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आराधना मिश्रा ने CM योगी को लिखा पत्र, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए रखी मांग

राजधानी लखनऊ में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा उम्र बढ़ाए जाने को लेकर कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है. उन्होंने मांग की है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष से 65 वर्ष की जाए.

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कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र.
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Published : Aug 31, 2020, 10:48 PM IST

लखनऊ: कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा उम्र बढ़ाए जाने को लेकर पत्र लिखा है. विधायक ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा उम्र 62 वर्ष से 65 वर्ष किए जाने की पत्र में मांग की है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे में 65 वर्ष का जिक्र किया था, लेकिन वर्तमान समय में 62 वर्ष की उम्र में ही आंगनवाड़ी में कार्यरत महिलाओं की सेवा समाप्त की जा रही है जो कि अनुचित है.

कांग्रेस नेता की तरफ से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की गई है कि 62 वर्ष में ही तमाम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा समाप्त होने से कई लाख परिवार प्रभावित हो रहे हैं. सेवा कार्यकाल में उम्र बढ़ जाने से इन परिवारों को काफी राहत मिलेगी. उन्होंने पत्र में लिखा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत दो अक्टूबर 1975 में की थी. उन्होंने समन्वित बाल विकास परियोजना शुरू की थी, जिसमें 6 साल के बच्चे, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरियों के स्वास्थ्य की देखभाल और उनका पोषण हो सके. इसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना की गई और उसके संचालन के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/ मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायिकाओं के पदों पर नियुक्ति की गई. इन्हें जीवन यापन के लिए मानदेय दिया जाता है.

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कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र.

दरअसल, साल 2013 में उच्च न्यायालय में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष करने का एफिडेविट दिया गया था. तब अंडर सेक्रेट्री भारत सरकार ने 65 वर्ष में इन्हें सेवानिवृत्त किए जाने का आदेश भी प्रस्तावित किया था, लेकिन अब उन्हें 62 वर्ष की उम्र में ही सेवा से निवृत्त किया जा रहा है. आराधना मिश्रा ने कहा कि 22 जुलाई 2020 को विशेष सचिव गरिमा यादव ने फिर से इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 कर दी. कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 62 साल की पूरी होने पर सेवानिवृत्त भी कर दिया गया, जो संघर्ष कर रही हैं, उन पर सेवानिवृत्ति के लिए दबाव डाला जा रहा है.

नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा ने कहा कि इस समय प्रदेश में 2,01,259 केंद्र स्थापित हैं और कुल 3,54,259 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं. इन सभी को दो या तीन केंद्रों का प्रभार दिया गया है. ऐसी स्थिति में अगर लगातार इन्हें सेवानिवृत्त किया जाता रहेगा, तो केंद्रों को चलाने में भी दिक्कत आएगी. मुख्यमंत्री से मेरा अनुरोध है कि सेवानिवृत्त की आयु 65 वर्ष निर्धारित की जाए.

लखनऊ: कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा उम्र बढ़ाए जाने को लेकर पत्र लिखा है. विधायक ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा उम्र 62 वर्ष से 65 वर्ष किए जाने की पत्र में मांग की है. उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपने हलफनामे में 65 वर्ष का जिक्र किया था, लेकिन वर्तमान समय में 62 वर्ष की उम्र में ही आंगनवाड़ी में कार्यरत महिलाओं की सेवा समाप्त की जा रही है जो कि अनुचित है.

कांग्रेस नेता की तरफ से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की गई है कि 62 वर्ष में ही तमाम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवा समाप्त होने से कई लाख परिवार प्रभावित हो रहे हैं. सेवा कार्यकाल में उम्र बढ़ जाने से इन परिवारों को काफी राहत मिलेगी. उन्होंने पत्र में लिखा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत दो अक्टूबर 1975 में की थी. उन्होंने समन्वित बाल विकास परियोजना शुरू की थी, जिसमें 6 साल के बच्चे, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरियों के स्वास्थ्य की देखभाल और उनका पोषण हो सके. इसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थापना की गई और उसके संचालन के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/ मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायिकाओं के पदों पर नियुक्ति की गई. इन्हें जीवन यापन के लिए मानदेय दिया जाता है.

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कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र.

दरअसल, साल 2013 में उच्च न्यायालय में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष करने का एफिडेविट दिया गया था. तब अंडर सेक्रेट्री भारत सरकार ने 65 वर्ष में इन्हें सेवानिवृत्त किए जाने का आदेश भी प्रस्तावित किया था, लेकिन अब उन्हें 62 वर्ष की उम्र में ही सेवा से निवृत्त किया जा रहा है. आराधना मिश्रा ने कहा कि 22 जुलाई 2020 को विशेष सचिव गरिमा यादव ने फिर से इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 कर दी. कई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 62 साल की पूरी होने पर सेवानिवृत्त भी कर दिया गया, जो संघर्ष कर रही हैं, उन पर सेवानिवृत्ति के लिए दबाव डाला जा रहा है.

नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा ने कहा कि इस समय प्रदेश में 2,01,259 केंद्र स्थापित हैं और कुल 3,54,259 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कार्यरत हैं. इन सभी को दो या तीन केंद्रों का प्रभार दिया गया है. ऐसी स्थिति में अगर लगातार इन्हें सेवानिवृत्त किया जाता रहेगा, तो केंद्रों को चलाने में भी दिक्कत आएगी. मुख्यमंत्री से मेरा अनुरोध है कि सेवानिवृत्त की आयु 65 वर्ष निर्धारित की जाए.

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