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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को लेकर यूपी में दो खेमों में बंटी कांग्रेस

केंद्र सरकार के अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर कांग्रेस दो हिस्सों में बंट गई है. इस फैसले से कई कांग्रेसी नेता खुश हैं तो कई नाखुश.

370 पर यूपी में दो खेमों में बंटी कांग्रेस.
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Published : Aug 6, 2019, 9:30 PM IST

लखनऊ: कांग्रेस पार्टी के लिए अपने ही संकट खड़े करने में लगे हुए हैं. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A पर कांग्रेस हाईकमान ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया. जब अनुच्छेद 370 और 35A खत्म करने का बिल पास हुआ तो भाजपा के साथ ही कांग्रेसी नेता भी बधाई देने वालों में सोशल मीडिया पर किसी से पीछे नहीं रहे. तमाम कांग्रेसी नेताओं ने सरकार के इस कदम की तारीफ की.

370 पर यूपी में दो खेमों में बंटी कांग्रेस.
कांग्रेसी नेताओं ने सरकार के फैसले का किया स्वागत-रायबरेली सदर से विधायक आदिति सिंह और लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ चुके कल्कि आश्रम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने इसे सराहनीय कदम बताया है. वहीं कांग्रेस के कुछ नेता इसका विरोध कर रहे हैं. हालांकि तमाम कांग्रेसी नेता बधाई देने वाले नेताओं का यह कहकर बचाव कर रहे हैं कि यह उनका निजी मामला है.
  • #जम्मूकश्मीर और #लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश मे उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूँ। संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नही होते। लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूँ।

    — Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर व्यक्तिगत तौर पर इस फैसले का स्वागत किया है. ऐसे में कार्रवाई जैसी कोई बात नहीं बनती है. हम स्वतंत्र हैं व्यक्तिगत बयान देने के लिए. अगर कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है तो यह उनका निजी फैसला है. हालांकि कैमरे पर कोई भी कांग्रेसी नेता या प्रवक्ता इस पर प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए.

  • 370 और 35 A के “पक्ष” में खड़े नेताओं को देश की “भावना” को समझते हुए, सरकार के साथ खड़ा होना चाहिये, क्यूँ कि देश “सियासत” और “पार्टी”
    दोनों से बड़ा है.

    — Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) August 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें:- लखनऊ: जम्मू कश्मीर पर फैसले का मायावती ने खुलकर किया स्वागत
अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर दो हिस्सों में बंटी कांग्रेस-
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोशल मीडिया पर कांग्रेसी नेताओं के सरकार के साथ खड़े होने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि जब पार्टी इस अनुच्छेद को हटाए जाने का विरोध कर रही है तो फिर सोशल मीडिया पर कांग्रेसियों को सरकार को बधाई नहीं देनी चाहिए. यह सही नहीं है. इस अनुच्छेद के चलते दो खेमों में बंटी कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं की अलग-अलग बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस के तमाम नेता और कार्यकर्ता केंद्र सरकार के इस फैसले पर खुश हैं, तो कई नाखुश.

लखनऊ: कांग्रेस पार्टी के लिए अपने ही संकट खड़े करने में लगे हुए हैं. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A पर कांग्रेस हाईकमान ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया. जब अनुच्छेद 370 और 35A खत्म करने का बिल पास हुआ तो भाजपा के साथ ही कांग्रेसी नेता भी बधाई देने वालों में सोशल मीडिया पर किसी से पीछे नहीं रहे. तमाम कांग्रेसी नेताओं ने सरकार के इस कदम की तारीफ की.

370 पर यूपी में दो खेमों में बंटी कांग्रेस.
कांग्रेसी नेताओं ने सरकार के फैसले का किया स्वागत-रायबरेली सदर से विधायक आदिति सिंह और लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ चुके कल्कि आश्रम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने इसे सराहनीय कदम बताया है. वहीं कांग्रेस के कुछ नेता इसका विरोध कर रहे हैं. हालांकि तमाम कांग्रेसी नेता बधाई देने वाले नेताओं का यह कहकर बचाव कर रहे हैं कि यह उनका निजी मामला है.
  • #जम्मूकश्मीर और #लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश मे उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूँ। संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई प्रश्न भी खड़े नही होते। लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूँ।

    — Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) August 6, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">


उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर व्यक्तिगत तौर पर इस फैसले का स्वागत किया है. ऐसे में कार्रवाई जैसी कोई बात नहीं बनती है. हम स्वतंत्र हैं व्यक्तिगत बयान देने के लिए. अगर कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है तो यह उनका निजी फैसला है. हालांकि कैमरे पर कोई भी कांग्रेसी नेता या प्रवक्ता इस पर प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए.

