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मुख्यमंत्री ने सदन में नेता प्रतिपक्ष के आरोपों का दिया करारा जवाब, गिनाए किसान हित में उठाए गए कदम

विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान अन्नदाता किसानों के विषय पर तीन दिवसीय चर्चा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया. इस दौरान सीएम ने विपक्ष के आरोपों पर कराने जवाब दिए.

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Published : Aug 11, 2023, 5:04 PM IST

लखनऊ : सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ और सूखा से आपदा की चपेट में आए 4500 किसानों को पहले चरण में अब तक मुआवजा दिया गया है. वर्ष 2017 में सरकार ने 61 हजार 320 किसानों को लगभग 60 करोड़ का मुआवजा उपलब्ध कराया था. इसी प्रकार 2018-19 में भी तीन लाख 84 हजार 113 किसानों को 212 करोड़ का मुआवजा दिया गया, जिसमें से ज्यादातर सूखे से पीड़ित थे. 2019-20 में भी 64 करोड़ 32 लाख का मुआवजा अन्नदाता को प्रदान किया गया. 2020-21 में 120 करोड़ का मुआवजा तीन लाख 62 हजार 600 से अधिक किसानों को प्रदान किया गया. 2021-22 में 475 करोड़ रुपये एक करोड़ 39 लाख 49 हाजर से अधिक किसानों को कंपनसेशन दिया. 2022-23 में प्रदेश के 427 करोड़ रुपये 12 लाख 14 हजार किसानों को मुआवजा दिया गया. अब तक 8400 से अधिक किसानों को सरकार बाढ़ के कारण क्षति का मुआवजा दे चुकी है.

सदन में आरोपों का जवाब देते सीएम योगी.
सदन में आरोपों का जवाब देते सीएम योगी.



प्रदेश सरकार ने बाढ़ और सूखा के अलावा अन्य कई कदम भी उठाए हैं. कैसे इनसे बचाव किया जा सकता है. इस बार पश्चिमी उप्र में बाढ़ आई, लेकिन 40 से ज्यादा जिलों में सूखा देखने को मिला. बहुत सी जगह सिंचाई और पॉवर कॉर्पोरेशन ने अपने स्तर पर कार्य किए. नोडल अधिकारियों और प्रभारी मंत्रियों ने जनपदों के दौरे किए. प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के राहत के कार्य किए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 में वह पहली बार सीतापुर और लखीमपुर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने गए तो पता लगा कि उन्हें सूखे ब्रेड दिए जाते थे. कोई राहत नहीं, कोई मुआवजा नहीं. आपदा राहत का पैसा बंदरबांट हो जाया करता था. सीएम ने कहा कि मैंने उसी दिन बैठक ली और राहत किट तैयार करने का निर्णय लिया, जिसमें 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, दाल, नमक, माचिश, मसाले, केरोसिन ये सभी कुछ उपलब्ध कराने की व्यवस्था की और महिलाओं को डिग्निटी किट भी उपलब्ध कराया.

सदन में आरोपों का जवाब.
सदन में आरोपों का जवाब.


इस वर्ष 26 हजार 964 ड्राई राशन किट बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध कराए गए हैं. 2550 डिग्निटी किट प्रदान किए गए हैं. 909 बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं. पशुओं के लिए चारे भी बनाए गए. प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप, पशुओं का टीकाकरण, अतिरिक्त नौकाओं की व्यवस्था की गई. प्रशासन की कार्रवाई और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से पब्लिक में संतुष्टि का भाव देखने को मिला. प्रदेश में 403 एमएम बरसात को सामान्य माना जाता है पर पिछले कुछ वर्ष से देखने को मिला है कि मौसम चक्र में विसंगति का दुष्प्रभाव सबसे अधिक अन्नदाताओं पर पड़ता है. 403 एमएम बारिश में से अबतक 303 एमएम बारिश हुई है, लेकिन यह बारिश एक बार में हुई है. हमारी सरकार पहली सरकार है, जिसने अन्नदाता किसानों के हित में दो अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाए थे. हमने अपने पहले कार्यकाल में वन्य जीव और मानव संघर्ष को आपदा की श्रेणी में लाने का काम किया.

