लखनऊः कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने जिससे जो भी वादा किया, उस वादे को निभाने का पूरा प्रयास किया. पार्टी में उन सूरमाओं को टिकट दिया है जिन्होंने समाज में कुछ भी अलग करने का प्रयास किया है. समाज में अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों को कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका दिया है. पार्टी ने ऐसे लोगों को अपना प्रत्याशी बनाकर दांव खेला है. इन सूरमाओं में महिलाएं भी हैं और पुरुष भी.
पूनम पंडित: कांग्रेस पार्टी ने स्याना विधानसभा सीट से पूनम पंडित को इस उम्मीद के साथ उम्मीदवार बनाया है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में ये सीट जीतकर कांग्रेस के खाते में ले आएंगी. पूनम पंडित ने कुछ माह पहले ही कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी. पूनम पंडित नेशनल शूटर हैं. मशहूर डांसर व भाजपा नेता सपना चौधरी की शूटर रही हैं. किसान आंदोलन के दौरान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पूनम पंडित एक बड़ा चेहरा बन कर उभरी थीं. उन्होंने सोशल एक्टिविस्ट के तौर पर इस आंदोलन को धार दी थी. वे सोशल मीडिया सेंसेशन बनकर उभरीं और किसान आंदोलन के खत्म होने के बाद उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्हें पार्टी का उम्मीदवार बनाकर विधानसभा जाने का मौका दिया है.
संगीता त्यागी: कांग्रेस पार्टी ने संगीता त्यागी को गाजियाबाद विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. संगीता त्यागी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय राजीव त्यागी की पत्नी हैं. राजीव त्यागी की पिछले साल टीवी पर डिबेट के दौरान अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई थी. इसके बाद उनकी पत्नी संगीता त्यागी ने हेट स्पीचेज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल किया है. पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता राजीव त्यागी को याद करते हुए उनकी पत्नी संगीता त्यागी के जुझारूपन को देखते हुए टिकट देकर विधानसभा जाने का मौका किया है.
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ऊषा गंगवार: कांग्रेस पार्टी ने बरेली की नवाबगंज सीट पर ऊषा गंगवार को प्रत्याशी बनाए हैं. ऊषा गंगवार के पति भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे थे. केसर सिंह गंगवार भाजपा से विधायक थे, लेकिन उनकी मृत्यु के बाद कांग्रेस पार्टी ने उनकी पत्नी ऊषा गंगवार को टिकट दिया है. ऊषा गंगवार पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं. कुर्मी लीडर के तौर पर उनकी पहचान है. स्थानीय महिलाओं में उनकी खासी पकड़ भी है. प्रियंका गांधी के लड़की हूं, लड़ सकती हूं अभियान से वे काफी प्रेरित हुईं इसीलिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की और अब कांग्रेस पार्टी ने उन्हें टिकट देकर विधायक बनने का मौका दिया है.
सिकंदर वाल्मीकि: बाल्मीकि समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले सिकंदर वाल्मीकि को कांग्रेस पार्टी ने आगरा कैंट से उम्मीदवार बनाया है. जेल के अंदर अरुण वाल्मीकि नाम के 31 साल के युवक की मौत हो गई थी. इसके बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी अरुण वाल्मीकि के परिजनों से मिलने उनके घर गई थीं. यहां पर उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी थी, साथ ही पार्टी की तरफ से हरसंभव सहायता की घोषणा भी की थी.
इसके बाद कांग्रेस पार्टी की तरफ से अरुण वाल्मीकि के परिवार को 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई थी. प्रियंका गांधी ने वाल्मीकि समाज से यह वादा किया था कि आप लोगों में से सहमति के साथ जो भी नाम सामने किया जाएगा, उसे पार्टी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाएगी. वाल्मीकि समाज ने सुरेंद्र वाल्मीकि का नाम आगे किया तो कांग्रेस पार्टी ने सुरेंद्र वाल्मीकि को आगरा कैंट से प्रत्याशी बना दिया. सुरेंद्र जल निगम में नौकरी करते थे. उन्होंने अपनी नौकरी समाज के लिए संघर्ष करते हुए छोड़ दी थी.
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