ETV Bharat / state

लखनऊ विश्वविद्यालय में शामिल हुए चार जनपदों के कॉलेज, फीस पर विवाद

उत्तर प्रदेश सरकार ने कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से मान्यता लेकर चार जिलों में संचालित कॉलेजों को लखनऊ विश्वविद्यालय से जोड़ने का तो फैसला ले लिया, लेकिन फीस को लेकर दोनों विश्वविद्यालय में विवाद अभी भी कायम है.

author img

By

Published : Feb 19, 2021, 7:58 AM IST

लखनऊ विश्वविद्यालय.
लखनऊ विश्वविद्यालय.

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से मान्यता लेकर चार जिलों में संचालित कॉलेजों को लखनऊ विश्वविद्यालय से जोड़ने का फैसला तो ले लिया है, लेकिन फीस को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है.

कानपुर और लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा शुल्क में काफी अंतर है. कानपुर विश्वविद्यालय में जहां यह शुल्क करीब एक हजार रुपये के आसपास है. वहीं, लखनऊ विश्वविद्यालय में यह 3,500 रुपये से शुरू होता है. इसको लेकर चारों जिलों के कॉलेज संचालकों और छात्रों में काफी नाराजगी भी है.

प्रदेश सरकार ने कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से मान्यता लेकर चार जिलों में संचालित कॉलेजों को लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़ने का फैसला तो ले लिया. लेकिन अब यहां की फीस को लेकर विवाद खड़ा हो गया. असल में, कानपुर विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा शुल्क में काफी अंतर है. कानपुर विश्वविद्यालय में जहां यह शुल्क करीब 1 हजार रुपये के आसपास है. वहीं, लखनऊ विश्वविद्यालय में यह 3,500 रुपये से शुरू होता है. इसको लेकर चारों जिलों के कॉलेज संचालकों और छात्रों में काफी नाराजगी है.

गुरुवार को इन कॉलेज संचालकों ने विधान परिषद के सदस्य अवनीश सिंह, अरुण पाठक और उमेश द्विवेदी के नेतृत्व में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के साथ वार्ता भी की. इन कॉलेज सचालकों का कहना है कि परीक्षा शुल्क ज्यादा होने के कारण छात्रों और अभिभावकों को नुकसान भुगतना पड़ेगा. उनकी फीस कई गुना बढ़ जाएगी. विधान परिषद के सदस्य अवनीश सिंह ने बताया कि कुलपति की ओर से इस प्रकरण में एक समिति का गठन करके छात्रहित में फैसला लेने का आश्वासन दिया गया है.

प्रदेश सरकार ने लखनऊ विश्वविद्यालय का क्षेत्राधिकार बढ़ाने का फैसला लिया है. इसमें, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, रायबरेली समेत कुल चार जिलों को जोड़ने का फैसला लिया गया है. अभी तक इन जिलों में संचालित महाविद्यालयों को कानपुर विश्वविद्यालय से मान्यता प्रदान की जाती थी, लेकिन अब यह लखनऊ विश्वविद्यालय के अधीन संचालित किए जाएंगे. एक अनुमान के मुताबिक, 350 से ज्यादा कॉलेज लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़ने जा रहे हैं.

एलयू ने छह महाविद्यालयों को दी मान्यता
लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों की संख्या में विस्तार हो गया है. विश्वविद्यालय ने 11 कालेजों को एनओसी देने की मंजूरी दी है. इनमें लखनऊ के छह नए महाविद्यालयों में 10 से ज्यादा स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दी गई है. इस सूची में सेंट्रल पब्लिक स्कूल फार गर्ल्स सेक्टर-8 शारदा नगर, मां वैष्णो देवी डिग्री हबीबपुर हरदोई रोड काकोरी, आरएएस ला कालेज कृष्णा नगर आलमबाग, टीडीएल लॉ कॉलेज, यूबीएस लॉ कॉलेज, कठवारा-बख्शी का तालाबा और सत्य भामा कॉलेज ऑफ एजुकेशन, भौंकापुर बेंती शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें- झुलसा रोग और चूहों से आलू को बचाएं, किसान ये तरीके अपनाएं

लखनऊ: प्रदेश सरकार ने कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से मान्यता लेकर चार जिलों में संचालित कॉलेजों को लखनऊ विश्वविद्यालय से जोड़ने का फैसला तो ले लिया है, लेकिन फीस को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है.