सदन में आरोपों का जवाब देते सीएम योगी.
सदन में आरोपों का जवाब देते सीएम योगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई व्यक्ति सर्पदंश और सांड से मरे, इन सभी को आपदा में घोषित करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है. हम तो सांड की नंदी के रूप में पूजा करते हैं. शिवपाल जी आप नहीं करते क्या तो कुछ तो समझाया करें इन्हें. सीएम ने कहा कि बिजनौर के किसानों की चर्चा नेता विरोधी दल कर रहे थे. आपको पता होना चाहिए कि 20 तेंदुओं को वहां से निकाला गया है और रेस्क्यू टीमें वहां लगातार कैंप कर रही हैं. हम किसान को सुरक्षित रखेंगे. साथ ही वन्यजीवों को रेस्क्यू करके सुरक्षित करने का कार्य भी करेंगे. नेता विरोधी दल से पूछना चाहता हूं कि पीएम आवास योजना से लाभान्वित 55 लाख लोग पीडीए के पार्ट नहीं हैं क्या? क्यों नहीं अबतक इन्हें आवास मिला था, क्योंकि वो दलित और गरीब थे. 2017 से अबतक 55 लाख लोगों को आवास दिलाए गए हैं. लोहिया आवास में आप सपा के कैडर को आवास देते थे. सपा कार्यालय ये तय करता था कि किसको आवास मिलना है. जब पीएम आवास की घोषणा हुई, तब केंद्र में कांग्रेस और प्रदेश में सपा की सरकार थी, उस वक्त की सूची को हमने स्वीकार करते हुए सभी को मकान देने का कार्य किया है. जब मोदी जी की सरकार आई तब भारत सरकार कहती थी कि आवास लीजिए और ये कहते थे कि दलित हमारा वोट बैंक नहीं है. यह लोग आवास देते ही नहीं थे. लगभग ढाई वर्ष तक ये सरकार में रहे. 2017 में जब हमारी सरकार आई उसके बाद 55 लाख गरीबों को आवास दिया गया है, जिसमें से 44 लाख से अधिक आवास में गृह प्रवेश भी हो चुका है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार गत वर्ष हमने बिजली के बिल में 50 फीसदी की छूट दी है. तब क्या कर रहे थे आप लोग. आपने कुछ नहीं किया और कुछ करना भी नहीं चाहते थे. 2023-24 के लिए हम फीडर को अलग कर रहे हैं. 1500 करोड़ का बजट इसके लिए प्रावधान कर चुके हैं, जिससे प्राइवेट नलकूप लगाने वाले किसानों को फ्री में बिजली उपलब्ध करा सकें. नलकूपों को सोलराइज करने की कार्रवाई हुई है. अब तक 45 हजार 342 किसानों को इससे आच्छादित किया है. 2023-24 में 30 हजार किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है. प्रदेश की नहरों में टेल तक पानी पहुंचाने का कार्य बहुत अच्छे ढंग से आगे बढ़ा है. पीएम कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 23 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि की सिचाई करने की योजना इसी का एक महत्वपूर्ण पहलू है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग विभाग की ओर से भी 30 हजार 642 तालाब और 1546 चेकडैम बनाए गए हैं. 13 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाने का कार्य हुआ है. 34 हजार 974 रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य हुआ है. 30 हजार 749 रियूज एंड रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाने का कार्य हुआ है. विभिन्न जिलों में नौ नदियों को पुनर्जीवित किया गया है और 66 के साथ यह कार्य किया जा रहा है. भूगर्भीय जल के स्तर को ऊपर उठाने का कार्य किया जा रहा है.


सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले बिजली वीआईपी जिलों में ही मिलती थी. शेष जिले इससे वंचित होते थे. आज यूपी में सभी जिलों में समान रूप से बिजली आपूर्ति की जा रही है. जिला मुख्यालय पर 23 से 24 घंटे, तहसील पर 20 से 22 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 16 से 18 घंटे की आपूर्ति 2017 से लगातार की जा रही है. एक लाख 29 हजार मजरों का विद्युतिकरण किया गया. 33 केवीए के 1528 सब स्टेशन बनाए गए. एक करोड़ 58 लाख घरों को फ्री बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराए गए. तीन लाख 99 हजार 800 से अधिक किसानों को निजी नलकूपों के कनेक्शन दिए गए. 2015-16 में पीक आवर 12300 मेगावाट की डिमांड होती थी, आज 28284 मेगावाट की डिमांड है. यह दिखाता है कि पिछली सरकार के पास केवल व्यक्तिगत एजेंडा था, विकास का कोई एजेंडा नहीं था. योगी ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा पॉवर सप्लाई लॉस को भी काफी कम किया गया है. 2017 से पहले ये 22 फीसदी था, आज ये 17 फीसदी के आसपास है. यह रिफॉर्म को दिखाता है. 2017 से पहले एक करोड़ 8 लाख विद्युत मीटर थे, आज 3 करोड़ 27 लाख से अधिक विद्युत मीटर लगाए गए हैं. विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में 12 से 17 के बीच में 4839 मेगावाट की विद्युत उत्पादन की क्षमता थी, जो अब बढ़कर 5820 मेगावाट की हो गई है. इसके अलावा 1600 मेगावाट के ओबरा तापीय परियोजना को आगे बढ़ाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाने का कार्य किया है. यह योजनाएं प्रदेश की आने वाली आवश्यक्ताओं की पूर्ति करने का कार्य करेंगी.


