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लखनऊ: सीएम योगी ने किया संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का शुभांरभ - संचारी रोग नियंत्रण पर जुलाई भर चलेगा अभियान

राजधानी लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान 2019 को लोक भवन में शुभांरभ किया. इस अवसर पर उन्होंने ने इस अभियान से जनता को जुड़ने की अपील की. इसके साथ ही संचारी रोग नियंत्रण पर जनता को जागरूक किया.

सीएम योगी मंच से बोलते हुए
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Published : Jul 1, 2019, 5:12 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान 2019 के दूसरे चरण का सोमवार को लोक भवन में शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने जनता से इस अभियान के साथ जुड़ने की अपील की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस भी अभियान में जनता साथ खड़ी होती है, उस अभियान की सफलता में कोई संदेह नहीं रह जाता. वह सारे अभियान सफल होते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि बीमारी हो उसका इलाज कराया जाए. इससे बेहतर है कि सभी लोग इसको लेकर जागरूक रहें ताकि बीमारी ही नहीं हों.

संचारी रोग नियंत्रण पर किया जागरुक-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दस्तक अभियान और संचारी रोग नियंत्रण के सभी कार्यक्रमों की सफलताओं के लिए सभी अधिकारियों के कार्यों को सराहा. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन सात जिलों में मैंने खुद जापानीज इंसेफेलाइटिस के खिलाफ आवाज उठाई. सड़क से लड़ संसद तक लड़ाई लड़ी गयी. इसकी वजह से मीडिया का ध्यान आकृष्ट हुआ.

40 साल से यह बीमारी थी. 20 साल पहले बीआरडी अस्पताल में मैं गया था. जापानीज इंसेफेलाइटिस वार्ड में बहुत गंदगी थी. बहुत ठीक हुआ है, लेकिन बहुत कुछ करना बाकी है. वर्षों की जड़ता को खत्म करने में तो समय लगेगा. बुखार से पीड़ित सभी प्रमुख जिला अस्पतालों में बेड, प्लेटलेट्स सुविधा उपलब्ध किया. दो सालों में बेहद प्रभाव पड़ा है.

संचारी रोग से उपाय से ज्यादा बचाव करने पर दें महत्व-
सीएम योगी ने कहा कि स्वास्थ्य की सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं. डॉक्टर बढ़ाए जा सकते हैं. स्टाफ बढ़ाया जा सकता है. यदि हम उपचार से ज्यादा बचाव को महत्व दें तो मुझे लगता है देश की श्रम और शक्ति दोनों को बचाया जा सकता है. देश की अमूल्य धरोहर को रचनात्मकता की ओर जोड़ सकते हैं. संचारी रोग का एक महीने का कार्यक्रम उस अभियान की जागरूकता का एक हिस्सा है.

वैसे तो प्रमुख रूप से 28 जिलों में यह बीमारी फैली हुई है, लेकिन हमने पूरे प्रदेश के 75 जिलों में एक साथ अभियान शुरू कर रहे हैं. इससे कुछ असर अन्य जिलों में भी होने की आशंका को समाप्त किया जा सके. इस अभियान से सीएम ने आम लोगों से जुड़ने की अपील की.

सीएम योगी संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का शुभांरभ
क्या है दस्तक अभियान-दस्तक अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर एक से 15 वर्ष आयु तक के बच्चों के माता-पिता को दिमागी बुखार और जापानी इंसेफेलाइटिस के संदर्भ में जागरूक करेंगे. जापानी इंसेफेलाइटिस से ज्यादातर मौतों का एक प्रमुख कारण उपचार में देरी है. स्वास्थ्य कर्मी लोगों को बताएंगे कि कोई भी बुखार दिमागी बुखार हो सकता है. इसलिए जल्दी से जल्दी इसका प्रभावी उपचार अनिवार्य है.अभियान में ये विभाग शामिल-यह अभियान चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, शहरी निकाय विभाग, शिक्षा विभाग, समन्वित बाल विकास योजना, कृषि पशुपालन एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा मिलकर चलाया जाएगा. इस अभियान में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ संगठनों यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन संस्था द्वारा विशेष सहयोग दिया जा रहा है.जुलाई भर चलेगा अभियान-पूरे जुलाई माह में सरकार पोस्टर, बैनर, वॉल राइटिंग, नुक्कड़ नाटक द्वारा रोकथाम के लिए जागरूकता पैदा करेगी. लोगों को बच्चों के साथ पर टीकाकरण के लिए प्रेरित करेगी. मच्छरों से प्रभाव के लिए छिड़काव किया जाएगा. बुखार के प्रभावी उपचार के लिए चिकित्सा इकाइयों को तैयार किया गया है.


