लखनऊः कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने बाबा के बुलडोजर पर सवाल खड़े किए हैं. ETV Bharat से खास बातचीत में आराधना मिश्रा ने कहा कि यह बुलडोजर सिर्फ अपराधियों पर चले तो ठीक है लेकिन कई मामलों में राजनीतिक द्वेष के कारण कार्रवाई किए जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के नाम पर लोगों को प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए. अगर कानून व्यवस्था के लिए किसी अपराधी को दंड देने की बात होती है तो इसके लिए न्यायपालिका है. उन्होंने कांग्रेस की हार समेत कई पहलुओं पर खुलकर विचार रखे.
- रामपुर खास (Rampur Khas constituency) की जनता और कांग्रेस दोनों ने आप पर भरोसा जताया है. एक ने विधानसभा तक पहुंचाया तो दूसरे ने आपको अपना चेहरा बनाया.
उत्तरः सबसे पहले रामपुर खास की जनता का आभार व्यक्त करूंगी. एक परिवार की तरह रामपुर खास 42 वर्षों से हमारे साथ खड़ा है. नौ बार उन्होंने मेरे पिता को जिताया. ये तीसरी जीत जो मुझे मिली है वह रामपुर खास की जनता की जीत है. दूसरा मैं आभार व्यक्त करूंगी कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) जी का. हमारी महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi)जी का, जिन्होंने लगातार कांग्रेस में जो भी कार्यक्रम हुए उनमें शामिल किया. मुझे गर्व है कि पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी उसका मैनें पूरी निष्ठा के साथ पालन किया.
- यूपी में कांग्रेस (Uttar Pradesh Congress) कमजोर हुई है. इस बार दो सीटों पर सिमट गई.
उत्तरः यह लोकतंत्र है. लोकतंत्र में जनादेश को स्वीकार करना चाहिए. इस जनादेश में भले ही कांग्रेस कमजोर दिखाई दे रही है लेकिन, आज देश में जनता की बात, गरीब की बात, किसानों की बात कोई कह रहा है या लड़ाई लड़ रहा है तो वह कांग्रेस पार्टी है. भले ही हम संख्या में कमजोर हो सकते हैं लेकिन हमारी विचारधारा कमजोर नहीं हो सकती. हम लड़ेंगे और अपने मुद्दों पर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बहुमत में आएगी. देश में अगली सरकार भी कांग्रेस ही बनाएगी.
- यूपी विधानसभा चुनाव 2022 प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लड़ा गया. वह इस हार के लिए कितना जिम्मेदार हैं ?
उत्तरः प्रियंका जी को 2019 से उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी मिली. चाहें वो कोई भी मुद्दा हो, चाहें लखीमपुर का मामला हो, चाहें सोनभद्र का मामला हो, दलित बेटी का हाथरस का मामला हो, महंगाई के मुद्दे हों, किसानों की आवाज हो...हर मुद्दे पर अगर कोई सड़कों पर लड़ा हो तो वह प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी लड़ी. लखीमपुर के मामलों में आपने देखा कि सरकार ने कैसे उन्हें तीन दिन तक गलत तरीके से सीतापुर में नजरबंद रखा. वह डरी नहीं. उन्होंने कांग्रेस के मुद्दों को और लड़ाई को सड़कों पर रखा है. उनकी मेहनत में कहीं कोई कमी नहीं थी. अगर कहीं कमी थी तो वह हम सबमें थीं, जिसकी वजह से आज कांग्रेस दो की संख्या में सिमट कर रह गई. इसकी नैतिक जिम्मेदारी अगर किसी की है तो हम सबकी है. प्रियंका जी ने ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन किया है और हमें उनके नेतृत्व पर पूरा विश्वास है. - यूपी में कांग्रेस की हार के कारण क्या रहे?
उत्तरः किसी भी पार्टी को आत्ममंथन करना चाहिए. चिंतन करना चाहिए क्योंकि, संख्या के साथ ही हमारा वोट शेयर भी कम हुआ है. यह गंभीर विषय है. इसके लिए हम लोग इंतजार भी कर रहे थे कि जल्द से जल्द मंथन शुरू हो ताकि, हम एक नई ऊर्जा और नए प्लान के साथ 2024 की तैयारी शुरू करें. भंवर जितेंद सिंह के नेतृत्व में मंथन शुरू हो रहा है. उम्मीद है कि इस मंथन से कांग्रेस के कमजोर होने से जुड़ी सभी बातें खुलकर सामने आएंगी. पूरा विश्वास है कि पदाधिकारी, कार्यकर्ता अपनी बात रखेंगे और वह हमे एक नए मास्टर प्लान के लिए नई राह दिखाएगा.