मुख्यमंत्री ने बताया कि 12 से 17 के बीच 19 लाख किसानों से 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद हुई थी. 12 हजार 800 करोड़ का भुगतान नगद किया गया था. इसमें आढ़ती और बिचौलिये बीच में थे. 17 और 22 से बीच 47 लाख 89 हजार किसानों से 225 लाख मीट्रिक टन खरीदा जाता है और 41 हजार 299 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से सीधे किसान के खाते में पैसा जाता है. 12 से 17 के बीच 14 लाख 87 हजार किसानों से धान क्रय किया गया. 17 से 23 के बीच में 53 लाख 68 हजार 600 से अधिक किसानों से धान की खरीद हुई. आपके समय 123 लाख मीट्रिक टन धान खरीद होती है, हमारे समय 345 लाख करोड़ मीट्रिक टन की खरीद हुई. आपने 17 हजार करोड़ भुगतान किया और हमने 63 हजार 936 करोड़ का भुगतान अन्नदाता किसानों को किया. 12 से 17 के बीच कोई क्रय केंद्र स्थापित नहीं होते थे. यह काम केवल बिचौलियों और आढ़तियों के माध्यम से होते थे. आप पर अन्नदाता किसानों का विश्वास नहीं था. गन्ना किसानों की बात करें तो जिस छपरौली चीनी मिल के उद्धार की बात चौधरी चरण सिंह जी करते रहे, समाजवादी पार्टी चार बार सरकार रहने के बावजूद ये कार्य नहीं कर सकी. हमें गर्व है कि छपरौली चीनी मिल हमारी सरकार में शुरू हुई. सपा सरकार में गन्ना किसानों का 95 हजार 200 करोड़ का भुगतान हुआ था. हमारी सरकार में 2 लाख 16 हजार करोड़ का भुगतान किसानों को किया है.




मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 से 17 के बीच 14 हजार 725 टीसीडी पेराई क्षमता का विस्तार हुआ. 2017 से 2022 के बीच 78 हजार 900 टीसीडी का विस्तार हुआ. गन्ना पेराई तीन हजार 734 लाख मीट्रिक टन हुआ और 17 से 23 के बीच में 6 हजार 404 लाख मीट्रिक टन की पेराई हुई है. चीनी उत्पादन 368 लाख मीट्रिक टन और 17 से 23 के बीच 682 लाख 44 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ है. 12 से 17 के बीच में गन्ने की औसत उपज 61.63 टन प्रति हेक्टेयर थी, जबकि आज उसी किसान के खेत में 83.95 टन का उत्पादन हो रहा है. अब तक गन्ना मूल्य का हम लोगों ने 22-23 में 38 हजार 51 करोड़ का भुगतान किया है जो 87 फीसदी है. मैं आश्वस्त करता हूं प्रदेश के सभी 65 लाख गन्ना किसानों का भुगतान शत प्रतिशत किया जाएगा. 12 से 17 में कुल 42 करोड़ लीटर इथनॉल का उत्पादन हुआ. आज अकेले एक वर्ष में 153.71 करोड़ लीटर का उत्पादन कर रहे हैं. यूपी चीनी ही नहीं इथनॉल में भी नंबर वन है. छाता के पुरानी चीनी मिल में इंटीग्रेटेड शुगर कॉम्प्लेस का निर्माण कर रहे हैं. ऐसे ही देवरिया में भी जल्द इसे बनाने जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें : Amendment in Criminal Laws : खत्म होगा राजद्रोह कानून, सीआरपीसी, आईपीसी और साक्ष्य कानूनों में बड़ा बदलाव