पिछले वर्ष दस्तक अभियान गोरखपुर और बस्ती मंडल के साथ सात जिलों गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर और बस्ती में चलाया गया था. इन जिलों के साथ-साथ इस वर्ष से अभियान लखनऊ और देवीपाटन मंडल के सभी 10 जिलों हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और बाराबंकी में चलाया जा रहा है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान 2019 के दूसरे चरण का सोमवार को लोक भवन में शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने जनता से इस अभियान के साथ जुड़ने की अपील की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस भी अभियान में जनता साथ खड़ी होती है, उस अभियान की सफलता में कोई संदेह नहीं रह जाता. वह सारे अभियान सफल होते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि बीमारी हो उसका इलाज कराया जाए. इससे बेहतर है कि सभी लोग इसको लेकर जागरूक रहें ताकि बीमारी ही नहीं हों.

संचारी रोग नियंत्रण पर किया जागरुक-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दस्तक अभियान और संचारी रोग नियंत्रण के सभी कार्यक्रमों की सफलताओं के लिए सभी अधिकारियों के कार्यों को सराहा. इस दौरान उन्होंने कहा कि जिन सात जिलों में मैंने खुद जापानीज इंसेफेलाइटिस के खिलाफ आवाज उठाई. सड़क से लड़ संसद तक लड़ाई लड़ी गयी. इसकी वजह से मीडिया का ध्यान आकृष्ट हुआ.

40 साल से यह बीमारी थी. 20 साल पहले बीआरडी अस्पताल में मैं गया था. जापानीज इंसेफेलाइटिस वार्ड में बहुत गंदगी थी. बहुत ठीक हुआ है, लेकिन बहुत कुछ करना बाकी है. वर्षों की जड़ता को खत्म करने में तो समय लगेगा. बुखार से पीड़ित सभी प्रमुख जिला अस्पतालों में बेड, प्लेटलेट्स सुविधा उपलब्ध किया. दो सालों में बेहद प्रभाव पड़ा है.

संचारी रोग से उपाय से ज्यादा बचाव करने पर दें महत्व-
सीएम योगी ने कहा कि स्वास्थ्य की सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं. डॉक्टर बढ़ाए जा सकते हैं. स्टाफ बढ़ाया जा सकता है. यदि हम उपचार से ज्यादा बचाव को महत्व दें तो मुझे लगता है देश की श्रम और शक्ति दोनों को बचाया जा सकता है. देश की अमूल्य धरोहर को रचनात्मकता की ओर जोड़ सकते हैं. संचारी रोग का एक महीने का कार्यक्रम उस अभियान की जागरूकता का एक हिस्सा है.

वैसे तो प्रमुख रूप से 28 जिलों में यह बीमारी फैली हुई है, लेकिन हमने पूरे प्रदेश के 75 जिलों में एक साथ अभियान शुरू कर रहे हैं. इससे कुछ असर अन्य जिलों में भी होने की आशंका को समाप्त किया जा सके. इस अभियान से सीएम ने आम लोगों से जुड़ने की अपील की.

सीएम योगी संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का शुभांरभ
क्या है दस्तक अभियान-दस्तक अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर एक से 15 वर्ष आयु तक के बच्चों के माता-पिता को दिमागी बुखार और जापानी इंसेफेलाइटिस के संदर्भ में जागरूक करेंगे. जापानी इंसेफेलाइटिस से ज्यादातर मौतों का एक प्रमुख कारण उपचार में देरी है. स्वास्थ्य कर्मी लोगों को बताएंगे कि कोई भी बुखार दिमागी बुखार हो सकता है. इसलिए जल्दी से जल्दी इसका प्रभावी उपचार अनिवार्य है.अभियान में ये विभाग शामिल-यह अभियान चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, शहरी निकाय विभाग, शिक्षा विभाग, समन्वित बाल विकास योजना, कृषि पशुपालन एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा मिलकर चलाया जाएगा. इस अभियान में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ संगठनों यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन संस्था द्वारा विशेष सहयोग दिया जा रहा है.जुलाई भर चलेगा अभियान-पूरे जुलाई माह में सरकार पोस्टर, बैनर, वॉल राइटिंग, नुक्कड़ नाटक द्वारा रोकथाम के लिए जागरूकता पैदा करेगी. लोगों को बच्चों के साथ पर टीकाकरण के लिए प्रेरित करेगी. मच्छरों से प्रभाव के लिए छिड़काव किया जाएगा. बुखार के प्रभावी उपचार के लिए चिकित्सा इकाइयों को तैयार किया गया है.


पिछले वर्ष दस्तक अभियान गोरखपुर और बस्ती मंडल के साथ सात जिलों गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थ नगर, संत कबीर नगर और बस्ती में चलाया गया था. इन जिलों के साथ-साथ इस वर्ष से अभियान लखनऊ और देवीपाटन मंडल के सभी 10 जिलों हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और बाराबंकी में चलाया जा रहा है.

