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सीएम योगी ने 204 करोड़ की योजनाओं का किया लोकार्पण और शिलान्यास

सीएम योगी ने रविवार को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 204 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. वहीं, सीएम ने जिला पंचायत अध्यक्षों से भी संवाद किया. इसके अलावा अपने आवास पर अधिकारीयों के साथ बैठक कर चीनी मिलों के सुचारू संचालन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए.

सीएम योगी.
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Published : Nov 29, 2020, 6:09 PM IST

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 204 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इसमें 56 जिलों में 2095 किलोमीटर लंबे 748 मार्गों और पंचायती राज विभाग के माध्यम से 647 करोड़ की लागत से बनने वाली दो हजार किलोमीटर लंबी 1825 सड़कों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पीएम बनने के बाद शुरू किया था. पहली बार आजाद भारत में पीएमजीएसवाई 2001 में लागू हो पाई थी. यानि आजादी के पांच दशक तक भारत की ग्रामीण व्यवस्था उन बुनियादी सुविधाओं से वंचित थी, जो विकास की प्रक्रिया के सबसे बड़े और सशक्त माध्यम होते हैं. उन्होंने कहा कि पंचायतें आत्मनिर्भर होंगी, तो प्रदेश और देश भी आत्मनिर्भर होगा. इसके बाद ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में कोई भी गांव, नौजवान और महिला अपने को बेरोजगार नहीं मान सकते. आप आर्थिक स्वावलंबन का एक नया आदर्श प्रस्तुत कर सकते हैं.

विकास और रोजगार की बढ़ सकती हैं संभावनाएं
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत को विकास के लिए जितना पैसा दिया गया है, उस धनराशि का सही सदुपयोग अगर सभी पंचायतीराज की संस्थाएं करने लग जाएं, तो विकास और रोजगार की व्यापक संभावनाएं आगे बढ़ सकती हैं.

'यह मेरे कार्यकाल का कार्य'
सीएम ने कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि कितने गांव में आपने कुछ न कुछ दे दिया. कुछ कार्य ऐसा करिए कि जिसे आप वास्तव में यह कह सकें कि यह मेरे कार्यकाल का कार्य है. गांवों की कनेक्टिविटी ग्राम पंचायत को देनी चाहिए. ग्राम पंचायत गांव में इंटर लॉकिंग, सीसी कार्य, वॉटर लॉगिंग की समस्या का समाधान और गांव में कूड़ा प्रबंधन का काम करें तो कोई समस्या नहीं आने वाली है. हमें यह सोच विकसित करनी होगी. हमारा क्षेत्र पंचायत बेहतरीन तरीके से अपनी कार्यपद्धति को आगे बढ़ा रहा है, हमें इस दिशा में प्रयास करना चाहिए.

पंचायतें स्वावलंबी तो गांववासी बनेंगे स्वावलंबी
उन्होंने कहा कि पंचायती व्यवस्थाएं केवल सरकार के पैसे पर ही निर्भर न रहें, बल्कि अपनी आय कैसे बढ़ा सकते हैं, इस बारे में भी अगर चिंता करेंगी, तो पंचायतें हमारी स्वावलंबी बनेंगी और गांव का हर व्यक्ति स्वावलंबी बनने की ओर कदम बढ़ा सकता है. ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत क्षेत्रों के पास भी अपनी जमीन है. गांव के हाट तो जिला पंचायतों द्वारा ही संचालित होते थे. इसे मंडी समिति के साथ मिलकर ग्रामीण हाट के रूप में विकसित किया जा सकता है. पंचायतों को स्वावलंबी बनाना है तो इनकी आय को बढ़ाना पड़ेगा.

5 से 7 करोड़ रुपये तालाब से कमाई
मुख्यमंत्री ने अन्य प्रदेश के सरपंच का उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने उनसे पूछा कि आपकी पंचायत को कितना पैसा मिलता है, तो उन्होंने बताया कि हमें पैसे की आवश्यकता नहीं है. मैंने पूछा कैसे तो फिर उन्होंने बताया कि हमारा गांव हाई-वे से जुड़ा है. हमारी ग्राम पंचायत की जितनी भूमि थी, उसे हमने किसी को कब्जा नहीं करने दिया और तालाब को गंदा नहीं होने दिया. हम हर वर्ष लगभग पांच से सात करोड़ रुपये केवल तालाब से कमा लेते हैं. हम इस पैसे को गांव के विकास और गरीबों की मदद में खर्च करते हैं. हमारा ग्राम पंचायत एक आत्मनिर्भर गांव है.

