लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार लगातार अपराधी और अपराधों पर लगाम लगाने में जुटी है फिरभी घटनाएं लगातार जारी हैं. हाथरस जनपद के बूलगढ़ी में विगत 14 सितम्बर को हुई दलित नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप, दरिन्दगी व जान से मारने के प्रयास की घटना ने उत्तर प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इस घिनौने काण्ड की घोर निन्दा करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है.
हाथरस की घटना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के तमाम जनपदों में हर रोज हत्या, रेप, गैंगरेप और जघन्य अपराधों की तमाम घटनाएं सुर्खियां बन रही हैं. लचर कानून व्यवस्था और दोषियों पर तत्काल ठोस कार्रवाई न किए जाने से प्रदेश में ऐसे अपराधों की बाढ़ सी आ गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने के बजाय अपनी टीम 11 द्वारा जुटाए गए झूठे तथ्यों के जरिये जनता को गुमराह कर रहे हैं.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि दो वर्ष की देरी से जारी एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश महिला अत्याचारों के मामले में विगत तीन वर्षों से देश में नम्बर एक पर बना हुआ है. महिलाओं एवं दलितों के प्रति अपराध घटने के बजाय लगातार बढ़ रहे हैं, साथ ही साथ दलितों के प्रति होने वाले 19 विभिन्न तरीके के अपराधों के मामले में भी उत्तर प्रदेश देश में नम्बर एक पर है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में तीन साल की बच्ची से लेकर 70 साल की बुजुर्ग महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं. भदोही, लखीमपुर, सीतापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, उन्नाव, शाहजहांपुर, कानपुर, सुलतानपुर आदि जनपदों में हुईं घटनाएं बताती हैं कि योगी सरकार में महिलाएं और बच्चियां किस कदर असुरक्षित है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि स्थानीय कांग्रेसी लगातार इस मामले को लेकर घटना के दिन से ही पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने व आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए आन्दोलनरत थे. अभी भी कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर रही है. प्रदेश की योगी सरकार में दलितों और पिछड़ों के उत्पीड़न की घटनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो गई है.
अजय कुमार लल्लू ने कहा कि हाथरस की दलित नाबालिग बेटी को प्रदेश सरकार समुचित न्याय दिलाने के क्रम में सबसे पहले अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज से एयरलिफ्ट कराकर नई दिल्ली स्थित एम्स में समुचित इलाज कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करें. इसके साथ ही तत्काल पीड़ित परिजनों केा 50 लाख रुपये आर्थिक अनुदान और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दें.