  • 370 और 35 A के “पक्ष” में खड़े नेताओं को देश की “भावना” को समझते हुए, सरकार के साथ खड़ा होना चाहिये, क्यूँ कि देश “सियासत” और “पार्टी”
    दोनों से बड़ा है.

    — Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) August 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें:- लखनऊ: जम्मू कश्मीर पर फैसले का मायावती ने खुलकर किया स्वागत
अनुच्छेद 370 के फैसले को लेकर दो हिस्सों में बंटी कांग्रेस-
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोशल मीडिया पर कांग्रेसी नेताओं के सरकार के साथ खड़े होने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि जब पार्टी इस अनुच्छेद को हटाए जाने का विरोध कर रही है तो फिर सोशल मीडिया पर कांग्रेसियों को सरकार को बधाई नहीं देनी चाहिए. यह सही नहीं है. इस अनुच्छेद के चलते दो खेमों में बंटी कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं की अलग-अलग बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस के तमाम नेता और कार्यकर्ता केंद्र सरकार के इस फैसले पर खुश हैं, तो कई नाखुश.

Intro:'अपने' ही खड़ा कर रहे कांग्रेस के लिए संकट, 370 पर यूपी में दो खेमों में बंटी कांग्रेस

लखनऊ। कांग्रेस पार्टी के लिए 'अपने' ही संकट खड़े करने लगे हैं। जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35a पर जहां कांग्रेस हाईकमांड ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया। सदन में नेता सदन गुलाम नबी आजाद ने इस धारा को खत्म किए जाने का जमकर प्रतिरोध किया, वहीं जब धारा 370 और 35a खत्म हो गई तो भारतीय जनता पार्टी के साथ ही कांग्रेसी नेता भी बधाई देने वालों में सोशल मीडिया पर किसी से पीछे नहीं रहे। तमाम कांग्रेसी नेताओं ने सरकार के इस कदम की तारीफ की। ऐसे में अब कांग्रेस के अंदर ही विरोध के स्वर उत्पन्न होने लगे हैं।


Body:कांग्रेस की रायबरेली के सदर से विधायक आदिति सिंह हों या फिर लखनऊ से लोकसभा चुनाव लड़ चुके कल्कि आश्रम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम। इन दोनों बड़े नेताओं के अलावा तमाम कांग्रेसी नेताओं ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35a हटाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसे सराहनीय कदम बताया है। अब हाई कमांड के सामने यह संकट पैदा हो गया कि जब उच्च स्तर से पार्टी लाइन पर इस धारा के हटने पर विरोध जताया जा रहा है तो अपने आप से ही कांग्रेस के लीडर बधाई क्यों दे रहे हैं। यह पार्टी के अनुशासनहीनता के दायरे में आता है। हालांकि तमाम कांग्रेसी नेता बधाई देने वाले नेताओं का यह कहकर बचाव कर रहे हैं कि यह उनका निजी मामला है। उन्होंने पार्टी लाइन से हटकर व्यक्तिगत तौर पर इस फैसले का स्वागत किया है। ऐसे में कार्रवाई जैसी कोई बात नहीं बनती है। हम स्वतंत्र हैं व्यक्तिगत बयान देने के लिए। अगर कांग्रेस नेताओं ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है तो यह उनका निजी फैसला होगा। हालांकि कैमरे पर कोई भी कांग्रेस का नेता या प्रवक्ता इस पर प्रतिक्रिया देने से पूरी तरह से कन्नी काट रहे हैं।


Conclusion:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोशल मीडिया पर कांग्रेसी नेताओं के सरकार के साथ खड़े होने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि जब पार्टी इस धारा को हटाए जाने का विरोध कर रही है तो फिर सोशल मीडिया पर कांग्रेसियों को सरकार को बधाई देनी नहीं चाहिए। यह सही नहीं है। कांग्रेस में इस धारा के चलते दो खेमों में बटे नेताओं और कार्यकर्ताओं की अलग-अलग बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस के तमाम नेता और कार्यकर्ता केंद्र सरकार के इस फैसले पर खुश हैं, तो कई नाखुश।
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