रूप से प्रयोग कर कोरोना से मोर्चा लिया.

इस परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमण की चपेट में थे

इसे भी पढ़ें- यूपी : जलती चिताओं का वीडियो वायरल, अब श्मशान को छिपाने की कोशिश

लखनऊ के आशियाना इलाके में शशि बाला अपने परिवार 6 सदस्यों के साथ रहती हैं. बीते कुछ दिनों पहले परिवार के सभी सदस्य कोरोना संक्रमित हो गए थे, लेकिन दृढ़ इच्छाशक्ति और कोरोना गाइडलाइन का नियम के पालन करने से घर के सभी सदस्य सुरक्षित हैं. अब वह पहले की तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं. परिवार के सदस्य प्रशांत का कहना है जब उन्हें पता लगा कि उनकी छोटी बहन कोरोना पॉजिटिव है तो उन्होंने अलग कमरे में बहन को क्वारंटाइन कर दिया. परिवार के बाकी सदस्यों का कोविड टेस्ट करवाया, एक के बाद एक सभी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए दवा लेना शुरू कर दिया.

प्रशांत का कहना है की कोरोना से जीतने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति बहुत जरूरी है साथ ही सावधानी भी बरतनी चाहिए. वही प्रशांत की बुजुर्ग मां ने भी बताया कि कोरोना से लड़ने के लिए उनके दृढ़ इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास ही काम आया, परिवार के अन्य सदस्य ने भी एक दूसरे का साथ देते हुए इस खतरनाक बीमारी से सामना कर अपने आप को बचाया है.

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