लखनऊ : सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ और सूखा से आपदा की चपेट में आए 4500 किसानों को पहले चरण में अब तक मुआवजा दिया गया है. वर्ष 2017 में सरकार ने 61 हजार 320 किसानों को लगभग 60 करोड़ का मुआवजा उपलब्ध कराया था. इसी प्रकार 2018-19 में भी तीन लाख 84 हजार 113 किसानों को 212 करोड़ का मुआवजा दिया गया, जिसमें से ज्यादातर सूखे से पीड़ित थे. 2019-20 में भी 64 करोड़ 32 लाख का मुआवजा अन्नदाता को प्रदान किया गया. 2020-21 में 120 करोड़ का मुआवजा तीन लाख 62 हजार 600 से अधिक किसानों को प्रदान किया गया. 2021-22 में 475 करोड़ रुपये एक करोड़ 39 लाख 49 हाजर से अधिक किसानों को कंपनसेशन दिया. 2022-23 में प्रदेश के 427 करोड़ रुपये 12 लाख 14 हजार किसानों को मुआवजा दिया गया. अब तक 8400 से अधिक किसानों को सरकार बाढ़ के कारण क्षति का मुआवजा दे चुकी है.

सदन में आरोपों का जवाब देते सीएम योगी.
सदन में आरोपों का जवाब देते सीएम योगी.



प्रदेश सरकार ने बाढ़ और सूखा के अलावा अन्य कई कदम भी उठाए हैं. कैसे इनसे बचाव किया जा सकता है. इस बार पश्चिमी उप्र में बाढ़ आई, लेकिन 40 से ज्यादा जिलों में सूखा देखने को मिला. बहुत सी जगह सिंचाई और पॉवर कॉर्पोरेशन ने अपने स्तर पर कार्य किए. नोडल अधिकारियों और प्रभारी मंत्रियों ने जनपदों के दौरे किए. प्रदेश सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के राहत के कार्य किए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 में वह पहली बार सीतापुर और लखीमपुर में बाढ़ पीड़ितों से मिलने गए तो पता लगा कि उन्हें सूखे ब्रेड दिए जाते थे. कोई राहत नहीं, कोई मुआवजा नहीं. आपदा राहत का पैसा बंदरबांट हो जाया करता था. सीएम ने कहा कि मैंने उसी दिन बैठक ली और राहत किट तैयार करने का निर्णय लिया, जिसमें 10 किलो चावल, 10 किलो आटा, 10 किलो आलू, दाल, नमक, माचिश, मसाले, केरोसिन ये सभी कुछ उपलब्ध कराने की व्यवस्था की और महिलाओं को डिग्निटी किट भी उपलब्ध कराया.

सदन में आरोपों का जवाब.
सदन में आरोपों का जवाब.


इस वर्ष 26 हजार 964 ड्राई राशन किट बाढ़ पीड़ितों को उपलब्ध कराए गए हैं. 2550 डिग्निटी किट प्रदान किए गए हैं. 909 बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं. पशुओं के लिए चारे भी बनाए गए. प्रभावित क्षेत्रों में मेडिकल कैंप, पशुओं का टीकाकरण, अतिरिक्त नौकाओं की व्यवस्था की गई. प्रशासन की कार्रवाई और जनप्रतिनिधियों की सक्रियता से पब्लिक में संतुष्टि का भाव देखने को मिला. प्रदेश में 403 एमएम बरसात को सामान्य माना जाता है पर पिछले कुछ वर्ष से देखने को मिला है कि मौसम चक्र में विसंगति का दुष्प्रभाव सबसे अधिक अन्नदाताओं पर पड़ता है. 403 एमएम बारिश में से अबतक 303 एमएम बारिश हुई है, लेकिन यह बारिश एक बार में हुई है. हमारी सरकार पहली सरकार है, जिसने अन्नदाता किसानों के हित में दो अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाए थे. हमने अपने पहले कार्यकाल में वन्य जीव और मानव संघर्ष को आपदा की श्रेणी में लाने का काम किया.