- महंगाई का मुद्दा कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट पर छाया हुआ है.
उत्तरः चुनाव समाप्त हो गया, जो पार्टियां चुनाव लड़ रही थी उन्होंने मुद्दों पर उस समय जो भी आवाज उठाई हो पर 10 मार्च के बाद हर पार्टी और उनके नेतृत्व अपने अपने घरों में बैठ गए. देश और प्रदेश की जनता महंगाई से परेशान है. इसमें कोई दो राय नहीं है. चाहें वह डीजल पेट्रोल के दाम हो या फिर गैस और सब्जियों के. कांग्रेस पार्टी ने हमेशा विपक्ष में होने की नैतिक जिम्मेदारी का निर्वाहन किया है. यही निर्वाहन हमने चुनाव परिणाम के बाद भी सड़कों पर संघर्ष करके किया. जनता के मुद्दों को लेकर लगातार संघर्ष करेंगे.
- यूपी में बाबा के बुलडोजर की काफी चर्चा है.
उत्तरः जब बुलडोजर चलता है तो यह जरूर देखा जाना चाहिए कि अगर कोई अपराधी हो तो उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. प्रदेश की कानून व्यवस्था की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की होती है लेकिन, कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां राजनीतिक द्वेष के चलते लोगों को परेशान किया गया. मैं यही कहना चाहूंगी कि कानून व्यवस्था के नाम पर लोगों को इस तरह से प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए. मैं फिर दोहराऊंगीं कि अगर कानून व्यवस्था के लिए किसी अपराधी को दंड देने की बात है तो न्यायपालिका दे. उसके आधार पर कार्रवाई की जिम्मेदारी सरकार की है वो सरकार करे.
- कांग्रेस का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा ?
उत्तरः मंथन हो जाने दीजिए. हमारे प्रदेश अध्यक्ष ने नौतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है. पार्टी के कार्यकर्ताओं से वार्ता होगी. पदाधिकारियों से बात होगी. सबसे चर्चा करने के बाद यह फैसला होगा कि अगले प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसकी होगी. मैं इतना कहना चाहूंगी कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा अनवरत चलती है. पद पर कौन बैठा है... यह इतना मायने नहीं रखता. सब कार्यकर्ता के रूप में अपनी जिम्मेदारी का निर्वाहन करते हैं.
- ब्राह्मण चेहरे को लेकर काफी चर्चाएं चल रही हैं.
उत्तरः कांग्रेस पार्टी ने कभी भी जाति या धर्म की राजनीति नहीं की है. हर जाति, धर्म और समुदाय को साथ लेकर चलना ही हमारी एकता और अखण्डा की नींव है. सबको साथ लेकर चले हैं और आगे बढ़े हैं. मैं इतना जरूर कहूंगी कि उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक ब्राह्मण मुख्यमंत्री अगर किसी ने दिए हैं तो वह कांग्रेस ने दिए हैं.
- 2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए कांग्रेस के लिए जीत का फार्मूला क्या हो सकता है?
उत्तरः हमारी जो कमियां रहीं हैं उनसे सीखना चाहिए. हम कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे. कुछ ऐसे समझौते भी करने पड़ेंगे जो पार्टी और प्रदेश के हित में होंगे. भले ही इस चुनाव में बेरोजगारी, महिलाओं के मुद्दे, महंगाई, बेटियों की बात की... भले ही इस चुनाव में इन मुद्दों के नतीजे न मिले हो लेकिन हमे इन्हें नहीं छोड़ना चाहिए. इनको लेकर ही हम आगे चल सकते हैं. यह गंभीर विषय हैं. इनको लेकर हम दोबारा जनता के बीच जाएंगे. यह तय है कि इस देश में भारतीय जनता पार्टी से कोई लड़ सकता है तो वह कांग्रेस पार्टी.
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