ओडीओपी से पंचायतीराज व्यवस्था जुड़े
उन्होंने कहा कि ओडीओपी किसी न किसी गांव से ही निकलता है. गोरखपुर का टेराकोटा औरंगाबाद से निकला है. लखनऊ की चिकनकारी एक गांव से, अमरोहा का ढोलक और पीलीभीत की बांसुरी एक गांव से निकली है. इसी तरह संत कबीर नगर में बखिरा बर्तन का बहुत बड़ा केंद्र है. हमारी पंचायतों की जिम्मेदारी है कि हम अपने उत्पादों को प्रमोट करें. जब कोई त्योहार आता है तो हमारे जिले में जो चीज बन रही है उसे गिफ्ट में दें. महत्व इस बात का नहीं कि कितना महंगा उपहार है और कितना बड़ा है. महत्व यह है कि हमारे कारीगरों की मेहनत और हुनर कितना बेहतरीन तरीके से सामने आया है और हम कितना उसे आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं. पंचायती राज व्यवस्था को इससे जुड़ना पड़ेगा.

जिला पंचायत अध्यक्षों से सीएम ने किया संवाद
मुख्यमंत्री ने पांच जिला पंचायत अध्यक्षों से भी संवाद किया. इसमें शाहजहांपुर, प्रयागराज, सीतापुर, शामली और खीरी जिले के जिला पंचायत अध्यक्षों ने हॉट मिक्स प्लांट से सड़कों के निर्माण पर कहा कि इससे सड़कें और मजबूत होंगी और कार्य की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा.

'चीनी मिलों के संचालन पर दें विशेष ध्यान'

मुख्यमंत्री ने आज अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने चीनी मिलों के सुचारू संचालन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को चीनी मिलों में गन्ने की आपूर्ति में कोई समस्या न हो. साथ ही गन्ना किसानों को बुआई के लिए गन्ने की बेहतर वेराइटी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश भी दिए. कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को एमएसपी के तहत अपनी उपज बेचने में कोई दिक्कत न हो. सीएम ने कहा कि जिन गांव में विभिन्न विकास योजनाओं को उत्कृष्ट ढंग से लागू किया गया है, ऐसे ग्रामों को माॅडल के रूप में प्रस्तुत करते हुए वहां जनप्रतिनिधि का भ्रमण कराया जाए. इससे अन्य ग्रामों में भी इसी प्रकार विकास कार्याें को बेहतर ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी.


पीएम कुसुम योजना से होगी सोलर पंपों की स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 'प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान' (पीएम कुसुम योजना) प्रारम्भ की गई है. यह महत्वाकांक्षी योजना उत्तर प्रदेश में भी संचालित की जा रही है. इस योजना के अन्तर्गत सोलर पंपों की स्थापना की जा रही है. उन्होंने निर्देश दिए कि यह कार्य समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराया जाए.

लखनऊ: सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 204 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इसमें 56 जिलों में 2095 किलोमीटर लंबे 748 मार्गों और पंचायती राज विभाग के माध्यम से 647 करोड़ की लागत से बनने वाली दो हजार किलोमीटर लंबी 1825 सड़कों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पीएम बनने के बाद शुरू किया था. पहली बार आजाद भारत में पीएमजीएसवाई 2001 में लागू हो पाई थी. यानि आजादी के पांच दशक तक भारत की ग्रामीण व्यवस्था उन बुनियादी सुविधाओं से वंचित थी, जो विकास की प्रक्रिया के सबसे बड़े और सशक्त माध्यम होते हैं. उन्होंने कहा कि पंचायतें आत्मनिर्भर होंगी, तो प्रदेश और देश भी आत्मनिर्भर होगा. इसके बाद ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत में कोई भी गांव, नौजवान और महिला अपने को बेरोजगार नहीं मान सकते. आप आर्थिक स्वावलंबन का एक नया आदर्श प्रस्तुत कर सकते हैं.

विकास और रोजगार की बढ़ सकती हैं संभावनाएं
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत को विकास के लिए जितना पैसा दिया गया है, उस धनराशि का सही सदुपयोग अगर सभी पंचायतीराज की संस्थाएं करने लग जाएं, तो विकास और रोजगार की व्यापक संभावनाएं आगे बढ़ सकती हैं.

'यह मेरे कार्यकाल का कार्य'
सीएम ने कहा कि महत्वपूर्ण यह नहीं है कि कितने गांव में आपने कुछ न कुछ दे दिया. कुछ कार्य ऐसा करिए कि जिसे आप वास्तव में यह कह सकें कि यह मेरे कार्यकाल का कार्य है. गांवों की कनेक्टिविटी ग्राम पंचायत को देनी चाहिए. ग्राम पंचायत गांव में इंटर लॉकिंग, सीसी कार्य, वॉटर लॉगिंग की समस्या का समाधान और गांव में कूड़ा प्रबंधन का काम करें तो कोई समस्या नहीं आने वाली है. हमें यह सोच विकसित करनी होगी. हमारा क्षेत्र पंचायत बेहतरीन तरीके से अपनी कार्यपद्धति को आगे बढ़ा रहा है, हमें इस दिशा में प्रयास करना चाहिए.

