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नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे में अखिलेश यादव से आगे निकले सीएम योगी, जानिए क्या हुए परिवर्तन

पोषण की 897 परियोजनाओं के माध्यम से योगी सरकार ने कुपोषण को मात देने में अखिलेश यादव की सरकार के मुकाबले 10 कदम आगे निकल गई है. नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे में बाैनापन, सूखापन, अल्प वजन और गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की शिकायत में 10 प्रतिशत अधिक की कमी का दावा किया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 6, 2023, 11:51 AM IST

लखनऊ : प्रदेश में एनीमिया, बौनापन, अल्प वजन और सूखापन की बीमारियों का प्रकोप कम हुआ है. प्रदेश भर में 897 परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं. जिसे बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत एक लाख 89 हजार 21 आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है. वर्तमान में कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए दो करोड़ से अधिक लाभार्थी याेगी सरकार की पोषण से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का लाभ ले रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे के आंकड़े

  • प्रदेश के बच्चों में अल्प वजन की शिकायत में 7.4 प्रतिशत की कमी.
  • प्रदेश में वर्ष 2015-2016 के सापेक्ष वर्ष 2019-2020 में एनीमिया, बौनापन, अल्प वजन और सूखापन में सुधार दर्ज किया गया है.
  • वर्ष 2015-16 में प्रदेश की 51 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की शिकायत थी जबकि वर्ष 2019-21 में इसमें 5.1 प्रतिशत का सुधार.
  • 2015-16 में प्रदेश के 46.3 प्रतिशत बच्चों में बौनापन की शिकायत थी, जबकि वर्ष 2019-21 में इसमें 6.6 प्रतिशत का सुधार हुआ है.
  • वर्ष 2015-16 में प्रदेश के 39.5 प्रतिशत बच्चों में अल्पवजन की शिकायत थी, जबकि वर्ष 2019-21 में इसमें 7.4 प्रतिशत का सुधार हुआ है.
  • वर्ष 2015-16 में प्रदेश के 17.9 प्रतिशत बच्चों में सूखापन की शिकायत थी, जबकि वर्ष 2019-21 में इसमें 0.6 प्रतिशत का सुधार.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक उच्च स्तरीय बैठक में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार की पहल से प्रदेश में कुपोषण में सुधार दर्ज किया गया है. प्रदेश भर में दो करोड़ आठ लाख 42 हजार 924 लाभार्थी पोषण संबंधी विभिन्न परियोजनाओं का लाभ उठा रहे हैं.



यह भी पढ़ें : नेशनल फैमिली हेल्थ का सर्वे : जम्मू-कश्मीर में होता है सबसे कम बाल विवाह

National Health Family Survey Uttarakhand : नशे को लेकर चौंकाने वाली रिपोर्ट, पुरुषों से आगे महिलाएं

लखनऊ : प्रदेश में एनीमिया, बौनापन, अल्प वजन और सूखापन की बीमारियों का प्रकोप कम हुआ है. प्रदेश भर में 897 परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं. जिसे बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत एक लाख 89 हजार 21 आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिये लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है. वर्तमान में कुपोषण को जड़ से खत्म करने के लिए दो करोड़ से अधिक लाभार्थी याेगी सरकार की पोषण से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं का लाभ ले रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में नेशनल हेल्थ फैमिली सर्वे के आंकड़े

  • प्रदेश के बच्चों में अल्प वजन की शिकायत में 7.4 प्रतिशत की कमी.
  • प्रदेश में वर्ष 2015-2016 के सापेक्ष वर्ष 2019-2020 में एनीमिया, बौनापन, अल्प वजन और सूखापन में सुधार दर्ज किया गया है.
  • वर्ष 2015-16 में प्रदेश की 51 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की शिकायत थी जबकि वर्ष 2019-21 में इसमें 5.1 प्रतिशत का सुधार.
  • 2015-16 में प्रदेश के 46.3 प्रतिशत बच्चों में बौनापन की शिकायत थी, जबकि वर्ष 2019-21 में इसमें 6.6 प्रतिशत का सुधार हुआ है.
  • वर्ष 2015-16 में प्रदेश के 39.5 प्रतिशत बच्चों में अल्पवजन की शिकायत थी, जबकि वर्ष 2019-21 में इसमें 7.4 प्रतिशत का सुधार हुआ है.
  • वर्ष 2015-16 में प्रदेश के 17.9 प्रतिशत बच्चों में सूखापन की शिकायत थी, जबकि वर्ष 2019-21 में इसमें 0.6 प्रतिशत का सुधार.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक उच्च स्तरीय बैठक में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार की पहल से प्रदेश में कुपोषण में सुधार दर्ज किया गया है. प्रदेश भर में दो करोड़ आठ लाख 42 हजार 924 लाभार्थी पोषण संबंधी विभिन्न परियोजनाओं का लाभ उठा रहे हैं.



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