कानपुर और लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा शुल्क में काफी अंतर है. कानपुर विश्वविद्यालय में जहां यह शुल्क करीब एक हजार रुपये के आसपास है. वहीं, लखनऊ विश्वविद्यालय में यह 3,500 रुपये से शुरू होता है. इसको लेकर चारों जिलों के कॉलेज संचालकों और छात्रों में काफी नाराजगी भी है.

प्रदेश सरकार ने कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से मान्यता लेकर चार जिलों में संचालित कॉलेजों को लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़ने का फैसला तो ले लिया. लेकिन अब यहां की फीस को लेकर विवाद खड़ा हो गया. असल में, कानपुर विश्वविद्यालय और लखनऊ विश्वविद्यालय के परीक्षा शुल्क में काफी अंतर है. कानपुर विश्वविद्यालय में जहां यह शुल्क करीब 1 हजार रुपये के आसपास है. वहीं, लखनऊ विश्वविद्यालय में यह 3,500 रुपये से शुरू होता है. इसको लेकर चारों जिलों के कॉलेज संचालकों और छात्रों में काफी नाराजगी है.

गुरुवार को इन कॉलेज संचालकों ने विधान परिषद के सदस्य अवनीश सिंह, अरुण पाठक और उमेश द्विवेदी के नेतृत्व में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के साथ वार्ता भी की. इन कॉलेज सचालकों का कहना है कि परीक्षा शुल्क ज्यादा होने के कारण छात्रों और अभिभावकों को नुकसान भुगतना पड़ेगा. उनकी फीस कई गुना बढ़ जाएगी. विधान परिषद के सदस्य अवनीश सिंह ने बताया कि कुलपति की ओर से इस प्रकरण में एक समिति का गठन करके छात्रहित में फैसला लेने का आश्वासन दिया गया है.

प्रदेश सरकार ने लखनऊ विश्वविद्यालय का क्षेत्राधिकार बढ़ाने का फैसला लिया है. इसमें, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, रायबरेली समेत कुल चार जिलों को जोड़ने का फैसला लिया गया है. अभी तक इन जिलों में संचालित महाविद्यालयों को कानपुर विश्वविद्यालय से मान्यता प्रदान की जाती थी, लेकिन अब यह लखनऊ विश्वविद्यालय के अधीन संचालित किए जाएंगे. एक अनुमान के मुताबिक, 350 से ज्यादा कॉलेज लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़ने जा रहे हैं.

एलयू ने छह महाविद्यालयों को दी मान्यता
लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों की संख्या में विस्तार हो गया है. विश्वविद्यालय ने 11 कालेजों को एनओसी देने की मंजूरी दी है. इनमें लखनऊ के छह नए महाविद्यालयों में 10 से ज्यादा स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति दी गई है. इस सूची में सेंट्रल पब्लिक स्कूल फार गर्ल्स सेक्टर-8 शारदा नगर, मां वैष्णो देवी डिग्री हबीबपुर हरदोई रोड काकोरी, आरएएस ला कालेज कृष्णा नगर आलमबाग, टीडीएल लॉ कॉलेज, यूबीएस लॉ कॉलेज, कठवारा-बख्शी का तालाबा और सत्य भामा कॉलेज ऑफ एजुकेशन, भौंकापुर बेंती शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें- झुलसा रोग और चूहों से आलू को बचाएं, किसान ये तरीके अपनाएं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.