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कांग्रेस का अब सोशल मीडिया पर जोर, नगर निगम चुनाव के दावेदारों से पूछा जाएगा ये सवाल - UP latest news

विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस एक-एक कदम फूंक-फूंककर रख रही है. कांग्रेस अब सोशल मीडिया पर भी अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में है. इसी के मद्देनजर नगर निगम चुनाव के दावेदारों से इससे जुड़ा सवाल पूछा जाएगा.

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यह बोले कांग्रेस के प्रवक्ता.
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Published : Jun 3, 2022, 5:59 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में फिर से जमीन तलाश रही कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीति बदली है. अब पार्टी सोशल मीडिया पर ज्यादा जोर दे रही है. आगामी नगर निकाय चुनाव के लिए पार्टी की तरफ से उम्मीदवारों के लिए एक बुकलेट तैयार की गई है. इस बुकलेट में टिकट के दावेदार को अपनी सारी सूचनाएं देनी होगी.

पहली बार पार्टी की तरफ से दावेदार की सूचनाओं के साथ ही उससे जुड़े 300 समर्थकों की सूची, उनके मोबाइल नंबर के साथ, व्हाट्सएप नंबर व अन्य सूचनाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है. इतना ही नहीं टिकट के दावेदारों को यह भी बताना होगा कि वह सोशल मीडिया यानी फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर कितने एक्टिव हैं.

यह बोले कांग्रेस के प्रवक्ता.

दावेदारों का कहना है कि पार्टी के कई बड़े नेता हैं जिनके सोशल मीडिया पर फॉलोअर कम हैं, इनमें कई बार विधायक रही आराधना मिश्रा मोना के ट्विटर पर 58600 के आसपास फॉलोअर हैं. फरेंदा से विधायक चुने गए वीरेंद्र चौधरी के ट्विटर पर सात हजार फॉलोअर हैं. इसके बावजूद दोनों चुनाव जीत गए. वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के सोशल मीडिया पर 222.6 K फॉलोअर हैं लेकिन वह अपनी सीट नहीं बचा पाए.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगम और 200 से ज्यादा नगर परिषद हैं. इनके साथ ही करीब 450 नगर पंचायत हैं. अगले 6 महीने में इनके चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस ने अभी से तैयारियां शुरू कर दीं हैं. कांग्रेस के प्रवक्ता कृष्णकांत पांडेय ने बताया कि इस बार नई रणनीति के साथ चुनाव के मैदान में उतरने की तैयारी है. पार्टी ने इस बार संभावित उम्मीदवारों से आवेदन फॉर्म भरवाने को कहा है. फार्म में संभावित उम्मीदवार को अपने 300 समर्थकों का ब्यौरा देना होगा. पार्टी की तरफ से करीब डेढ़ करोड़ लोगों तक पहुंचने की रणनीति तैयार की गई है. इसके लिए एक डिजिटल सदस्यता अभियान शुरू किया जाएगा. पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि शहर में कांग्रेस का जनाधार है. पार्टी बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. इन मुद्दों को लेकर जनता भी त्रस्त है. पार्टी की रणनीति निर्धारित है और उसी के आधार पर चलकर जीत हासिल की जाएगी.


जमीन पर आने की सलाह
कांग्रेस भले ही सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के बीच पहुंचने का दावा कर रही है लेकिन विशेषज्ञ इससे इत्तेफाक नहीं रखते. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय गुप्ता का कहना है कि पार्टी को इस समय जमीन पर उतरने की जरूरत है. सोशल मीडिया पर जो काम हो रहा है वह चलता रहे लेकिन सामाजिक मुद्दों को लेकर पार्टी जब तक जमीन पर नहीं उतरेगी तब तक जनता तक नहीं पहुंच पाएगी.
बता दें कि बीते दिनों लखनऊ आई पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को घर-घर पहुंचने का संदेश दिया था. उन्होंने कहा कि सामाजिक मुद्दों पर भी सक्रिय होने की जरूरत है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में फिर से जमीन तलाश रही कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीति बदली है. अब पार्टी सोशल मीडिया पर ज्यादा जोर दे रही है. आगामी नगर निकाय चुनाव के लिए पार्टी की तरफ से उम्मीदवारों के लिए एक बुकलेट तैयार की गई है. इस बुकलेट में टिकट के दावेदार को अपनी सारी सूचनाएं देनी होगी.

पहली बार पार्टी की तरफ से दावेदार की सूचनाओं के साथ ही उससे जुड़े 300 समर्थकों की सूची, उनके मोबाइल नंबर के साथ, व्हाट्सएप नंबर व अन्य सूचनाएं उपलब्ध कराने को कहा गया है. इतना ही नहीं टिकट के दावेदारों को यह भी बताना होगा कि वह सोशल मीडिया यानी फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर कितने एक्टिव हैं.

यह बोले कांग्रेस के प्रवक्ता.

दावेदारों का कहना है कि पार्टी के कई बड़े नेता हैं जिनके सोशल मीडिया पर फॉलोअर कम हैं, इनमें कई बार विधायक रही आराधना मिश्रा मोना के ट्विटर पर 58600 के आसपास फॉलोअर हैं. फरेंदा से विधायक चुने गए वीरेंद्र चौधरी के ट्विटर पर सात हजार फॉलोअर हैं. इसके बावजूद दोनों चुनाव जीत गए. वहीं, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के सोशल मीडिया पर 222.6 K फॉलोअर हैं लेकिन वह अपनी सीट नहीं बचा पाए.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में 17 नगर निगम और 200 से ज्यादा नगर परिषद हैं. इनके साथ ही करीब 450 नगर पंचायत हैं. अगले 6 महीने में इनके चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस ने अभी से तैयारियां शुरू कर दीं हैं. कांग्रेस के प्रवक्ता कृष्णकांत पांडेय ने बताया कि इस बार नई रणनीति के साथ चुनाव के मैदान में उतरने की तैयारी है. पार्टी ने इस बार संभावित उम्मीदवारों से आवेदन फॉर्म भरवाने को कहा है. फार्म में संभावित उम्मीदवार को अपने 300 समर्थकों का ब्यौरा देना होगा. पार्टी की तरफ से करीब डेढ़ करोड़ लोगों तक पहुंचने की रणनीति तैयार की गई है. इसके लिए एक डिजिटल सदस्यता अभियान शुरू किया जाएगा. पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि शहर में कांग्रेस का जनाधार है. पार्टी बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. इन मुद्दों को लेकर जनता भी त्रस्त है. पार्टी की रणनीति निर्धारित है और उसी के आधार पर चलकर जीत हासिल की जाएगी.


जमीन पर आने की सलाह
कांग्रेस भले ही सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के बीच पहुंचने का दावा कर रही है लेकिन विशेषज्ञ इससे इत्तेफाक नहीं रखते. लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय गुप्ता का कहना है कि पार्टी को इस समय जमीन पर उतरने की जरूरत है. सोशल मीडिया पर जो काम हो रहा है वह चलता रहे लेकिन सामाजिक मुद्दों को लेकर पार्टी जब तक जमीन पर नहीं उतरेगी तब तक जनता तक नहीं पहुंच पाएगी.
बता दें कि बीते दिनों लखनऊ आई पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को घर-घर पहुंचने का संदेश दिया था. उन्होंने कहा कि सामाजिक मुद्दों पर भी सक्रिय होने की जरूरत है.

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