पंचायतें स्वावलंबी तो गांववासी बनेंगे स्वावलंबी
उन्होंने कहा कि पंचायती व्यवस्थाएं केवल सरकार के पैसे पर ही निर्भर न रहें, बल्कि अपनी आय कैसे बढ़ा सकते हैं, इस बारे में भी अगर चिंता करेंगी, तो पंचायतें हमारी स्वावलंबी बनेंगी और गांव का हर व्यक्ति स्वावलंबी बनने की ओर कदम बढ़ा सकता है. ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत क्षेत्रों के पास भी अपनी जमीन है. गांव के हाट तो जिला पंचायतों द्वारा ही संचालित होते थे. इसे मंडी समिति के साथ मिलकर ग्रामीण हाट के रूप में विकसित किया जा सकता है. पंचायतों को स्वावलंबी बनाना है तो इनकी आय को बढ़ाना पड़ेगा.

5 से 7 करोड़ रुपये तालाब से कमाई
मुख्यमंत्री ने अन्य प्रदेश के सरपंच का उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने उनसे पूछा कि आपकी पंचायत को कितना पैसा मिलता है, तो उन्होंने बताया कि हमें पैसे की आवश्यकता नहीं है. मैंने पूछा कैसे तो फिर उन्होंने बताया कि हमारा गांव हाई-वे से जुड़ा है. हमारी ग्राम पंचायत की जितनी भूमि थी, उसे हमने किसी को कब्जा नहीं करने दिया और तालाब को गंदा नहीं होने दिया. हम हर वर्ष लगभग पांच से सात करोड़ रुपये केवल तालाब से कमा लेते हैं. हम इस पैसे को गांव के विकास और गरीबों की मदद में खर्च करते हैं. हमारा ग्राम पंचायत एक आत्मनिर्भर गांव है.

ओडीओपी से पंचायतीराज व्यवस्था जुड़े
उन्होंने कहा कि ओडीओपी किसी न किसी गांव से ही निकलता है. गोरखपुर का टेराकोटा औरंगाबाद से निकला है. लखनऊ की चिकनकारी एक गांव से, अमरोहा का ढोलक और पीलीभीत की बांसुरी एक गांव से निकली है. इसी तरह संत कबीर नगर में बखिरा बर्तन का बहुत बड़ा केंद्र है. हमारी पंचायतों की जिम्मेदारी है कि हम अपने उत्पादों को प्रमोट करें. जब कोई त्योहार आता है तो हमारे जिले में जो चीज बन रही है उसे गिफ्ट में दें. महत्व इस बात का नहीं कि कितना महंगा उपहार है और कितना बड़ा है. महत्व यह है कि हमारे कारीगरों की मेहनत और हुनर कितना बेहतरीन तरीके से सामने आया है और हम कितना उसे आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं. पंचायती राज व्यवस्था को इससे जुड़ना पड़ेगा.

जिला पंचायत अध्यक्षों से सीएम ने किया संवाद
मुख्यमंत्री ने पांच जिला पंचायत अध्यक्षों से भी संवाद किया. इसमें शाहजहांपुर, प्रयागराज, सीतापुर, शामली और खीरी जिले के जिला पंचायत अध्यक्षों ने हॉट मिक्स प्लांट से सड़कों के निर्माण पर कहा कि इससे सड़कें और मजबूत होंगी और कार्य की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा.

'चीनी मिलों के संचालन पर दें विशेष ध्यान'

मुख्यमंत्री ने आज अपने सरकारी आवास पर उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने चीनी मिलों के सुचारू संचालन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को चीनी मिलों में गन्ने की आपूर्ति में कोई समस्या न हो. साथ ही गन्ना किसानों को बुआई के लिए गन्ने की बेहतर वेराइटी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश भी दिए. कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को एमएसपी के तहत अपनी उपज बेचने में कोई दिक्कत न हो. सीएम ने कहा कि जिन गांव में विभिन्न विकास योजनाओं को उत्कृष्ट ढंग से लागू किया गया है, ऐसे ग्रामों को माॅडल के रूप में प्रस्तुत करते हुए वहां जनप्रतिनिधि का भ्रमण कराया जाए. इससे अन्य ग्रामों में भी इसी प्रकार विकास कार्याें को बेहतर ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी.


पीएम कुसुम योजना से होगी सोलर पंपों की स्थापना
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 'प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान' (पीएम कुसुम योजना) प्रारम्भ की गई है. यह महत्वाकांक्षी योजना उत्तर प्रदेश में भी संचालित की जा रही है. इस योजना के अन्तर्गत सोलर पंपों की स्थापना की जा रही है. उन्होंने निर्देश दिए कि यह कार्य समयबद्ध ढंग से पूर्ण कराया जाए.

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