लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कई जिलों के वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस अधिकारियों, नोडल व स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान सीएम ने कहा कि कोविड का खतरा अभी टला नहीं है. उत्तर प्रदेश कई राज्यों तथा नेपाल राष्ट्र की सीमा से जुड़ा है. ऐसे में किसी भी स्तर पर लापरवाही या शिथिलता न बरती जाए. वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए प्रभावी तैयारियां सुनिश्चित की जाएं.
कोविड की लड़ाई में जनप्रतिनिधियों को जोड़ें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण में जिला प्रशासन के अधिकारियों, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, निगरानी समितियों, आरआरटी और स्वच्छताकर्मियों की सर्वाधिक भूमिका है. इसे और प्रभावी बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए. उन्हें कोरोना संक्रमित मरीजों और मेडिकल किट के सबंध में सूची प्रदान की जाए, ताकि वे फीडबैक ले सकें.यह सूची इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेंटर के पास भी उपलब्ध रहे. सीएम ने कहा कि निगरानी समितियां स्क्रीनिंग के कार्य को प्रभावी ढंग से करते हुए कोविड संक्रमित और लक्षणयुक्त मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराएं. संदिग्ध व लक्षणयुक्त संक्रमितों की टेस्टिंग शीघ्रता से हो. आरआरटी इन संक्रमित व्यक्तियों के सम्बन्ध में उनकी स्थिति के अनुसार होम आइसोलेशन, क्वारंटाइन और अस्पताल में भर्ती की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे.
सीएचसी, पीएचसी को प्रभावी रूप से क्रियाशील करने के निर्देश
सीएम ने कहा कि सभी जिलों में वेंटिलेटर्स तथा ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर उपलब्ध कराये गये हैं. उन्होंने नोडल अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की क्रियाशीलता तथा इनके उपयोग के सम्बन्ध में रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाए. सभी सीएचसी, पीएचसी और हेल्थ वेलनेस सेंटर प्रभावी रूप से क्रियाशील किये जाएं. सीएम ने कहा कि ‘मेरा गांव, कोरोना मुक्त गांव’ के दृष्टिगत टीम वर्क के साथ कार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि वर्षा के कारण वाॅटर लाॅगिंग या जल जमाव की शिकायतें न मिलें. जल जमाव को रोके जाने के प्रबंध किये जाएं.
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30 लाख से अधिक आबादी वाले जिलों में 10 हजार टेस्टिंग करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कोविड की टेस्टिंग और तेज करनी होगी. 30 लाख से अधिक आबादी वाले जिला हर दिन न्यूनतम 10 हजार टेस्ट जरूर करें. सभी जिलों में निगरानी समितियों और रैपिड रिस्पॉन्स टीम की सतत मॉनीटरिंग की जाए. सभी जिलों में आरआरटी की संख्या बढ़ाने की कार्यवाही की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों के लिए ऑक्सीजन प्लाण्ट्स की स्थापना के लिए स्वीकृति दी गयी है. यह ऑक्सीजन प्लाण्ट केंद्र सरकार, राज्य सरकार तथा अन्य संगठनों व सीएसआर के माध्यम से स्थापित किये जा रहे हैं. यदि कहीं इनके संबंध में अतिरिक्त आवश्यकता है तो उसका प्रस्ताव शीघ्र मुख्य सचिव को प्रेषित किया जाए.
प्रोटोकॉल के साथ चलें औद्योगिक संस्थान
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंशिक कोरोना कर्फ्यू में सभी आवश्यक सेवाएं, निर्माण कार्य एवं औद्योगिक गतिविधियां संचालित हैं. औद्योगिक इकाइयों में कोविड हेल्पडेस्क तथा कोविड केयर सेंटर अनिवार्य रूप से स्थापित हों. कम्युनिटी किचन के माध्यम से जरूरतमन्दों को भोजन की व्यवस्था की जाए. नाॅन-कोविड मरीजों के उपचार की व्यवस्था के लिए डेडिकेटेड अस्पताल क्रियाशील रहें. प्रत्येक जिले में डायलिसिस की सुविधा मरीजों को उपलब्ध रहे.
अवैध वसूली पर निजी लैब और अस्पतालों पर करें कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच और इलाज के सम्बन्ध में प्राइवेट लैब व निजी अस्पतालों द्वारा मनमानी और ओवर चार्जिंग की स्थिति में उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि सभी कोविड सम्बन्धी जांच व उपचार के लिए रेट निर्धारित हैं. निजी एम्बुलेंसों द्वारा भी मनमाना किराया वसूली को रोका जाए. एम्बुलेंस पर रेट लिस्ट चस्पा रहे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वाॅरियर्स का मनोबल बढ़ाया जाए. ड्यूटी के दौरान उनकी मृत्यु की स्थिति में उनके परिजनों को मुआवजा दिलाने की कार्यवाही शीघ्रता से सुनिश्चित की जाए. इसी प्रकार पंचायत चुनावों के दौरान भी कोविड संक्रमित कर्मियों के सम्बन्ध में भी स्पष्ट स्थिति रखी जाए.
सीएम ने इन जिलों की तारीफ की
मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 अप्रैल के बाद से प्रतिदिन एक लाख कोविड केस होने की आशंका व्यक्त की गयी थी, जिसे सामूहिक प्रयासों से नियंत्रित कर लिया गया है. कई जिलों में प्रभारी अधिकारियों ने भी अच्छा कार्य किया है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, सहारनपुर, बुलन्दशहर में कोविड प्रबंधन के सम्बन्ध में अच्छा कार्य हुआ है. दिल्ली की अपेक्षा हमारी स्थिति बेहतर रही है.
इन जिलाधिकारियों से किया संवाद
मुख्यमंत्री ने कानपुर नगर, सम्भल, गाजीपुर, महोबा, अयोध्या, बाराबंकी, मथुरा, जालौन के जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों और नोडल अधिकारियों से संवाद किया. कोविड प्रबन्धन, बचाव व उपचार के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में ब्लैक फंगस के उपचार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जा रही है. इन्हें जरूरतमन्द मरीजों को उपलब्ध कराया जाए.