लखनऊ: नगर निगम की 65 पार्किंग के लिए कोई ठेकेदार सामने नहीं आ रहा है. मार्च से अब तक छह बार टेंडर निकाले जा चुके हैं. इसके बाद भी ठेकेदारों ने ठेका लेने की दिलचस्पी नहीं दिखाई है. वहीं पिछले साल एक-एक पार्किंग पाने के लिए मारा-मारी मची रहती थी. नगर निगम ने अब पार्किंग को ऑफर पर देने का विचार किया है.
नगर निगम के अपर नगर आयुक्त राकेश यादव ने बताया कि पार्किंग के अब टेंडर नहीं निकाला जाएगा. पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. जो ऑफर आएगा उसे कमेटी के समक्ष रखा जाएगा. कमेटी के निर्णय पर ही अंतिम फैसला होगा. इसमें जो पहले आएगा और वाजिब ऑफर देगा, उसे पार्किंग का ठेका दे दिया जाएगा. नगर आयुक्त ने बताया कि पिछले वर्ष तक पार्किंग के ठेकों के लिए मारा-मारी होती थी. तरह-तरह की सिफारिश होती थीं. यहां तक कि विवाद भी होते थे, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण ठेकेदारों को फायदे का सौदा नहीं दिखाई दे रहा है.
अभी तक लगभग 65 पार्किंग स्थलों के लिए कोई भी ठेकेदार सामने नहीं आया है. पिछले माह निकाला गया टेंडर डेढ़ साल का था. इसमें नगर निगम की तीन भूमिगत पार्किंग के साथ सहारागंज और चिड़ियाघर की पार्किंग को शामिल किया गया था. यह पार्किंग अभी नगर निगम खुद संचालित कर रहा है, लेकिन बीते दिनों नगर आयुक्त ने यहां गड़बड़ियां पकड़ी थीं, जिसके बाद इन्हें भी ठेके पर देने के आदेश दिए गए थे. उम्मीद थी डेढ़ वर्ष के लिए बड़ी संख्या में लोग आएंगे, लेकिन नगर निगम को निराशा ही हाथ लगी.
नगर आयुक्त ने बताया कि पार्किंग स्थलों को आफर पर देने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है. इसमें अपर नगर आयुक्त अमित कुमार, अर्चना द्विवेदी, राकेश यादव, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह और मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी महामिलिंद लाल को शामिल किया गया है. इनके साथ जोनवार जोनल अधिकारी भी शामिल हैं.