लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान 2019 के दूसरे चरण का सोमवार को लोक भवन में शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने जनता से इस अभियान के साथ जुड़ने की अपील की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस भी अभियान में जनता साथ खड़ी होती है, उस अभियान की सफलता में कोई संदेह नहीं रह जाता. वह सारे अभियान सफल होते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि बीमारी हो उसका इलाज कराया जाए. इससे बेहतर है कि सभी लोग इसको लेकर जागरूक रहें ताकि बीमारी ही नहीं हों.
संचारी रोग नियंत्रण पर किया जागरुक-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दस्तक अभियान और संचारी रोग नियंत्रण के सभी कार्यक्रमों की सफलताओं के लिए सभी अधिकारियों के कार्यों को सराहा. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन सात जिलों में मैंने खुद जापानीज इंसेफेलाइटिस के खिलाफ आवाज उठाई. सड़क से लड़ संसद तक लड़ाई लड़ी गयी. इसकी वजह से मीडिया का ध्यान आकृष्ट हुआ.
40 साल से यह बीमारी थी. 20 साल पहले बीआरडी अस्पताल में मैं गया था. जापानीज इंसेफेलाइटिस वार्ड में बहुत गंदगी थी. बहुत ठीक हुआ है, लेकिन बहुत कुछ करना बाकी है. वर्षों की जड़ता को खत्म करने में तो समय लगेगा. बुखार से पीड़ित सभी प्रमुख जिला अस्पतालों में बेड, प्लेटलेट्स सुविधा उपलब्ध किया. दो सालों में बेहद प्रभाव पड़ा है.
संचारी रोग से उपाय से ज्यादा बचाव करने पर दें महत्व-
सीएम योगी ने कहा कि स्वास्थ्य की सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं. डॉक्टर बढ़ाए जा सकते हैं. स्टाफ बढ़ाया जा सकता है. यदि हम उपचार से ज्यादा बचाव को महत्व दें तो मुझे लगता है देश की श्रम और शक्ति दोनों को बचाया जा सकता है. देश की अमूल्य धरोहर को रचनात्मकता की ओर जोड़ सकते हैं. संचारी रोग का एक महीने का कार्यक्रम उस अभियान की जागरूकता का एक हिस्सा है.
वैसे तो प्रमुख रूप से 28 जिलों में यह बीमारी फैली हुई है, लेकिन हमने पूरे प्रदेश के 75 जिलों में एक साथ अभियान शुरू कर रहे हैं. इससे कुछ असर अन्य जिलों में भी होने की आशंका को समाप्त किया जा सके. इस अभियान से सीएम ने आम लोगों से जुड़ने की अपील की.
पिछले वर्ष दस्तक अभियान गोरखपुर और बस्ती मंडल के साथ सात जिलों गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर और बस्ती में चलाया गया था. इन जिलों के साथ-साथ इस वर्ष से अभियान लखनऊ और देवीपाटन मंडल के सभी 10 जिलों हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और बाराबंकी में चलाया जा रहा है.