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Brijlal Khabri ने कहा, दलितों की जमीन हड़पने के लिए सरकार काला कानून ला रही है, हम ऐसा नहीं होने देंगे

राजधानी में शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी ने प्रेसवार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि 'अगर योगी सरकार दलित विरोधी यह कानून लाएगी तो हम इसका विरोध पूरी ताकत से करेंगे.'

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Published : Mar 17, 2023, 5:57 PM IST

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने प्रेसवार्ता की

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की सरकार शहरों में लोगों के आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए कई नियमों में संशोधन करने की तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने दलितों और अनुसूचित जाति की जमीन लेने के लिए अब डीएम की अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त किया है. अगर योगी सरकार दलित विरोधी यह कानून लाएगी तो हम इसका विरोध पूरी ताकत से करेंगे और इसे लागू नहीं होने देंगे. यह बात उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने कहा कि इस काले कानून को लेकर कांग्रेस पार्टी का एक 12 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलना चाह रहा था. इसके लिए पार्टी ने राजभवन से समय भी मांगा गया था, पर राजभवन की ओर से लगातार आम लोगों व दलितों के मुद्दे को लेकर विपक्ष की बात अनसुनी की जा रही है और मिलने का समय नहीं दिया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि लगातार तीसरा मौका है जब राज्यपाल कांग्रेसी नेताओं से मिलने का समय नहीं दे रही है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी ने कहा कि 'योगी सरकार द्वारा दलितों की जमीन को हड़पने के लिए जो काला कानून लाया जा रहा है इसके परिणाम से अवगत कराने के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात करने का समय मांगा था. कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलने के लिए 12 सदस्यों की सूची भी राजभवन को भेजी है, पर वहां से समय नहीं मिला.' बृजलाल खाबरी ने कहा 'भाजपा सरकार जैसा कानून लाने की कोशिश कर रही पिछली सरकार भी ऐसा करने वाली थी, लेकिन तब ऐसा नहीं हो सका क्योंकि हमने रुकवाया था.' उन्होंने कहा कि 'हम फिर सरकार को चेता रहे कि हम ऐसा नहीं होने देंगे.' उन्होंने कहा कि 'एससी/एसटी की जमीन को बेचने की व्यवस्था ये है कि वो कोई असाध्य बीमारी से पीड़ित हो या वो अपना क्षेत्र छोड़ गया और जमीन अकेली हो या यहां बेचकर कहीं और जमीन खरीदने जा रहा हो इसके लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेना होता था. अब अगर जिलाधिकारी की अनुमति की जरूरत नही होगी. दलितों पर दबाव बनाकर जमीन छीन ली जाएगी. दबंग जिसे चाहेंगे उसे दबाकर उसकी जमीन अपने नाम हड़प लेंगे. यह कानून दलितों के उत्पीड़न के लिए लाया जा रहा है.'

बृजलाल खाबरी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री ने चप्पल पहनने वाले गरीब लोगों को हवाई जहाज में उड़ने का सपना दिखाया था, लेकिन अब वह उसी सपने पर चार्ज लगाने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से ये सरकार एक हजार रुपये डेवलपमेंट चार्ज हवाई टिकट पर बढ़ाने जा रही है. इन्हें जनता से नही अपने पूंजीपति मित्रों से मतलब है. अभी जो चार्ज ₹195 है उसे बढ़ाकर सरकार 1195 रुपए करने की तैयारी में है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि '72 घंटे की बिजली हड़ताल चल रही है. जब किसी को अपनी जरूरत पूरी नहीं होती दिखती तो सरकार से बात करते है. जब बिजली कर्मी दिन रात काम करते और उनकी जरूरत पूरी नहीं होती तो कुछ पैसा बढ़ाने की बात करते है. ये उनका संवैधानिक अधिकार है, जबकि सरकार उन पर दंडात्मक कार्रवाई की बात कहती है. ये है हमारी रामराज्य की सरकार, क्या रामराज्य में ऐसे काम हुआ करते थे? हमें डर है कि ये धर्म के नाम पर नई लड़ाई न शुरू कर दें. आज तो हम लोकतंत्र में हैं. नवरात्रि में सब व्रत रहते, धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. सरकार ने डीएम के माध्यम से एक लाख रुपये देकर रामायण और दुर्गा सप्तशती का पाठ कराने जा रही है. हमने भी देखा है कि गांव में लोग चंदे लेकर आयोजन कराते थे. अगर यही एक लाख रुपए गरीबों पर खर्च कर देते तो बेहतर होता. बिना पेट भरे कोई काम अच्छा नहीं लगता, खाली पेट कोई आनंद नहीं ले सकता. इस एक लाख के पीछे ये लोग चंदा के नाम पर एक करोड़ इकट्ठा कर लेंगे. जिलाधिकारी के माध्यम से अपने कर्मचारियों पर चंदे के लिए दबाव बनाया जाएगा.'