सदन में आरोपों का जवाब देते सीएम योगी.
सदन में आरोपों का जवाब देते सीएम योगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई व्यक्ति सर्पदंश और सांड से मरे, इन सभी को आपदा में घोषित करने वाला यूपी देश का पहला राज्य है. हम तो सांड की नंदी के रूप में पूजा करते हैं. शिवपाल जी आप नहीं करते क्या तो कुछ तो समझाया करें इन्हें. सीएम ने कहा कि बिजनौर के किसानों की चर्चा नेता विरोधी दल कर रहे थे. आपको पता होना चाहिए कि 20 तेंदुओं को वहां से निकाला गया है और रेस्क्यू टीमें वहां लगातार कैंप कर रही हैं. हम किसान को सुरक्षित रखेंगे. साथ ही वन्यजीवों को रेस्क्यू करके सुरक्षित करने का कार्य भी करेंगे. नेता विरोधी दल से पूछना चाहता हूं कि पीएम आवास योजना से लाभान्वित 55 लाख लोग पीडीए के पार्ट नहीं हैं क्या? क्यों नहीं अबतक इन्हें आवास मिला था, क्योंकि वो दलित और गरीब थे. 2017 से अबतक 55 लाख लोगों को आवास दिलाए गए हैं. लोहिया आवास में आप सपा के कैडर को आवास देते थे. सपा कार्यालय ये तय करता था कि किसको आवास मिलना है. जब पीएम आवास की घोषणा हुई, तब केंद्र में कांग्रेस और प्रदेश में सपा की सरकार थी, उस वक्त की सूची को हमने स्वीकार करते हुए सभी को मकान देने का कार्य किया है. जब मोदी जी की सरकार आई तब भारत सरकार कहती थी कि आवास लीजिए और ये कहते थे कि दलित हमारा वोट बैंक नहीं है. यह लोग आवास देते ही नहीं थे. लगभग ढाई वर्ष तक ये सरकार में रहे. 2017 में जब हमारी सरकार आई उसके बाद 55 लाख गरीबों को आवास दिया गया है, जिसमें से 44 लाख से अधिक आवास में गृह प्रवेश भी हो चुका है.


मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार गत वर्ष हमने बिजली के बिल में 50 फीसदी की छूट दी है. तब क्या कर रहे थे आप लोग. आपने कुछ नहीं किया और कुछ करना भी नहीं चाहते थे. 2023-24 के लिए हम फीडर को अलग कर रहे हैं. 1500 करोड़ का बजट इसके लिए प्रावधान कर चुके हैं, जिससे प्राइवेट नलकूप लगाने वाले किसानों को फ्री में बिजली उपलब्ध करा सकें. नलकूपों को सोलराइज करने की कार्रवाई हुई है. अब तक 45 हजार 342 किसानों को इससे आच्छादित किया है. 2023-24 में 30 हजार किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है. प्रदेश की नहरों में टेल तक पानी पहुंचाने का कार्य बहुत अच्छे ढंग से आगे बढ़ा है. पीएम कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत 23 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि की सिचाई करने की योजना इसी का एक महत्वपूर्ण पहलू है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग विभाग की ओर से भी 30 हजार 642 तालाब और 1546 चेकडैम बनाए गए हैं. 13 हजार से ज्यादा अमृत सरोवर बनाने का कार्य हुआ है. 34 हजार 974 रेन वाटर हार्वेस्टिंग का कार्य हुआ है. 30 हजार 749 रियूज एंड रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाने का कार्य हुआ है. विभिन्न जिलों में नौ नदियों को पुनर्जीवित किया गया है और 66 के साथ यह कार्य किया जा रहा है. भूगर्भीय जल के स्तर को ऊपर उठाने का कार्य किया जा रहा है.


सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले बिजली वीआईपी जिलों में ही मिलती थी. शेष जिले इससे वंचित होते थे. आज यूपी में सभी जिलों में समान रूप से बिजली आपूर्ति की जा रही है. जिला मुख्यालय पर 23 से 24 घंटे, तहसील पर 20 से 22 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 16 से 18 घंटे की आपूर्ति 2017 से लगातार की जा रही है. एक लाख 29 हजार मजरों का विद्युतिकरण किया गया. 33 केवीए के 1528 सब स्टेशन बनाए गए. एक करोड़ 58 लाख घरों को फ्री बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराए गए. तीन लाख 99 हजार 800 से अधिक किसानों को निजी नलकूपों के कनेक्शन दिए गए. 2015-16 में पीक आवर 12300 मेगावाट की डिमांड होती थी, आज 28284 मेगावाट की डिमांड है. यह दिखाता है कि पिछली सरकार के पास केवल व्यक्तिगत एजेंडा था, विकास का कोई एजेंडा नहीं था. योगी ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा पॉवर सप्लाई लॉस को भी काफी कम किया गया है. 2017 से पहले ये 22 फीसदी था, आज ये 17 फीसदी के आसपास है. यह रिफॉर्म को दिखाता है. 2017 से पहले एक करोड़ 8 लाख विद्युत मीटर थे, आज 3 करोड़ 27 लाख से अधिक विद्युत मीटर लगाए गए हैं. विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में 12 से 17 के बीच में 4839 मेगावाट की विद्युत उत्पादन की क्षमता थी, जो अब बढ़कर 5820 मेगावाट की हो गई है. इसके अलावा 1600 मेगावाट के ओबरा तापीय परियोजना को आगे बढ़ाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाने का कार्य किया है. यह योजनाएं प्रदेश की आने वाली आवश्यक्ताओं की पूर्ति करने का कार्य करेंगी.


मुख्यमंत्री ने बताया कि 12 से 17 के बीच 19 लाख किसानों से 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद हुई थी. 12 हजार 800 करोड़ का भुगतान नगद किया गया था. इसमें आढ़ती और बिचौलिये बीच में थे. 17 और 22 से बीच 47 लाख 89 हजार किसानों से 225 लाख मीट्रिक टन खरीदा जाता है और 41 हजार 299 करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से सीधे किसान के खाते में पैसा जाता है. 12 से 17 के बीच 14 लाख 87 हजार किसानों से धान क्रय किया गया. 17 से 23 के बीच में 53 लाख 68 हजार 600 से अधिक किसानों से धान की खरीद हुई. आपके समय 123 लाख मीट्रिक टन धान खरीद होती है, हमारे समय 345 लाख करोड़ मीट्रिक टन की खरीद हुई. आपने 17 हजार करोड़ भुगतान किया और हमने 63 हजार 936 करोड़ का भुगतान अन्नदाता किसानों को किया. 12 से 17 के बीच कोई क्रय केंद्र स्थापित नहीं होते थे. यह काम केवल बिचौलियों और आढ़तियों के माध्यम से होते थे. आप पर अन्नदाता किसानों का विश्वास नहीं था. गन्ना किसानों की बात करें तो जिस छपरौली चीनी मिल के उद्धार की बात चौधरी चरण सिंह जी करते रहे, समाजवादी पार्टी चार बार सरकार रहने के बावजूद ये कार्य नहीं कर सकी. हमें गर्व है कि छपरौली चीनी मिल हमारी सरकार में शुरू हुई. सपा सरकार में गन्ना किसानों का 95 हजार 200 करोड़ का भुगतान हुआ था. हमारी सरकार में 2 लाख 16 हजार करोड़ का भुगतान किसानों को किया है.




मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 से 17 के बीच 14 हजार 725 टीसीडी पेराई क्षमता का विस्तार हुआ. 2017 से 2022 के बीच 78 हजार 900 टीसीडी का विस्तार हुआ. गन्ना पेराई तीन हजार 734 लाख मीट्रिक टन हुआ और 17 से 23 के बीच में 6 हजार 404 लाख मीट्रिक टन की पेराई हुई है. चीनी उत्पादन 368 लाख मीट्रिक टन और 17 से 23 के बीच 682 लाख 44 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ है. 12 से 17 के बीच में गन्ने की औसत उपज 61.63 टन प्रति हेक्टेयर थी, जबकि आज उसी किसान के खेत में 83.95 टन का उत्पादन हो रहा है. अब तक गन्ना मूल्य का हम लोगों ने 22-23 में 38 हजार 51 करोड़ का भुगतान किया है जो 87 फीसदी है. मैं आश्वस्त करता हूं प्रदेश के सभी 65 लाख गन्ना किसानों का भुगतान शत प्रतिशत किया जाएगा. 12 से 17 में कुल 42 करोड़ लीटर इथनॉल का उत्पादन हुआ. आज अकेले एक वर्ष में 153.71 करोड़ लीटर का उत्पादन कर रहे हैं. यूपी चीनी ही नहीं इथनॉल में भी नंबर वन है. छाता के पुरानी चीनी मिल में इंटीग्रेटेड शुगर कॉम्प्लेस का निर्माण कर रहे हैं. ऐसे ही देवरिया में भी जल्द इसे बनाने जा रहे हैं.

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