ETV Bharat / state

सीएम योगी ने की 'बाल सेवा योजना' की शुरुआत, अनाथ बच्चों के खाते में पहुंची 12 हजार रुपये की पहली किस्त

सीएम योगी आज उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लखनऊ से शुभारंभ कर दिया. इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहीं. योजना के शुभारंभ पर अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता और प्रमाण पत्र दिए गए. लोकभवन के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार की राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वाती सिंह भी मौजूद रहीं.

cm yogi
सीएम योगी
author img

By

Published : Jul 22, 2021, 4:55 AM IST

Updated : Jul 22, 2021, 2:09 PM IST

लखनऊ : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा की व्यवस्था के लिए 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' की शुरुआत की. लोक भवन में आज दोपहर 12:00 बजे कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में 16 बच्चों को पैसा व प्रमाण पत्र दिए गए. 4 हजार प्रतिमाह के हिसाब से पहले तीन महीने का 12 हजार रुपये बच्चों के बैंक खाते में भेज दिया गया.

बता दें कि सरकार ने 18 वर्ष की आयु तक के बच्चे जिनके माता या पिता अथवा दोनों की कोविड-19 संक्रमण के कारण मृत्यु हो गयी है, उन्हें ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के तहत चार हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान करने की घोषणा की थी.

इसे भी पढ़ें- सेफ सिटी योजना: महिलाएं बनेंगी निडर, शोहदों में होगा डर

इस योजना के तहत 11 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की निःशुल्क शिक्षा, अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में कराई जाएगी. प्रदेश सरकार ऐसी अनाथ बालिकाओं के विवाह योग्य होने पर उनकी शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये उपलब्ध कराएगी. कक्षा नौ या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष आयु तक के ऐसे बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान तमाम संस्थाओं ने सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर काम किया. राज्य सरकार के साथ केंद्र भी महामारी में अनाथ हुए बच्चों को लेकर चिंतित दिखी. मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग में प्रधानमंत्री ने कहा था कि हर राज्य अपने यहां ऐसे बच्चों के लिए एक स्कीम लागू करें जिन बच्चों ने अपने मां-बांप या गार्जियन को महामारी में खोया है, इसमें राज्यों के साथ केंद्र सरकार पीएम केयर से उन बच्चों के लिए कुछ व्यवस्था करेंगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अनाथ बच्चों के लिए लगातार कार्यक्रम चल रहे हैं. पिछले डेढ़ सालों से उनके लिए काम किया जा रहा है. हर स्तर पर इनके सहायता के लिए समाजसेवा की पहल भी की गई. ऐसे कार्यक्रम में हम राज्यपाल की प्रेरणा से आगे बढ़ रहे थे, लेकिन कोरोना की त्रासदी ने इसमें बाधा पैदा की. सीएम ने कहा कि जिन बच्चों ने इस त्रासदी में अपने मां-बाप या फिर लीगल गार्जियन को खोया है उनको हम महीने 4 हजार रुपये तीन साल तक देंगें. आगे इनके 18 साल की उम्र तक लालन-पालन सरकार करेगी.

लखनऊ : राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा की व्यवस्था के लिए 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' की शुरुआत की. लोक भवन में आज दोपहर 12:00 बजे कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में 16 बच्चों को पैसा व प्रमाण पत्र दिए गए. 4 हजार प्रतिमाह के हिसाब से पहले तीन महीने का 12 हजार रुपये बच्चों के बैंक खाते में भेज दिया गया.

बता दें कि सरकार ने 18 वर्ष की आयु तक के बच्चे जिनके माता या पिता अथवा दोनों की कोविड-19 संक्रमण के कारण मृत्यु हो गयी है, उन्हें ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के तहत चार हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान करने की घोषणा की थी.

इसे भी पढ़ें- सेफ सिटी योजना: महिलाएं बनेंगी निडर, शोहदों में होगा डर

इस योजना के तहत 11 से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों की निःशुल्क शिक्षा, अटल आवासीय विद्यालयों तथा कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में कराई जाएगी. प्रदेश सरकार ऐसी अनाथ बालिकाओं के विवाह योग्य होने पर उनकी शादी के लिए एक लाख एक हजार रुपये उपलब्ध कराएगी. कक्षा नौ या इससे ऊपर की कक्षा में अथवा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष आयु तक के ऐसे बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान तमाम संस्थाओं ने सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर काम किया. राज्य सरकार के साथ केंद्र भी महामारी में अनाथ हुए बच्चों को लेकर चिंतित दिखी. मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग में प्रधानमंत्री ने कहा था कि हर राज्य अपने यहां ऐसे बच्चों के लिए एक स्कीम लागू करें जिन बच्चों ने अपने मां-बांप या गार्जियन को महामारी में खोया है, इसमें राज्यों के साथ केंद्र सरकार पीएम केयर से उन बच्चों के लिए कुछ व्यवस्था करेंगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अनाथ बच्चों के लिए लगातार कार्यक्रम चल रहे हैं. पिछले डेढ़ सालों से उनके लिए काम किया जा रहा है. हर स्तर पर इनके सहायता के लिए समाजसेवा की पहल भी की गई. ऐसे कार्यक्रम में हम राज्यपाल की प्रेरणा से आगे बढ़ रहे थे, लेकिन कोरोना की त्रासदी ने इसमें बाधा पैदा की. सीएम ने कहा कि जिन बच्चों ने इस त्रासदी में अपने मां-बाप या फिर लीगल गार्जियन को खोया है उनको हम महीने 4 हजार रुपये तीन साल तक देंगें. आगे इनके 18 साल की उम्र तक लालन-पालन सरकार करेगी.

Last Updated : Jul 22, 2021, 2:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.