बृजलाल खाबरी ने कहा कि 'एक तरफ नवरात्रि है तो साथ ही रमजान भी हो होंगे. हमें डर है कि ये धर्म के नाम पर नई लड़ाई न शुरू कर दें. नवरात्र और रमजान दोनों पावन पवित्र. हमने पूर्व में देखा कि एक तरफ रामनवमी के जुलूस निकालते, उसी दिन रमजान का कार्यक्रम होता. कुछ सिरफिरे लोग दंगा करा देते हैं. हम वो दंगे नहीं चाहते, ये एक एक लाख देना उचित नहीं है. एक तरफ लाउड स्पीकर की आवाज कम कराएंगे, दूसरी तरफ खुद रामायण पाठ कराएंगे, जिसमें लाउड स्पीकर होंगे. वहीं एक तरफ पाठ होगा, दूसरी तरफ अजान हमें डर ये लोग दंगे न करा दें.'

यह भी पढ़ें : TMC सांसद महुआ मोइत्रा का आरोप, निशिकांत दुबे ने अपनी शिक्षा के बारे में हलफनामे में दी झूठी जानकारी

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने प्रेसवार्ता की

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की सरकार शहरों में लोगों के आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए कई नियमों में संशोधन करने की तैयारी कर रही है. इसी कड़ी में सरकार ने दलितों और अनुसूचित जाति की जमीन लेने के लिए अब डीएम की अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त किया है. अगर योगी सरकार दलित विरोधी यह कानून लाएगी तो हम इसका विरोध पूरी ताकत से करेंगे और इसे लागू नहीं होने देंगे. यह बात उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता में कही. उन्होंने कहा कि इस काले कानून को लेकर कांग्रेस पार्टी का एक 12 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलना चाह रहा था. इसके लिए पार्टी ने राजभवन से समय भी मांगा गया था, पर राजभवन की ओर से लगातार आम लोगों व दलितों के मुद्दे को लेकर विपक्ष की बात अनसुनी की जा रही है और मिलने का समय नहीं दिया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि लगातार तीसरा मौका है जब राज्यपाल कांग्रेसी नेताओं से मिलने का समय नहीं दे रही है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी ने कहा कि 'योगी सरकार द्वारा दलितों की जमीन को हड़पने के लिए जो काला कानून लाया जा रहा है इसके परिणाम से अवगत कराने के लिए कांग्रेस ने शुक्रवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात करने का समय मांगा था. कांग्रेस ने राज्यपाल से मिलने के लिए 12 सदस्यों की सूची भी राजभवन को भेजी है, पर वहां से समय नहीं मिला.' बृजलाल खाबरी ने कहा 'भाजपा सरकार जैसा कानून लाने की कोशिश कर रही पिछली सरकार भी ऐसा करने वाली थी, लेकिन तब ऐसा नहीं हो सका क्योंकि हमने रुकवाया था.' उन्होंने कहा कि 'हम फिर सरकार को चेता रहे कि हम ऐसा नहीं होने देंगे.' उन्होंने कहा कि 'एससी/एसटी की जमीन को बेचने की व्यवस्था ये है कि वो कोई असाध्य बीमारी से पीड़ित हो या वो अपना क्षेत्र छोड़ गया और जमीन अकेली हो या यहां बेचकर कहीं और जमीन खरीदने जा रहा हो इसके लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेना होता था. अब अगर जिलाधिकारी की अनुमति की जरूरत नही होगी. दलितों पर दबाव बनाकर जमीन छीन ली जाएगी. दबंग जिसे चाहेंगे उसे दबाकर उसकी जमीन अपने नाम हड़प लेंगे. यह कानून दलितों के उत्पीड़न के लिए लाया जा रहा है.'

