वाराणसी : देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के द्वारा सांसदों और विधायकों के आवासों का घेराव करने की रणनीति की सूचना मिलते ही पुलिस ने कांग्रेस नेताओं के घरों पर पहरा लगा दिया. बुधवार की सुबह से ही सभी कांग्रेस नेताओं को नजरबंद कर दिया गया, जिससे कि वह विरोध न कर सकें. हालांकि इस दौरान वाराणसी के कुछ कांग्रेस नेताओं ने पीएमओ कार्यालय पहुंचकर उसे घेरने की कोशिश की. परंतु मौके पर मौजूद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया, जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने अपने आवास पर ही काली पट्टी बांधकर सरकार का विरोध किया. प्रशासन ने कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, जिला अध्यक्ष राजेश्वर पटेल, प्रदेश अध्यक्ष युवा कांग्रेस कनिष्ठ पांडे और महानगर अध्यक्ष युवा मयंक चौबे समेत अन्य कांग्रेस नेताओं को पूर्व ही नजरबंद कर दिया, जिसके बाद कांग्रेस नेता व कार्यकर्ताओं ने अपने घर पर ही काली पट्टी बांधकर एक दिवसीय उपवास रखकर कृषि कानून का विरोध किया.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि किसान सड़कों पर अपने अधिकार के लिए संघर्ष कर रहा है. जो पार्टियां सरकार के मनमाने रवैए के खिलाफ आवाज उठाना चाहती हैं, सरकार उन आवाजों को दबाने का काम कर रही है. सरकार लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है. इस सरकार ने अनैतिक रूप से कांग्रेस जनों को नजरबंद किया है, वह बेहद ही निंदनीय है. यह स्पष्ट करता है कि सरकार किस तरीके से लोकतंत्र में मानवीय अधिकारों का हनन कर रही है. लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता किसानों के हक व अधिकार के लिए संघर्षरत थे और हमेशा रहेंगे.