Intro:लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान 2019 के दूसरे चरण का आज यहां लोग भवन में शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने जनता से इस अभियान के साथ जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिस भी अभियान में जनता साथ खड़ी होती है, उस अभियान की सफलता में कोई संदेह नहीं रह जाता। वह सारे अभियान सफल होते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि बीमारी हो। उसका इलाज कराया जाए। इससे बेहतर है कि सभी लोग इसको लेकर जागरूक रहें ताकि बीमारी ही नहीं हों।


Body:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दस्तक अभियान और संचारी रोग नियंत्रण के सभी कार्यक्रमों की सफलताओं के लिए सभी अधिकारियों के कार्यों को सराहा। उन्होंने कहा कि जिन सात जिलों में मैने खुद जापानीज इंसेफेलाइटिस के खिलाफ आवाज उठाई। सड़क से लड़ संसद तक लड़ाई लड़ी गयी। इसकी वजह से मीडिया का ध्यान आकृष्ट हुआ।

उन्होंने कहा कि 40 साल से यह बीमारी थी। 20 साल पहले बीआरडी अस्पताल में मैं गया था। जापानीज इंसेफेलाइटिस वार्ड में बहुत गंदगी थी। बहुत ठीक हुआ है। लेकिन बहुत कुछ करना बाकी है। वर्षों की जड़ता को खत्म करने में तो समय लगेग। बुखार से पीड़ित सभी प्रमुख जिला अस्पतालों में बेड, प्लेटलेट्स सुविधा उपलब्ध किया। दो सालों में बेहद प्रभाव पड़ा है।

स्वास्थ्य की सुविधाएं बढ़ाई जा सकती हैं। डॉक्टर बढ़ाए जा सकते हैं। स्टाफ बढ़ाया जा सकता है। लेकिन सवाल यह है कि अगर हम उपचार से ज्यादा बचाव को महत्व दें तो मुझे लगता है देश की श्रम और शक्ति दोनों को बचाया जा सकता है। देश की अमूल्य धरोहर को रचनात्मकता की ओर जोड़ सकते हैं। संचारी रोग का एक महीने का कार्यक्रम उस अभियान की जागरूकता का एक हिस्सा है।

वैसे तो प्रमुख रूप से 28 जिलों में यह बीमारी फैली हुई है। लेकिन हमने पूरे प्रदेश के 75 जिलों में एक साथ अभियान शुरू कर रहे हैं। क्योंकि कुछ न कुछ असर अन्य जिलों में भी होने की आशंका को समाप्त किया जा सके। इस अभियान से सीएम ने आम लोगों से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि जब किसी अभियान से जब जनता जुड़ती है उस अभियान की सफलता तय है।

क्या है दस्तक अभियान

दस्तक अभियान के अंतर्गत प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर एक से 15 वर्ष आयु तक के बच्चों के माता-पिता एवं परिजनों को दिमागी बुखार और जापानी इंसेफेलाइटिस के संदर्भ में जागरूक करेंगे। जापानी इंसेफेलाइटिस से ज्यादातर मौतों का एक प्रमुख कारण उपचार में देरी है। स्वास्थ्य कर्मी लोगों को बताएंगे कि कोई भी बुखार दिमागी बुखार हो सकता है। इसलिए जल्दी से जल्दी इसका प्रभावी उपचार अनिवार्य है।

अभियान में ये विभाग शामिल

यह अभियान चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, शहरी निकाय विभाग, शिक्षा विभाग, समन्वित बाल विकास योजना, कृषि पशुपालन एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा मिलकर चलाया जाएगा। इस अभियान में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ संगठनों यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन संस्था द्वारा विशेष सहयोग दिया जा रहा है।

जुलाई भर चलेगा अभियान

पूरे जुलाई माह में सरकार पोस्टर बैनर वॉल राइटिंग नुक्कड़ नाटक द्वारा रोकथाम के लिए जागरूकता पैदा करेगी। लोगों को बच्चों के साथ पर टीकाकरण के लिए प्रेरित करेगी। मच्छरों से प्रभाव के लिए छिड़काव किया जाएगा। बुखार के प्रभावी उपचार के लिए चिकित्सा इकाइयों को तैयार किया गया है।

पिछले वर्ष दस्तक अभियान गोरखपुर और बस्ती मंडल के साथ सात जिलों गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थ नगर,संत कबीर नगर और बस्ती में चलाया गया था। इन जिलों के साथ-साथ इस वर्ष से अभियान लखनऊ और देवीपाटन मंडल के सभी 10 जिलों हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, गोंडा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर और बाराबंकी में चलाया जा रहा है।


Conclusion:दिमागी बुखार का प्रभाव पूर्वांचल के जिलों में अधिक था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सांसद रहते दिमागी बुखार को लेकर लंबे समय से काम कर रहे हैं। अब मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इसे अभियान के तौर पर लिया है। उन्होंने आज दावा किया कि दो साल में काफी बदलाव हुआ है। लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने को बाकी है।
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