बृजलाल खाबरी ने कहा कि 'प्रधानमंत्री ने चप्पल पहनने वाले गरीब लोगों को हवाई जहाज में उड़ने का सपना दिखाया था, लेकिन अब वह उसी सपने पर चार्ज लगाने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक अप्रैल से ये सरकार एक हजार रुपये डेवलपमेंट चार्ज हवाई टिकट पर बढ़ाने जा रही है. इन्हें जनता से नही अपने पूंजीपति मित्रों से मतलब है. अभी जो चार्ज ₹195 है उसे बढ़ाकर सरकार 1195 रुपए करने की तैयारी में है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि '72 घंटे की बिजली हड़ताल चल रही है. जब किसी को अपनी जरूरत पूरी नहीं होती दिखती तो सरकार से बात करते है. जब बिजली कर्मी दिन रात काम करते और उनकी जरूरत पूरी नहीं होती तो कुछ पैसा बढ़ाने की बात करते है. ये उनका संवैधानिक अधिकार है, जबकि सरकार उन पर दंडात्मक कार्रवाई की बात कहती है. ये है हमारी रामराज्य की सरकार, क्या रामराज्य में ऐसे काम हुआ करते थे? हमें डर है कि ये धर्म के नाम पर नई लड़ाई न शुरू कर दें. आज तो हम लोकतंत्र में हैं. नवरात्रि में सब व्रत रहते, धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. सरकार ने डीएम के माध्यम से एक लाख रुपये देकर रामायण और दुर्गा सप्तशती का पाठ कराने जा रही है. हमने भी देखा है कि गांव में लोग चंदे लेकर आयोजन कराते थे. अगर यही एक लाख रुपए गरीबों पर खर्च कर देते तो बेहतर होता. बिना पेट भरे कोई काम अच्छा नहीं लगता, खाली पेट कोई आनंद नहीं ले सकता. इस एक लाख के पीछे ये लोग चंदा के नाम पर एक करोड़ इकट्ठा कर लेंगे. जिलाधिकारी के माध्यम से अपने कर्मचारियों पर चंदे के लिए दबाव बनाया जाएगा.'

बृजलाल खाबरी ने कहा कि 'एक तरफ नवरात्रि है तो साथ ही रमजान भी हो होंगे. हमें डर है कि ये धर्म के नाम पर नई लड़ाई न शुरू कर दें. नवरात्र और रमजान दोनों पावन पवित्र. हमने पूर्व में देखा कि एक तरफ रामनवमी के जुलूस निकालते, उसी दिन रमजान का कार्यक्रम होता. कुछ सिरफिरे लोग दंगा करा देते हैं. हम वो दंगे नहीं चाहते, ये एक एक लाख देना उचित नहीं है. एक तरफ लाउड स्पीकर की आवाज कम कराएंगे, दूसरी तरफ खुद रामायण पाठ कराएंगे, जिसमें लाउड स्पीकर होंगे. वहीं एक तरफ पाठ होगा, दूसरी तरफ अजान हमें डर ये लोग दंगे न करा दें.'

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